झज्जर जिला प्रशासन ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सभी संभव कदम उठाए

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 10 नवम्बर 2017, 4:28 PM (IST)

झज्जर। झज्जर जिला प्रशासन ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सभी संभव कदम उठाए हैं। इसी कड़ी में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) और पर्यावरण प्रदूषण निवारण व नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) के आदेशों को लागू करवाने के लिए संबंधित एसडीएम को अपने-अपने उपमंडल में प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है। ईपीसीए के आदेशों की अवहेलना करने पर 50,000 से पांच लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है।

जिला झज्जर की उपायुक्त सोनल गोयल ने आज पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण से संबंधित विभागों के अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि एनजीटी और ईपीसीए की ओर से जारी आदेशों और नियमावली को लागू करने में किसी भी स्तर पर कोताही सहन नहीं की जाएगी। उपायुक्त ने एनजीटी की प्रिंसिपल बैंच द्वारा वायु प्रदूषण को कम करने के लिए जारी किए आदेशों का हवाला देते हुए कहा कि एनसीआर क्षेत्र में आगामी आदेशों तक सभी प्रकार के निर्माण कार्य (ढांचागत)पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि धूल-मिट्टी से संबंधित कार्य को छोडक़र बाकी कार्य करने की अनुमति है। यह आदेश सरकारी व निजी प्रतिष्ठानों, सभी के लिए है।

उन्होंने कहा कि ईपीसीए ने पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले उद्योगों, ढांचागत निर्माण कंपनियों व अन्य लोगों पर पचास हजार से पांच लाख रुपये तक जुर्माना लगाने का प्रावधान किया है। इसके अलावा, खेतों में फसल अवशेष जलाने पर भी पूर्ण प्रतिबंध है। उन्होंने कहा कि बिना जिग -जैग प्रणाली वाले ईंट-भट्टों, हॉट मिक्स प्लांटों को बंद करने के आदेशों को सख्ती से लागू किया जाएगा ।

उपायुक्त ने कहा कि एनजीटी की ओर से जारी आदेशों पर ईपीसीए ने नियमावली जारी कर कहा है कि दस साल पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पैट्रोल वाहन सडक़ों पर नहीं चलने चाहिए। ऐसे वाहनों को सडक़ पर मिलते ही जब्त करने के आदेशों को सख्ती से लागू करने को कहा गया है। इसके अलावा, डस्ट व अन्य निर्माण सामग्री ढ़ोने वाले वाहनों पर भी पैनी नजर रखने को कहा गया है। अग्निशमन,लोक निर्माण, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, मार्केटिंग बोर्ड और शहरी स्थानीय निकाय विभाग को धूल को जमाने के लिए जल छिडक़ाव के निर्देश दिए गए हैं। भवन निर्माण सामग्री विक्रेताओं को भी कड़ी हिदायत दी गई है कि वे अपनी भवन निर्माण सामग्री को खुले में न रखें और निरंतर पानी का छिडक़ाव करें। इसके अलावा, बहादुरगढ़ स्थित हुडा सेक्टर-2 की ग्रीन बैल्ट को तुरंत खाली करवाने के भी आदेश दिए गए हैं। धूल को रोकने के लिए मिट्टी की खुदाई पर भी पांबदी लगाई गई है।

उपायुक्त ने आमजन का आह्वान करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी को सहयोग के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पंहुचने के कारण मनुष्य सहित जीव-जंतुओं के लिए भी परेशानी का सबब बन गया है। ऐसे में पर्यावरण संरक्षण ही एकमात्र उपाय है जो हमारा गंभीर बिमारियों से बचाव करता है।

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