मुख्यमंत्री ने आतंकवादी गिरोहों और अपराधी गैंगों को ख़त्म करने वाले पुलिस कर्मचारियों की मेज़बानी की

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 12 नवम्बर 2017, 5:09 PM (IST)

चंडीगढ़पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गत सात माह दौरान राज्य में योजना बन कर हत्याए करने वालों में शामिल अपराधियों सहित बहुत सी आतंकवादी गिरोहों और अपराधी गैंगों को ख़त्म करने की कोशिशों करने वाले विभिन्न रैंकों के पुलिस कर्मचारियों की प्रशंसा के तौर पर शनिवार को अपने निवास स्थान पर रात के खाने की मेज़बानी की।

मुख्यमंत्री द्वारा दिए इस रात के खाने में 80 से अधिक पुलिस कर्मचारी और व्यक्ति शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने हाल ही में कुछ संगीन मामलों सहित विभिन्न मामलों में सफलता हासिल करने के लिए प्रत्येक का निजी तौर पर धन्यवाद किया। इन मामलों में सब से अहम आर एस.एस. शिव सेना और डेरा सच्चा सौदा के छह मामलों में सात व्यक्तियों की हत्या से संबंधित मामले शामिल थे।


मुख्यमंत्री ने इन कर्मचारियों के मिसाली हौंसले, दृढ़ता और कड़ी मेहनत की प्रशंसा की जिस की वजह से इन आतंकवादी गिरोहों का ख़ात्मा हुआ है और राज्य को अस्थिर करने के लिए लगे हुए अनेकों गैंगस्टरों की गिरफ़्तारी हुई है। इस मौके इन मुलाजिमों को संबोधित करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब के लोगों को अराजकता से बचाने और पुलिस का गौरव बढ़ाने के लिए उनकी प्रशंसा की। अगर पुलिस कर्मचारी ऐसा न करते तो यह लोग अधिक गड़बड़ पैदा कर सकते थे।


मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन पुलिस कर्मचारियों को उनकी सरकार द्वारा कंट्टरपंथी और अपराधियों के विरुद्ध तीखी कार्यवाही करने के लिए खुली छुट्टी दी गई थी उन्होंने वचनवद्धता और संजीदगी से अपने काम को सम्पूर्ण किया हैैं। मुख्यमंत्री ने गृह सचिव और डी.जी.पी. को निर्देश दिए कि वह आतंकवादी गिरोहों और गैंगस्टरों के ख़ात्मे में शामिल इन कर्मचारियों को अवार्ड और इनाम देने के लिए कोई स्कीम तैयार करें। उन्होंने इस संबंध में विस्तृत प्रस्ताव उनकी स्वीकृति के लिए पेश करने के लिए कहा।


मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों के लिए विलक्षण भाईचारक सेवाओं उपलब्ध करवाने में अहम योगदान डालने वाले या जांच के द्वारा फ़ौजदारी मामलों को हल करने में बढिय़ा भूमिका निभाने वाले पुलिस कर्मचारियों का सम्मान करने के लिए उनके चयन के लिए कोई प्रणाली स्थापित करने के लिए भी डी.जी.पी. को निर्देश दिये।


कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार पुलिस कर्मचारियों के कल्याण के लिए वचनवद्ध है। उनके द्वारा सत्ता संभालने के बाद राज्य को संकट में से निकालने के लिए विभिन्न स्कीमों शुरू की गई हैं और कुछ ओैर शुरू की जा रही हैं।
डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा के अलावा डी.जी.पी. (इंटेलिजेंस) दिनकर गुप्ता, डी.जी.पी. लॅा एंड आर्डर हरदीप सिंह ढिल्लों, आई जी.पी. (एफ.आई.यू.), आई.जी.पी. (सी.आई.) और आई.जी.पी. (ओ.सी.सी.यू.) डी. आई. जी. (सी.आई.), आठ ए.आई.जी., मोगा, खन्ना, बटाला और नवंा शहर के एस.एस.पी., 20 इंस्पेक्टर, बस्सी पठाना और बाघापुराना के एस.एच.ओ., 17 हैड कांस्टेबल, 13 कांस्टेबल और 2 होम गार्ड रात के भोजन में उपस्थित थे।रात के खाने के अवसर पर सबसे अधिक आकर्षण का केन्द्र लक्षित हत्याएं करने वाले और पाँच संदिग्धोंं को गिरफ़्तार करने वाली टीम थी। यह संदिग्ध पाकिस्तान की आई.एस.आई. द्वारा रची गई एक बड़ी साजिश का हिस्सा थे। इस टीम में डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता, आई.जी. अमृत प्रसाद, डी.आई.जी. रणबीर खट्टड़ा, एस.एस.पी. मोगा रणजीत सिंह, एस.एस.पी. बटाला ओपिन्दरजीत घुम्मन, एस.एस.पी. खन्ना नवजोत माहल, एस.पी. रजिन्दर सिंह, एस.पी. वाज़ीर सिंह, डी.एस.पी. सुलक्खण सिंह और सरबजीत सिंह और इंस्पेक्टर सी.आई.ए. मोगा और खन्ना किक्कर सिंह और अजीत पाल सिंह थे।

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