राज्य में उसी की सरकार होनी चाहिए जिसकी केंद्र में है, मोदी ने बताई ये वजह

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 22 अक्टूबर 2017, 10:57 PM (IST)

अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने गृह राज्य गुजरात में लोगों को केंद्र में सत्तारूढ़ दल से अलग दल की सरकार को राज्य में चुनने से होने वाले संभावित नुकसानों के बारे में अप्रत्यक्ष रूप से चेताया। कई परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद, जिनमें कुछ वडोदरा नगर निगम के स्तर की भी थीं, एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री उन्हें कांग्रेस नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के हाथों दुख झेलना पड़ा था क्योंकि वह सरकार ‘गुजरात विरोधी’ और ‘विकास विरोधी रवैये’ के कारण विकास प्रस्तावों को दबाकर बैठ गई। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की नकल उतारते हुए धीमी आवाज में नरेंद्र मोदी ने कहा कि हर बार जब भी मैं नर्मदा बांध के लिए जलद्वार बिछाने का अनुरोध लेकर उनके पास गया, तो वह कहते, ‘अभी तक आपका काम नहीं हुआ।’

प्रधानमंत्री ने मनमोहन सिंह की आवाज में दो बार इसे कहा। फिर, मोदी ने केंद्र में मोरारजी देसाई सरकार और गुजरात में बाबूभाई जशभाई सरकार के साथ-साथ दिल्ली में अटल बिहारी वाजपेयी और गुजरात में उनके शासन और केशुभाई पटेल के शासन के उदाहरणों का हवाला दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रगति केवल तभी हासिल हो सकती है जब केंद्र और राज्य में समान दल की सरकार हो और केंद्र को राज्य सरकार के हितों के प्रति सहानुभूति हो।

उन्होंने दावा किया, ‘‘यदि अटलजी की सरकार केंद्र में नहीं होती, तो गुजरात कभी भी विनाशकारी भूकंप (जनवरी 2001) से नहीं उबर पाता । केंद्र केशुभाई पटेल सरकार के साथ दृढ़ता से खड़ा था।’’ मोदी ने कहा, ‘‘गुजरात को केंद्र की उस सरकार से लाभ उठाने का एक भी मौका नही छोडऩा चाहिए जो राज्य के प्रति सहानुभूति रखती हो।’’ प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना भी साधा और कहा कि उस समय के दौरान एकमात्र समाचार बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का होता था। मोदी ने कहा, ‘‘एक लाख करोड़ रुपए चले गए, दो लाख रुपये चले गए, कोयला, पनडुब्बी, हेलीकॉप्टर....सब चीजों में भ्रष्टाचार था। जब से मैं आया हूं, तो अब वे पूछते रहते हैं कि कितना पैसा आया है।’’


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मोदी ने कहा कि विपक्ष में दूरदृष्टि का अभाव है और कहा कि हमारी सरकार की प्राथमिकता 2019 तक हर घर में बिजली देने और 2022 तक हर परिवार को घर देने की है। मोदी ने कहा, ‘‘उनकी प्राथमिकता सार्वजनिक कल्याण के कार्य नहीं हैं। उनका मानना है कि शासन करना उनका जन्मसिद्ध अधिकार है। उनके पास सोचने या दूर तक देखने की क्षमता नहीं है।’’ उन्होंने बिना नाम लिए दिवगंत राजीव गांधी की नकल की। और, दावा किया कि विकास कार्य शुरू करने से पहले उनकी सरकार ढिलाई नहीं करेगी। मोदी राजीव के अंदाज में कहा, ‘‘हमें देखना है, हम देखेंगे, हमें सोचना है, हम सोचेंगे...ऐसा कुछ नहीं है, हम तय समय-सीमा में कार्य करते हैं।’’

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