सही और गलत के अलावा भी कुछ होता है ‘मॉनसून शूटआउट’

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 15 दिसम्बर 2017, 4:19 PM (IST)

फिल्म : मॉनसून शूटआउट
निर्माता : गुनीत मोंगा
निर्देशक : अमित कुमार
कलाकार : नवाजुद्दीन सिद्दीकी, नीरज काबी, तनिष्ठा चटर्जी, गीतांजलि थापा, श्रुति बान्पा, विजय वर्मा


अमित कुमार के निर्देशन में बनी फिल्म ‘मॉनसून शूटआउट’ आज रिलीज हो गई है। फिल्म में अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी एक अपराधी की भूमिका में है। इस बार भी एक गैंगस्टर की भूमिका में नवाजुद्दीन काफी जम रहे है। उनके अलावा फिल्म में विजय वर्मा एक पुलिसवाले की भूमिका में हैं। मुंबई में होने वाले क्राइम पर बनी फिल्में तो आपने पहले भी देखी होंगी, लेकिन अमित कुमार के निर्देशन में बनी मॉनसून शूटआउट अलग है। फिल्म में कहानी से ज्यादा स्टाइल पर ध्यान दिया है। फिल्म को देखकर दर्सकों को नए पन का एहसास मिलता है।

इस फिल्म में बताया गया है कि जिंदगी में एक सही रास्ता होता है और दूसरा गलत। एक तीसरा रास्ता भी होता है ‘फिल्मीवाला’। जीवन में कई बार ऐसी सिचवेशन में फंस जाते है उस समय यह तय करना काफी मुश्किल होता है कि क्या सही है और क्या गलत। एक फैसला पूरी जिंदगी बदल सकता है।

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कहानी : फिल्म की कहानी एक पुलिसवाले आदी (विजय वर्मा) और एक हत्या के आरोपी शिवा (नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी) के इर्द-गिर्द घूमती है। आदि क्राइम ब्रांच ज्वॉइन करता है और अपने पहले ही केस में वो इस असमंजस में फंस जाता है कि उसे कत्ल के आरोपी शिवा को शूट करना चाहिए या नहीं।

सारे अधिकार होते हुए भी आदि दुरुपयोग करने से बचता है। आदि के ऊपर एक सुपारी किलर शिवा (नवाजुद्दीन) को मारने की जिम्मेदारी है। ये सुपारी किलर बिल्डर्स को धमकाकर उनसे मोटे पैसे वसूल करते हैं। एक दिन आदि का शिवा से सामना होता है। मॉनसून के मौसम में उस वक्त बारिश हो रही होती है। आदि के हाथ में पिस्तौल होती है और सामने शिवा, लेकिन उस वक्त आदि के दिमाग में पिता के शब्द गूंज रहे होते हैं जहां वो तीन रास्तों के बारे में बताते हैं। सही, गलत, बीच का। आदि समझ नहीं पाता है वो क्या करे। सामने खूंखार किलर, और ये तीन शब्द। फिर आदि करता है एक फैसला, एक ऐसा फैसला जो आपको भी सोचने के लिए मजबूर कर देता है। यही से शुरू होती है फिल्म की असली कहानी।

क्राइम-ड्रामा फिल्म मॉनसून शूटआउट से डायरेक्शन की शुरुआत करने वाले अमित कुमार ने इस फिल्म की फिल्म की पूरी कहानी इस बात पर टिकी है कि आदी का सामना जब कत्ल के आरोपी शिवा (नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी) से होता है तो उसका एक फैसला कैसे उसकी और शिवा की पूरी जिंदगी बदल सकता है।

निर्देशन : अमित कुमार किसी भी बेजान चीज में जान फूंकने का मंत्र जानते हैं। इसलिए उन्होंने इस फिल्म एक अलग अंदाज में दर्शकों के सामने पेश किया है। फिल्म में तीन रास्तों की बात की है तो फिल्माया भी तीन तरीके से ही गया है। स्क्रीनप्ले पर कुछ और भी मेहनत की जा सकती थी। आप क्राइम-ड्रामा टाइप की फिल्में देखना पसंद करते हैं तो इस फिल्म को देखा जा सकता है।

एक्टिंग : नवाजुद्दीन ने एक कातिल के रूप में बेहतरीन अभिनय किया है। अपनी पहल फिल्म में विजय वर्मा ने भी अच्छा काम किया है। लेकिन ऐसे किरदार को लेकर पहले भी कई तरह की फिल्में बन चुकी हैं इसलिए बहुत कुछ करने का मौका तो नहीं मिल पाया। लेकिन हां, जितना भी मौका मिला उसमें वे सफल हुए।