जयपुर। विभिन्न मांगों को लेकर 3 माह से आंदोलन कर रहे प्रदेश के सेवारत चिकित्सकों ने सोमवार से हड़ताल पर चले गए।
सेवारत चिकित्सक संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि 10 हजार डाक्टरों ने
सामूहिक रूप से अपने इस्तीफे राज्य सरकार को सौंप दिए हैं।
इधर डॉक्टरों के इस्तीफें सौंपने के बाद सरकार की ओर से स्वास्थ्य सेवाओं के सुचारू संचालन के लिए वैकल्पिक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। मेडिकल कॉलेजों से जुड़े डाक्टरों
की छुटि्टयां रद्द कर दी गई हैं। रेजीडेंट डॉक्टर अस्पताल में चिकित्सा कमान संभालेंगे।
सेवारत
चिकित्सक संघ के महासचिव डा. दुर्गाशंकर सैनी ने बताया कि 9 बार वार्ता की
गई, किन्तु वार्ता में कमिटी बना दी गई। वित्त विभाग को फ़ाइल भेज दी ,कुछ
पर सहमत किन्तु क्रियान्विति नहीं हुई। 4
नवम्बर की वार्ता में एक आला अधिकारी ने तो वार्ता को में यहां तक कह दिया
विधानसभा चुनाव बाद होगा। वार्ताओं को मजाक बना दिया गया है।
इधर सेवारत चिकित्सकों के हड़ताल पर जाने पर प्रदेश में रेसमा लागू कर दिया गया है। गृह विभाग ने डॉक्टरों के हड़ताल करने पर गिरफ्तारी के आदेश जारी किए हैं। इसमें डॉक्टरों के हड़ताल करने पर गिरफ्तारी का प्रावधान है। डॉक्टरों का
हड़ताल करना गैरकानूनी होगा। डॉक्टरों को मनमानी कर मरीजों का इलाज नहीं
करना गलत है।
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जयपुर शहर के सिंहद्वार के पास सरकारी डिस्पेंसरी में मरीजों को देखते डॉक्टर व लगी मरीजों की कतार।
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