...20 में से 10 लाख ही सफल इंजीनियर्स बन पाते हैं

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 04 दिसम्बर 2017, 4:33 PM (IST)

जयपुर। राजस्थान काॅलेज आॅफ इंजीनियरिंग फाॅर वूमेन एवं राजस्थान तकनीकी पुस्तकालय संघ के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी “इंमर्जिंग एण्ड इनोवेटिव टेक्नाॅलोजी एप्लीकेसंस इन लाइब्रेरीज एण्ड इनर्फोमेषन संेटर्स” का आयोजन गया।

सेमिनार की शुरूआत संस्था के प्राचार्य प्रो. डाॅ अषोक कुमार सभी पुस्तकालयाध्यक्षों का स्वागत किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अखिल भारतीय तकनीकी षिक्षा परिषद, नई दिल्ली के वाइस चेयरमैन डाॅ एम पी पूनिया ने कहा कि भारत में 10300 तकनीकी संस्थानों में लगभग 36 लाख सीटे हैं जिनमें से केवल 20 लाख सीटों पर ही प्रवेष होते हैं। उसमें भी लगभग 7 लाख किसी कारण से अपनी इंजीनियरिंग पूरी नहीं कर पाते हैं। केवल 10 लाख सफल इंजीनियर्स बन पाते हैं, जिसमें पुस्तकालयाध्यक्ष अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार अभी इंजीनियर्स के स्कील डवलपमेंट के लिए कई प्रकार की योजनाएं चला रही है।

एमएनआईटी, जयपुर के डायरेक्टर उदयकुमार आर यारागट्टी ने पुस्तकालयों में उपलब्ध नई-नई तकनीकों के बारे में बताते हुए यूजर्स को उनके उपयोग को बढ़ाने का आहवान किया। विषय विषेषज्ञ और और सेमिनार स्पीकर प्रो0 डाॅ0 एम0 कोंगनुरामठ, डीन, सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी, गुजरात ने कहा कि पुस्तकालय में नित नई-नई तकनीकों का आविष्कार हो रहा है, जिससे सभी पुस्तकालय विज्ञान से जुडे प्रोफेसनल्स को परिचित होना चाहिए। साथ ही उन्होने ओपन एक्सेस साॅफ्टवेयर, तकनीकों के बारे में बताया।

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