नई दिल्ली। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली एक साथ पढ़े। दोनों के कोच भी एक ही थे रमाकांत आचरेकर। वे घरेलू टीम मुंबई और टीम इंडिया के लिए भी साथ खेले। स्कूल क्रिकेट के दौरान उन्होंने नाबाद 664 रन की रिकॉर्ड साझेदारी निभाई थी।
हालांकि सचिन का अंतरराष्ट्रीय करिअर जहां करीब 25 साल रहा, वहीं कांबली ज्यादा समय तक भारत का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाए। दोनों के बीच पिछले कुछ सालों से दोस्ताना संबंध भी बिगड़ गए थे। लगता है अब यह रिश्ता फिर से ट्रैक पर आ गया है। दरअसल वे राजदीप सरदेसाई की क्रिकेट पर आधारित किताब के विमोचन पर एक साथ एक मंच पर दिखाई दिए।
बाएं हाथ के बल्लेबाज कांबली ने इस मौके पर कहा कि हम दोनों ने सभी मामले सुलझा लिए हैं और अब दोनों फिर से दोस्त हैं। कांबली ने कहा, जी हां, हमारे बीच अब सब ठीक है और मैं इससे बहुत खुश हूं। हमने एक-दूसरे को गले लगाया। हम लोगों को कहना चाहते हैं कि हम वापस एक साथ हैं।
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कांबली ने वर्ष 2009 में सचिन पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि उन्होंने
खराब समय में उनका साथ नहीं निभाया। इससे आहत सचिन ने वर्ष 2013 में
संन्यास के समय फेयरवेल स्पीच में कांबली का जिक्र भी नहीं किया। उल्लेखनीय
है कि सचिन ने वर्ष 1989 से 2013 के बीच 200 टेस्ट, 463 वनडे और एक टी20
मुकाबला खेला। दूसरी ओर, 45 वर्षीय कांबली को वर्ष 1991 से 2000 के बीच 17
टेस्ट और 104 वनडे ही खेलने का मौका मिला। कांबली कई दफा टीम से अंदर-बाहर
हुए।
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