श्रीनगर| पुलिस ने बुधवार
को अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक और मुहम्मद यासीन मलिक द्वारा आहूत एक
संयुक्त मार्च को नाकाम करने के लिए दोनों नेताओं को हिरासत में ले लिया।
उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के अबी गजर स्थित
कार्यालय के पास से जैसे ही मार्च शुरू किया, उन्हें हिरासत में ले लिया
गया। मार्च शहर के मध्य स्थित लाल चौक जाना था।
दोनों नेताओं ने इसके पहले जेकेएलएफ कार्यालय में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।
मीरवाइज
फारूक ने कहा कि दक्षिण कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के नाम
पर सुरक्षा बलों द्वारा जारी लोगों का उत्पीड़न निन्दनीय है।
उन्होंने कश्मीर घाटी के बाहर अलग-अलग जेलों में बंद कश्मीरियों की दुर्दशा पर भी चिंता व्यक्त की।
उन्होंने
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के उस बयान के लिए आलोचना की जिसमें उन्होंने
कहा था कि कुछ लोग पहले आंदोलन भड़काते हैं और बाद में प्रशासनिक मदद के
लिए लाइन लगाते हैं।
मीरवाइज ने कहा, "यह बयान साबित करता है कि उनका जमीनी वास्तविकताओं से कोई संबंध नहीं है।"
अलगाववादियों ने जेलों में बंद कश्मीरियों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए 27 नवंबर को पूरी घाटी में बंद का आह्वाहन किया है।
आईएएनएस
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