निर्भया गैंगरेप केस के 5 साल ..लेकिन महिला सुरक्षा आज भी मजाक ?

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 16 दिसम्बर 2017, 10:58 AM (IST)

नई दिल्ली।दिल्ली का निर्भया गैंगरेप केस तो आपको जरूर याद होगा। 16 दिसंबर 2012 को हुए इस जघन्य अपराध ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।क्या अपना क्या पराया सभी के आंखों में आसूं थे। आज इस बर्बरता को पूरे 5 साल पूरे हो गए हैं। इस भयावह घटना के बाद संसद से सड़क तक लोगों ने उतरकर इस छात्रा को इंसाफ दिलाने के लिए जोरदार प्रदर्शन किया।तत्कालीन केंद्र सरकार ने महिला सुरक्षा के नाम पर निर्भया फंड भी बनाया,कानून को सख्त बनाने की कोशिश कागजों में की गई। लेकिन आप ही बताएं ना तो आज कुछ बदला है और सरकारी चाल का ढर्रा एेसा ही है कि बदलने के आसार आगामी सालों में नजर नहीं आ रहे हैं। महिलाओं के प्रति ना तो अपराधों में कमी हुई हैं और ना हीं समाज का नजरिया जरा सा भी बदला है।लोग भी अब शायद निर्भया गैंगरेप को एक महज हादसा मानकर भूल चुके हैं।


आपको याद होगा कितनी हैवानियत से चलती बस में एक छात्रा के साथ 6 हैवानों ने बर्बरता से रेप किया था और जुल्म की सारी हदें पार कर दी थी।और बिना कपड़ों के उसको बस के बाहर उसके दोस्त के साथ बाहर फेंक दिया गया था। दिल्ली से सिंगापुर तक छात्रा का इलाज चला लेकिन कोई दवा और दुआ काम नहीं आई और छात्रा मौत के मुंह में समा गई।



सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई को चार वयस्क मुजरियों के मृत्युदंड को सही ठहराया।वहीं इसके अलावा एक ने जेल में खुदकुशी कर ली और एक नाबालिग था जो तीन साल की मामूली सजा काट कर सुधार गृह से बाहर आकर अपनी जिंदगी हंसी खुशी से बिता रहा है।



वहीं आज के दौर में 5 साल बाद भी कुछ नहीं बदला है। इस वक्त कानून व्यवस्था राजधानी दिल्ली में रेंग रही है।आए दिन महिलाओं के साथ अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। लेकिन सब हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।छात्रा की मां ने भी कई बार इन सभी मुजरिमों को मौत की सजा देने की मांग करती आ रही है लेकिन आज 5 साल बाद इन सभी गुनाहगार इतने घिनौने अपराध के बाद भी सिर्फ सलाखों के पीछे है उन्हें मौत की सजा आखिर क्यों नहीं हुई ?



मौजूदा वक्त में राजधानी दिल्ली में कानून व्यवस्था पर केजरीवाल सरकार नहीं बल्कि गृहमंत्रालय का जोर रहता है।ऐसे में आज भी कई बार तमाम घटनाएं दोनों ही दलों के बीच राजनीति का शिकार बन जाती है।


अब आज भी बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या छात्रा को यहीं इंसाफ मिला है ? और क्या आगे कभी भी दरिंदगी का शिकार हुई उस छात्रा को इंसाफ मिलने की उम्मीद है?

तो ऐसे में हमें अब जागने की जरूरत है और सरकारों को भी गहरी नींद से जगाने की जरूरत है ..तो देर किस बात की आज से ही सही अपने नजरिए को आपको और हम सभी को बदलने की जरूरत है ताकि इस तरह की हैवानियत कभी किसी के साथ करने की हिमाकत कोई भी ना कर सकें।

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