जोधपुर। डॉक्टरों की प्रदेशव्यापी हड़ताल का असर ऐसा हुआ कि अब जोधपुर का महात्मा गांधी अस्पताल भी सहम सा गया है। अमूमन सरकारी अस्पतालों का यही आलम है और अब प्रदेश के निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या में बढ़ने लगी है। लोग बीमारी से तंग आकर सरकारी अस्पताल आते हैं, लेकिन डॉक्टरों की हड़ताल से परेशान हो निजी अस्पतालों की ओर रुख कर रहे हैं। जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल का भी यही हाल है और अब अस्पताल के वार्ड सूने पड़े हैं।
बिना डॉक्टरों के कैसा इलाज
महात्मा गांधी अस्पताल में डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं हैं। मरीज अपने मर्ज को दूर करने आते हैं, लेकिन पहले तो उन्हें भर्ती नहीं किया जाता है और जो भर्ती हैं, उन्हें छुट्टी दी जा रही है। गांधी हॉस्पिटल के मेडिकल वार्ड 3 में तैनात दीपिका सिंह से पूछा तो उन्होंने बताया कि आपको मालूम ही है कि हड़ताल चल रही है। जो मरीज भर्ती हैं, उनका इलाज भी हो रहा है, लेकिन इन दिनों हड़ताल के चलते डॉक्टर्स ड्यूटी पर नहीं हैं तो सीनियर अधिकारी दौरा कर दवा बता रहे हैं। उन्हीं की देखरेख में मरीजों का इलाज कर रहे हैं। इसके अलावा यहां ऐसे भी वार्ड हैं, जहां पूरे के पूरे वार्ड ही खाली हो गए हैं और वहां सिर्फ खाली पलंग हैं।
बदहाल बाथरूम पर बनी कविता
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पिछले समय राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकारी अस्पतालों की बदहाल व्यवस्था को
लेकर लताड़ लगाई थी। कोर्ट ने संपूर्णानंद मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल की
कार्य क्षमता पर सवाल खड़े कर दिए थे। इन दिनों बदहाल अस्पताल को लेकर सोशल
मीडिया पर कविताएं भी वायरल हो रही हैं।
आगे तस्वीरों में देखें अस्पताल के वार्ड का हाल...
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