हरियाणा सरकार प्रदूषण पर सख्त, प्रदेशभर के 1586 किसानों पर कार्रवाई

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 14 नवम्बर 2017, 4:56 PM (IST)

चंडीगढ़। पराली जलाने से बढ़ रहे वायु प्रदूषण को रोकने के लिए राज्य का पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लगातार सख्ती बरत रहा है। सोमवार तक पर्यावरण विभाग ने प्रदेशभर के 1586 किसानों के खिलाफ फसलों के अवशेष जलाने जाने के मामले में कार्रवाई की। इनमें से 244 किसानों पर पुलिस केस दर्ज कराया गया है और 695 किसानों से 18 लाख 65 हजार रुपए का जुर्माना वसूला गया है। हरियाणा के पर्यावरण मंत्री श्री विपुल गोयल का कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरङ्क्षवद केजरीवाल स्मॉग के मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों को मानते हुए राज्य की भाजपा सरकार इस समस्या से निपटने के प्रति गंभीर है। पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई की जा रही है। साथ ही, उन्हें पराली न जलाए जाने के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है, लेकिन दिल्ली की आप सरकार द्वारा आज तक इस तरह के कोई कदम नहीं उठाए गए। दिल्ली में भी किसानों द्वारा फसलों के अवशेष जलाए जा रहे हैं लेकिन दिल्ली सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। किसानों को सब्सिडी देने के अलावा उन्हें जागरूक करने पर भी हरियाणा सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च किए हैं लेकिन दिल्ली सरकार इस मामले में पूरी तरह से विफल रही है। आंकड़ों के अनुसार जानकारी देते हुए श्री गोयल ने कहा कि 12 नवंबर तक 1493 किसानों पर कार्रवाई की गई थी। वहीं अकेले सोमवार (13 नवंबर) को 93 किसानों पर शिकंजा कसा गया। पर्यावरण मंत्री के अनुसार, फतेहाबाद में 369 किसानों पर पराली जलाने के मामले में कार्रवाई की गई और इनमें से 21 किसानों से 55 हजार रुपए जुर्माना वसूला गया। इसी तरह से हिसार में 79, जींद में 54, कैथल में 138, करनाल में 357, कुरुक्षेत्र में 184, पंचकूला में 6, पानीपत में 40, सिरसा में 301 और कुरुक्षेत्र में 184 किसानों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। अभी तक किसानों से जुर्माने के तौर पर 18 लाख 65 हजार रुपए की वसूली की गई है। पर्यावरण मंत्री ने राज्य के किसानों से अपील की है कि वे फसलों के अवशेषों को न जलाएं। इसके लिए सरकार उन्हें सब्सिडी के आधार पर उपकरण मुहैया करवा रही है। फसलों के अवशेष जलाए जाने से भूमि की उपजाऊ क्षमता भी कम होती है। इसका नुकसान आने वाले दिनों में किसानों को ही होगा। उन्होंने कहा कि पराली की वजह से होने वाले वायु प्रदूषण को रोकना किसानों का भी कर्तव्य है और उन्हें सरकार की इस मुहिम में सहयोग करना चाहिए।

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