कांग्रेस ने कसा तंज, संसद सत्र तिथि की जानकारी सिर्फ ‘ब्रह्मा’ मोदी को

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 21 नवम्बर 2017, 9:54 PM (IST)

नई दिल्ली। कांग्रेस ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर विपक्ष के सवालों से बचने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में देरी करने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने कहा कि सरकार बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, जीएसटी और अमित शाह के बेटे जय शाह के खिलाफ मुद्दों पर विपक्ष के सवालों से भाग रही है, जो गुजरात विधानसभा में उसे बेपर्दा कर सकते हैं। पार्टी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘ब्रह्मा’ करार दिया। नेताओं ने कहा कि वही अकेले हैं, जिन्हें पता है कि सत्र कब आयोजित किया जाएगा। नेताओं ने कहा कि वह शीतकालीन सत्र को बुलाने में देरी पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी संपर्क करेंगे और उनसे नोटिस देने का आग्रह करेंगे।

पार्टी का कहना है कि सरकार ने संसद को एक ‘मजाक’ बना दिया है और वे गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले संसद के शीतकालीन सत्र को बुलाने से खुद को ‘बेपर्दा होने से डर’ रहे हैं। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘‘मैंने कई बार संसदीय कार्यमंत्री (अनंत कुमार) से मुलाकात की और हमें शीतकालीन सत्र के शुरू होने की तारीख बताने के लिए कहा, ताकि हम उसके मुताबिक तैयारी कर सकें।’’ आजाद ने कहा, ‘‘लेकिन उनके पास इस बात की कोई जानकारी नहीं थी, क्योंकि पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) ने इसकी पुष्टि नहीं की है।’’

आजाद ने यह भी कहा कि सरकार शीतकालीन सत्र इसलिए नहीं बुला रही है, क्योंकि वह बेरोजगारी, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के कार्यान्वयन और भ्रष्टाचार के सवालों का सामना नहीं करना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘‘हम सरकार से नौकरियां देने और राजस्व की कमाई के फार्मूले के बारे में पूछना चाहते हैं, जहां से कोई व्यक्ति 15 लाख रुपये से 80 करोड़ रुपये कमा सकता है। अगर भाजपा अध्यक्ष (अमित शाह) के पास इस कंपनी के लिए यह फार्मूला है, तो उन्हें इसे देश के साथ भी साझा करना चाहिए। आजाद ने जय शाह के खिलाफ आरोपों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘यह गुजरात मॉडल है।’’

आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव अभियान पर हमला करते हुए कहा, ‘‘पिछले 70 सालों में किसी प्रधानमंत्री ने पंचायत चुनाव से लेकर संसद चुनाव में प्रचार नहीं किया है। उन्होंने अपने दौरे के लिए रक्षा विमान और हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया। इन यात्राओं की लागत क्या है? यह भी एक घोटाला है, जो हजारों करोड़ों में चल रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार चुनाव मशीनरी बन गई है और कैबिनेट मंत्री हर समय चुनाव के लिए प्रचार कर रहे हैं।’’राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता आनंद शर्मा ने वित्तमंत्री अरुण जेटली पर उनके बयान के लिए निशाना साधा, जिसमें जेटली ने कहा था कि अतीत में भी शीतकालीन सत्र में विलंब हुआ था। शर्मा ने कहा, ‘‘उन्होंने बिना सोचे-समझे बयान दिया। उन्हें तथ्यों की जांच करनी चाहिए थी। वह तथ्यात्मक रूप से गलत हैं। उन्होंने जो कहा हम उसे अस्वीकार करते हैं कि 2011 में ऐसी ही स्थिति थी।’’


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उन्होंने आगे कहा, ‘‘इस सदी में कम से कम यह नहीं हुआ। 2011 में संसद को बुलाने की तारीख तीन नवंबर थी। सत्र औपचारिक रूप से 22 नवंबर को बुलाया गया और 30 दिसंबर को संपन्न हुआ।’’शर्मा ने यह भी कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और उनके मंत्रियों को झूठ, लोगों को भ्रमित करने और अर्ध-सत्य की कला में महारत हासिल है।’’ उन्होंने वित्तमंत्री और प्रधानमंत्री को ‘पाखंडी’ भी कहा। लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा, ‘‘वे नहीं चाहते कि संसद में चर्चा हो, इसलिए शीतकालीन सत्र को टालने के लिए विभिन्न तरह के बहाने बना रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे संसद सत्र आहूत करते हैं और चर्चा के लिए आते हैं तो सबके सामने बेपर्दा हो जाएंगे। जिस कारण वे सत्र को गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद बुलाने का प्रयास कर रहे हैं।’’उन्होंने कहा कि जो कुछ भी नरेंद्र मोदी की सरकार में हो रहा है, वह ‘लोकतंत्र पर हमला’ है। इस साल लोकसभा में मात्र 38 बैठकें हुई हैं, जो पिछले 70 सालों में सबसे कम है। उन्होंने कहा, ‘‘इस सरकार के मंत्रियों और लोकसभा अध्यक्ष को भी नहीं पता कि सत्र कब बुलाया जाएगा। केवल एक शख्स को इस बात की जानकारी है और वह है ‘ब्रह्मा’। आप लोकतंत्र को चलाने में मनमौजी नहीं हो सकते।’’

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