सिटी पैलेस में विद्यार्थियों ने सीखी ब्लू पॉटरी बनाने की कला

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 14 नवम्बर 2017, 4:26 PM (IST)

जयपुर। शहर के 200 से भी अधिक विद्यार्थियों ने सिटी पैलेस में मंगलवार से शुरू हुए दो दिवसीय आर्ट एंड क्राफ्ट फिल्म फेस्टिवल के तहत आयोजित वर्कशॉप में पारम्परिक ब्लू पॉटरी बनाने की कला को समझा और सीखा। इस कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों को ब्लू पॉटरी मोल्डिंग, व्हाइट कोटिंग, डिजाइनिंग, कलरिंग, ग्लेजिंग और प्रोडक्ट पूरा होने के बाद उसे पकाने की प्रक्रिया की सैद्धान्तिक जानकारी देना था।

वर्कशाप में प्रतिभागी विद्यार्थियों को इस कला का गहराई से प्रशिक्षण दिया गया। उन्हें सिरेमिक टाइल्स दी गई, जिस पर उन्होंने राजस्थान के अनूरूप अनूठा चित्रांकन किया। इन टाइल्स को बाद में कोबाल्ट ऑक्साइड से कोटेड किया और उसमें रंग भरा। वर्कशॉप का संचालन उद्यमी एवं राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित नीरजा आर्ट्स की लीला बोर्दिया ने किया। वर्कशॉप महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय संग्रहालय द्वितीय की सहभागिता में आयोजित की गई।

इस अवसर पर बोर्दिया ने कहा कि वर्कशॉप का उद्देश्य राजस्थान की इस बेशकीमती पारम्परिक कला को संरक्षण प्रदान करना है। यह पारम्परिक कला और तकनीक विलुप्त होती जा रही है। वर्तमान में ब्लू पॉटरी को दुनिया में पहचान दिलाने की आवश्यकता है। जब भी कोई इस कला को देखे तो कहे यह राजस्थानी की पारम्परिक कला है।



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उन्होंने कहा कि केवल राजस्थान में ही ब्लू पॉटरी को अभी तक बिना किसी मशीन की सहायता से हाथों से बनाया जा रहा है। इस कारण इसके प्रत्येक पीस को अभिनव और अमूल्य कहा जा सकता है। अन्य स्थानों पर इस प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के लिए मशीनों का उपयोग किया जाता है, लेकिन हमारे प्रत्येक पीस में हमारे शिल्पकार का दिल और आत्मा बसती है, जिन्होंने इसे बनाने में घंटों समय लगाया। यह बात मशीन से बनी ब्लू पॉटरी में देखने को नहीं मिलेगी।


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इससे पूर्व विद्यार्थियों ने ब्लू पॉटरी और ब्लॉक प्रिंटिंग पर बनाई गई फिल्में देखीं। इस वर्कशॉप में प्रतिभागी स्कूलों में संस्कार, एम.जी.डी., एस.आर.एन. इन्टरनेशनल, एस.वी. पब्लिक स्कूल, जे.पी.एच.एस शांति एसियाटिक, भारतीय भवन, एशियन वर्ल्ड, डिफेन्स पब्लिक स्कूल, एम.जी.पी.एस, सेन्ट एडमण्ड्स, वी.एस.के.पी और एम.पी. इंटरनेशनल स्कूल के विद्यार्थी शामिल हुए।


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