राम मंदिर: इधर मुस्लिम पक्षकार भी सिब्बल की दलील से नाराज

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 06 दिसम्बर 2017, 9:32 PM (IST)

अयोध्या/फैजाबाद। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले की सुनवाई जुलाई, 2019 तक टालने की अधिवक्ता व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल की अदालत में दी गई दलील से सुन्नी वक्फ बोर्ड से संबद्ध पक्षकार ने खुद को अलग कर लिया है, साथ ही सिब्बल की मंशा पर सवाल उठाया है। सुन्नी वक्फ बोर्ड के पक्षकार ने कहा है कि इस मामले की सुनवाई टलवाने की गुजारिश नहीं करनी चाहिए थी। इस मामले में अब फैसला जल्द आना चाहिए ताकि अयोध्या का विकास हो और लोग सुकून से रह सकें।

मीडिया से बातचीत में बुधवार को मुस्लिम पक्षकार हाजी महबूब ने कहा, "कपिल सिब्बल हमारे वकील होने के साथ कांग्रेस के नेता भी हैं। लेकिन, इस बारे में उन्होंने मुझसे कोई बात नहीं की थी। उन्होंने यह नहीं बताया था कि वह मामले की सुनवाई टलवाने की मांग करेंगे। मैं उनकी इस सोच से इत्तेफाक नहीं रखता हूं।"

हाजी महबूब ने कहा, "अयोध्या के विकास और सुकून के लिए अब इस मामले को जल्द से जल्द खत्म करना चाहिए। जल्द फैसला आना चाहिए। कपिल सिब्बल का 2019 तक सुनवाई टालने का नजरिया राजनीतिक है, हमें भी नहीं मालूम था कि वह ऐसा तर्क अदालत में देंगे।"

उन्होंने कहा, "यह मसला अब और नहीं टलना चाहिए, राजनीति अलग होती है और आस्था अलग। वक्फ बोर्ड का चुनाव और राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।"

क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद में कानून बनवाकर अयोध्या के विवादित परिसर में मंदिर बनवाने की कोशिश की जा सकती है, इस सवाल पर हाजी महबूब ने कहा, "मोदीजी के बारे में कुछ नहीं कहना चाहता। हालांकि मेरा मानना है कि ईमानदार वजीर-ए-आजम के तौर वह ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे।"

विवादित स्थल पर सार्वजनिक निर्माण कराए जाने के सुझाव को लेकर किए गए सवाल पर उन्होंने कहा, "मस्जिद की जमीन छोड़ दी जाए और उसके बाद जो कुछ भी बचे उसपर चाहे जो भी किया जाए, मुझे फर्क नहीं पड़ता।"

आईएएनएस

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