पूर्व स्टार वीरेंद्र सहवाग को है आज तक है इस बात का मलाल

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 01 नवम्बर 2017, 1:23 PM (IST)

नई दिल्ली। दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) ने फिरोजशाह कोटला स्टेडियम के तीन नंबर गेट का नाम भारतीय टीम के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के नाम पर रखा है। इस मौके पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सहवाग ने बताया कि उन्हें इस बात का मलाल है कि वे दिल्ली की उस टीम का हिस्सा नहीं बन पाए जो रणजी ट्रॉफी जीतने में सफल रही थी।

दिल्ली ने 2007-08 में गौतम गंभीर की कप्तानी में रणजी ट्रॉफी का खिताब जीत था। इस दौरान सहवाग राष्ट्रीय टीम के साथ व्यस्त थे। सहवाग ने कहा कि एक ही पल है जिसका मुझे अफसोस है। मैं उस टीम का हिस्सा नहीं था जो रणजी ट्रॉफी विजेता बनी। मैं उस समय देश के लिए खेल रहा था, लेकिन मैं हर दिन की रिपोर्ट ले रहा था।

उस जीत का श्रेय जाता है गंभीर को, जिन्होंने दिल्ली की कप्तानी की और फाइनल जिताया। प्रदीप सांगवान ने उस मैच में शानदार प्रदर्शन किया था। हमने जो सपना देखा था, वो पूरा हुआ गंभीर की कप्तानी में। दिल्ली ने 17 साल बाद रणजी ट्रॉफी जीती थी। दिल्ली ने फाइनल में उत्तर प्रदेश को मात दी।

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डीडीसीए ने सहवाग को लेकर की गलती

डीडीसीए ने स्टेडियम के गेट का नाम सहवाग के नाम पर रखा, लेकिन इस मौके पर वह आंकड़ों के लिहाज से एक बड़ी गलती कर बैठा। गेट पर सहवाग का एक कटआउट लगा है जिसमें लिखा है लीजेंड्स आर फॉरएवर, साथ ही सहवाग के 14 साल लंबे करियर से जुड़े आंकड़े और उपलब्धियों का जिक्र भी इस कट आउट के साथ एक पैनल में किया गया है। पैनल में सहवाग को टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक लगाने वाला इकलौता भारतीय बल्लेबाज बताया गया है। यह सही नहीं है।

ज्यादा दिन नहीं बीते हैं जब कर्नाटक के करुण नायर ने इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में तिहरा शतक जड़ा था। सहवाग टेस्ट में दो तिहरे शतक लगाने वाले भारत के इकलौते बल्लेबाज हैं। सहवाग ने पहला तिहरा शतक पाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान में 2004 में बनाया था। 309 रनों की पारी खेलने के बाद ही उन्हें मुल्तान का सुल्तान कहा जाने लगा था। चार साल बाद सहवाग ने चेन्नई में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 319 रन बनाए थे।

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