चंडीगढ़ । हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि लोगों को सुविधायुक्त चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश में शीघ्र ही ‘क्लिनिकल इस्टेब्लिशमैंट एक्ट’ लागू किया जाएगा। इसके लिए अध्यादेश भी लाया जा सकता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में अनेक निजी अस्पताल उपचार के नाम पर मरीजों से अत्याधिक पैसा वसूली करते हैं, जिससे आम आदमी को आर्थिक एवं मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ता है। इन अस्पतालों की ओवर चार्जिंग पर लगाम लगाने के लिए क्लिनिक स्थापना अधिनियम महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और लोगों को राहत मिलेगी। इस अधिनियम के लागू होने पर जहां निजी अस्पतालों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवानी होगी वहीं उपचार की विभिन्न प्रक्रियाओं के दामों का प्रदर्शन करना होगा।
विज ने बताया कि प्रदेश के जिन अस्पतालों ने सरकारी भूमि सस्ती दर पर लेकर अस्पताल बनाये है, उनकी जांच करवाई जाएगी। इसके लिए नियमों को अनदेखा करने वाले अस्पतालों की लीज कैंसल करने की संभावनाएं तलाशने के लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को कहा जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों की 3 मांगों में शामिल दो मांगें पहले ही पूरी कर दी गई है। इनमें उनके वेतन में 3 प्रतिशत की बढोतरी तथा सेवा नियम बनाने शामिल है। उन्होंने कहा कि एनएचएम कर्मचारियों की तीसरी पक्का करने की मांग केन्द्र सरकार से संबंधित है, जिस पर केन्द्र सरकार को फैसला लेना है। ये कर्मचारी किसी प्रोजैक्ट के तहत काम कर रहे है, जिसका संबंध केन्द्र सरकार से है। राज्य के अस्पतालों में मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कत नही होने दी जाएगी, उसके सरकारी कर्मचारी हैं।
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