श्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को जम्मू एवं कश्मीर के लिए इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के पूर्व निदेशक दीनेश्वर शर्मा की बतौर वार्ताकार नियुक्ति के केंद्र सरकार के फैसले को सराहा। वहीं, नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने वार्ताकार के अधिकारों पर सफाई मांगी। महबूबा ने ट्वीट कर कहा, वार्ता समय की जरूरत है और आगे बढऩे का एक मात्र तरीका। उन्होंने कहा, केंद्रीय सरकार की ओर से जम्मू एवं कश्मीर में सभी साझेदारों के साथ वार्ता के लिए वार्ताकार की नियुक्ति का स्वागत करती हूं।
बाद में उन्होंने जल्दी में बुलाए गए एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह आशा करती हैं कि इस पहल के बाद सभी अलगाववादी समेत सभी साझेदार सकारात्मक प्रतिक्रिया के साथ आगे आएंगे। यह पूछने पर कि क्या वार्ताकार की नियुक्ति का अलगाववादियों के खिलाफ चल रहे एनआईए की जांच पर कोई असर पड़ेगा, महबूबा ने कहा, सुरक्षा एक अलग मुद्दा है और राजनीतिक प्रक्रिया अलग मुद्दा।
उमर ने की वार्ताकार के अधिकार पर स्पष्टीकरण की मांग
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पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हालांकि वार्ताकार के अधिकार पर
स्पष्टीकरण की मांग की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, जम्मू एवं कश्मीर में लोगों
की वैध आकांक्षाओं का सूत्रीकरण दिलचस्प है। इसका निर्णय कौन करेगा कि
क्या वैध है?
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, कश्मीर मुद्दे के
राजनीतिक प्रकृति को स्वीकार करना उन लोगों की करारी हार है जिनका मानना है
कि मसले का हल केवल बलप्रयोग है। उमर ने लेकिन केंद्र सरकार की इस बात के
लिए सराहना की कि वार्ता के लिए किसी तरह की कोई पूर्व शर्त नहीं लगाई गई
है।
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