उज्जैन। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज उज्जैन माहाकाल की भस्मारती शिवलिंग पर कपडा ढंककर की गई। साथ ही जलाभिषेक में आरओ के पानी का इस्तेमाल किया गया। ज्ञातव्य है कि उज्जैन महाकाल मंदिर में शिवलिंग पर पंचामृत से अभिषेक करने से शिवलिंग को नुकसान हो रहा था। इस पर कोर्ट ने शिवलिंग का आकार छोटा होने से बचाने के लिए मंदिर समिति के 8 सुझावों को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज उज्जैन महकाल की भस्मारती में बदलाव किया गया है।
शनिवार सुबह पूजा के वक्त आरओ के जल का इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा शिवलिंग को कपडे से ढंककर भस्म चढाई गई। इससे पहले सिर्फ श्रृंगार वाला हिस्सा ढंका जाता था। मंदिर समिति का कहना है कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक ही सारी व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
क्या है मामला:
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महाकाल मंदिर और शिवलिंग को नुकसान से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक
याचिका दायर की गई थी। इस याचिका में कहा गया था कि महाकाल पर लगातार जल
चढने, पंचामृत श्रृंगार और कई दूसरी पूजा सामग्रियों से नुकसान हो रहा है।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने महाकाल मंदिर पर अध्ययन कर रिपोर्ट देने के लिए एक
कमिटी का गठन किया था।
आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और जियोलॉजिकल सर्वे
ऑफ इंडिया के अधिकारियों की इस एक्सपर्ट कमिटी ने पिछले महीने कोर्ट को
रिपोर्ट सौंपी। कमिटी ने रिपोर्ट में कहा कि मुख्य शिवलिंग और मंदिर परिसर
अब अपने मूल रूप में नहीं हैं। कमिटी ने कहा कि अलग-अलग वजहों से उन्हें
नुकसान पहुंचा है। साथ ही कमिटी ने इसके लिए भारी भीड़ और पूजा सामग्री के
तौर पर इस्तेमाल हो रही कुछ चीजों को भी जिम्मेदार माना।
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