पराली से मिल रही है किसानों को नगदी और बिजली

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 15 नवम्बर 2017, 5:01 PM (IST)

दलजीत अजनोहा, होशियारपुर। जिले के गांव बिन्जों में लगे एनर्जी प्लांट से जिले के लोगों को पराली या अन्य फसलों की बेसट को खरीदा जा रहा है। इससे किसानों को पराली जलाने की समस्या से तो निजात ही मिल ही गया है। साथ में उनके इसके अच्छे दाम भी मिल रहे हैं। इलाके के लोगों को इस कारखाने से रोजगार भी मिल रहा है। इससे पर्यावरण भी प्रदूषित नहीं हो रहा है।

मुबई निवासी लाड साहिब, कमलेश और गोमानी तीनों सांझीवालों की ओर से जिला होशियारपुर के गांव बिन्जों में लगाया गया ग्रीन प्लांट एनर्जी प्राईवेट लिमिटड क्षेत्र के आवाम और किसानों के लिए वरदान के रुप मे साबित हो रहा है जिससे पर्यावर्ण तो साफ हो ही रहा है। साथ में किसानों की फसलों में जो बेसट होता है वह भी इस प्लांट की ओर से खरीदा जा रहा है जिसमें धान की बेसट, गन्ने की बेसट, तूडी, सफेदा, पापूलर, सरसों, लक्कड आदि शामिल है जिन्हें पराली में मिल का बिजली का उत्पादन किया जा रहा है और बिजली की कमी को पूरा किया जा रहा है। वहीं पर क्षेत्र के बेरोजगार लोगो के लिए रोजगार के साधन भी वन रहे है।

यह पलांट 2009 में वनना आरम्भ हुया था जिसका उदघाटन 2010 में उस समय के शिरोमणी अकाली दल के अधयक्ष सुखबीर बादल और डा. फारुक अबदुल्ला जी की ओर से संयुकत रुप में किया गया था इस पलांट में कर्मचारियों कुल क्षमता 150 है और इस समय 150 कर्मचारी व अधिकारी कार्यरत है जिनमें जसपाल सिंह गिल जनरल मैनेजर, सत्यावीर सिंह यादव और रणजोध सिंह परमार के सहित 65 कर्मचारी व अधिकारी रैगूलर है और 85 कर्मचारी डेली वेज पर है इस पलांट की बिजली उत्पन्न करने की कुल क्षमता 7.2 मैगावाट टरबाईन है जब कि इस पलांट से 6.5 मैगावाट बिजली उतपन्न करके क्षेत्र के दो 66 के वी सब सटेशनों के अंत्रगत पडते गांवों को बिजली दी जा रही है जिनमें 66 केवी सब सटेशन कोट फतूही, 66 के वी सब सटेशन माहिलपुर शामिल हैं इस तरह बिजली निरंतर मिलने से यहां किसान और आम लोग इस पलांट से पूरी तरह से खुश है वहीं पर लोगो को रुजगार भी मिल रहा है किसानो का किसी भी फसल का बेसट पलांट की ओर से खरीद कर लिया जाता है जिसे पूरी मिकदार में परामी में मिलाकर बिजली उतपन्न की जाती है।

पलांट के स्टोर इंचार्ज सत्यवीर यादव ने जानकारी देते हुए वताया कि इस प्लांट में होशियारपुर के अतिरिकत , दसूहा, टाडां, कपूरथला, माछीवाडा, नवांशहर, आदमपुर, जालंधर, आदि से किसान अपनी फसलों की बेसट लेकर आते है। किसानों से पलांट की ओर से पराली प्रति क्विंटल 140 रुपए, पत्ता कुटी 230 रुपए, गन्ने की बेसट 160 रुपए, तूडी250 रुपए , और धान की बेसट 180 रुपए खरीदे जाते है । इस तरह प्लांट किसानों की बेसट को भी खरीद लेता है और निकट भविष्य में और भी रेट वढ सकता है इस तरह इस प्लांट से क्षेत्र के करीब 500 से ज्यादा परिवारों को रोजगार मिला हुया है।

इस सबंध में ओर जानकारी देते हुए यादव ने वताया कि इस प्लांट में प्रतिदिन 280 से 300 टन पराली आती है और पलांट में रोजाना 80 से 90 टन पराली और अन्य बेसट मिलाकर 220 टन से बिजली उतपन्न की जाती है उन्होने आगे वताया कि इसी तरह का एक पलांट गांव बीर (नकोदर) में लगा हुया है वहां भी इसी तरह बेरोजगारो को रोजगार दिया गया है। मालवा में गांव माणूके गिल (मोगा) में भी तैयार हो गया है और जल्द ही वह भी अपना काम करना आरम्भ कर देगा।
इस अवसर पर पलाट में अपनी फसलों का बेसट और पराली लेकर आए किसान शमशेर सिंह ने वताया कि वह अपने खेतों से पराली लेकर आया है और उसे प्लांट की ओर से बहुत ही कम समय में उसकी पैमेंट कर दी गई है। उसका कहना है कि किसानों को पराली को आग न लगाकर इस तरह के पलांट में लेकर आना चाहिए जिससे उनकी आमदन भी वढती है और बेसट का भी कोई झंझट नही रहता।



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किसान विकासदीप निवासी कोटला जो अपने खेतों से बेसट लेकर आया था उसने कहा कि वह पिछले काफी समय से अपनी फसल की बेसट पलांट में लेकर आते है यहां उन्हे बेसट के पैसे मिलते है वही पर उन्हे अपनी फसल के बेसट का को मानसिक तनाव भी नही रहता। उन्होंने किसानों को अपील की कि वह अपनी पराली और बेटस पलांट में लाए।
पप्पू मानसा (डेलूयाणा) ने भी किसानों को पराली को आग न लगाने की अपील करते हुए कहा कि वह अपना बेसट या पराली पलांट में लाए यहां उन्हें उसके सही दाम मिलेंगे।

रोजगार के साथ सम्मान भी
बलवीर सिंह बिन्जो और नरिंदर सिंह भी इस प्लांट की ओर से दिए गए रोजगार से बहुत खुश थे उनका कहना था कि वह जब से इस पलांट में कार्यरत हुए है तब से उनकी घरेलू दशा में काफी सुधार हुया है और वह अपनी डयूटी समरर्पित होकर करते है। फर्म की ओर से उन्हें दिन-त्योहार पर भी कारण मान सम्मान दिया जाता है । क्षेत्र में इस तरह के प्लांट का लगना बेरोजगारों के लिए एक वरदान है।

सड़क सुधारने की मांग
इस पलांट में अपनी पराली या अन्य बेसट लाने वाले किसानों के साथ साथ आम क्षेत्रीय लोगो की मांग हैै कि प्लांट को जाने वाली सडक का बहुत बुरा हाल है। 10 मिनट के रास्ते को तय करने 1-30 से 2 घंटे लग जाते है। साथ ही किसानों के ट्रेक्टर ट्राली या फिर अन्य वाहन भी कई वार क्षतिग्रसत हो जाते है इसलिए इस सडक की मुरंमत को तुरंत करवाया जाए ताकि प्लांट में आने वाले किसानों को इस मुशकल से राहत मिल सके।

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