देश से गरीबी दूर करने के लिए ऊंची आर्थिक वृद्धि का होना जरूरी : जेटली

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 28 अक्टूबर 2017, 11:56 PM (IST)

मुंबई। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कर भुगतान को देशभक्ति का काम बताया है। उन्होंने शनिवार को कहा कि भारत यदि विश्व मंच पर मजबूत भूमिका हासिल करने की आकांक्षा रखता है तो ऐसा नहीं हो सकता है कि देश में काले धन की अर्थव्यवस्था वास्तविक अर्थव्यवस्था से अधिक बड़ी हो। जेटली ने कहा, आप ऐसी अर्थव्यवस्था के साथ नहीं चल सकते, जहां काले धन की अर्थव्यवस्था वास्तविक अर्थव्यवस्था से बड़ी हो।

जेटली ने कहा कि अर्थव्यवस्था को साफ-सुथरी बनाने की प्रक्रिया चालू कर दी गई है ताकि हम विकसित और सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में स्थापित हो सकें। मुंबई में जमनालाल बजाज पुरस्कार समारोह में जेटली ने कहा कि देश से गरीबी दूर करने के लिए ऊंची आर्थिक वृद्धि व गतिशील नागरिक समूहों का होना जरूरी है। उन्होंने कहा आप गरीबी से कैसे लड़ेंगे? मेरे विचार में गरीबी से लडऩे के लिए पहला तत्व यह है कि समाज के पास इससे लडऩे के लिए संसाधन हों।

उन्होंने कहा कि आपको वृद्धि के उच्च स्तर की जरूरत है, वृद्धि से संसाधन आते हैं। उच्च वृद्धि लाने वाली नीति बहुत जरूरी है। लेकिन क्या सिर्फ वृद्धि से ही गरीबी मिट जाएगी? जवाब है नहीं। उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि से तो केवल वे संसाधन ही आएंगे जिनकी गरीबी उन्मूलन के लक्ष्य के लिए जरूरत है। उन्होंने कहा आपको गरीबों की दुर्दशा को रेखांकित करने वाले, उनकी आवाज उठाने वाले सक्रिय नागरिक-संगठनों की जरूरत होगी।

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इस दिशा में तथा देश को और बेहतर स्थल बनाने के लिए सभी को काम करना होगा। इस अवसर उन्होंने विभिन्न समूहों को पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने जमनालाल बजाज के स्वाधीनता आंदोलन से जुड़े काम व योगदान को भी याद किया। उन्होंने कहा कि कुछ उद्योगपतियों के राजनीति में आने के परिणाम मिला जुला रहा है तथा सरकार व उद्योग के बीच रिश्तों को पारदर्शी बनाए जाने के प्रयास किए जाने चाहिए।

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