केजरीवाल को एनजीटी की कड़ी फटकार, ऑड-ईवन पर लगा सकती है रोक

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 10 नवम्बर 2017, 3:49 PM (IST)

नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने ऑड-ईवन को लागू करने के फैसले पर दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाई है। एनजीटी ने शुक्रवार दोपहर को ऑड-ईवन फैसले की समीक्षा के दौरान दिल्ली की केजरीवाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। एनजीटी ने शुक्रवार को कहा कि ऑड-ईवन योजना के प्रभावों को जाने बिना इसे लागू करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। दिल्ली सरकार द्वारा 13 से 17 नवंबर तक ऑड-ईवन योजना लागू करने के एक दिन बाद एनजीटी ने यह निर्देश जारी किए हैं।

एनजीटी ने कहा कि सरकार को अदालत को संतुष्ट करने की जरूरत है कि ऑड-ईवन योजना वास्तव में लाभदायक रही। योजना पर अंतिम फैसला शनिवार को लिए जाने की उम्मीद है। ऑड-ईवन को तमाशा करार देते हुए एनजीटी ने कहा कि ऑड-ईवन का उद्देश्य तारीफ के योग्य है लेकिन जिस तरह से इसे लागू किया जा रहा है वह ठीक नहीं है। एनजीटी ने दिल्ली सरकार से कहा है कि पहले यह साबित करें कि ऑड-ईवन काउंटर प्रोडक्टिव नहीं है। एनजीटी ने कहा कि शॉक ट्रीटमेंट के तौर पर ऑड-ईवन का इस्तेमाल नहीं हो सकता। एनजीटी ने कहा कि ऑड-ईवन को हर साल लागू करना चाहिए।

एनजीटी ने कहा कि दिल्ली सरकार के पास तैयारी के लिए एक साल का वक्त था लेकिन उसने कुछ नहीं किया। एनजीटी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कभी इस योजना को लागू करने को नहीं कहा। सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने प्रदूषण पर काबू पाने के लिए 100 रास्ते बताए लेकिन दिल्ली सरकार ने हमेशा ऑड-ईवन को सहारा लिया और इसे ही सही बताया। अब दिल्ली सरकार को इस स्कीम को जस्टिफाई करना होगा। एनजीटी ने कहा कि जब स्थिति सुधर रही है तब सरकार ऑड-ईवन योजना को लागू कर रही है। इसे पहले करना चाहिए था। इस योजना से लोगों को परेशानी होगी।

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एनजीटी ने केजरीवाल सरकार से पूछा कि क्या ऑड-ईवन योजना से प्रदूषण घटा है, वर्ना एनजीटी इस योजना पर रोक लगा देगी। इस मामले पर शनिवार को भी सुनवाई जारी रहेगी। एनजीटी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने प्रदूषण रोकने के लिए समय रहते पर्याप्त कदम नहीं उठाए। एनजीटी ने कहा कि सरकार डेस्टिनेशन बसों का उस तरह प्रचार क्यों नहीं करती जिस तरह वह ऑड-ईवन का प्रचार करती है।

एनजीटी ने यह भी पूछा कि दिल्ली सरकार ने कंस्ट्रक्शन डस्ट की वजह से प्रदूषण रोकने के लिए क्या किया? उसने पूछा कि सरकार बताए कि नियमों का उल्लंघन करनेवाले बिल्डरों पर क्या कार्रवाई की गई? एनजीटी ने पंजाब सरकार को भी कड़ी चेतावनी दी है। एनजीटी ने कहा कि अगर पंजाब सरकार पराली जलाने पर रोक नहीं लगा पाती है तो वह कड़ी कार्रवाई और जुर्माने के लिए तैयार रहे।

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