भावनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को घोघा-दहेज ‘रो-रो फेरी सेवा’ के पहले चरण का शुभारंभ किया। यह भारत में अपनी तरह का पहला प्रॉजेक्ट है। प्रधानमंत्री ने इसे पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए महत्वपूर्ण अवसर करार दिया। इसे अपना ड्रीम प्रॉजेक्ट बताते हुए मोदी ने कहा कि फेरी सेवा उनकी ओर से भारत के लिए अमूल्य उपहार है और उन्होंने दावा किया कि दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए यह अपनी तरह का पहला प्रॉजेक्ट है। प्रधानमंत्री ने कहा कि फेरी सेवा के बारे में उन्होंने केवल स्कूल के दिनों में ही सुना था, जिसकी शुरुआत करने का उन्होंने प्रयास किया है।
मोदी ने मजाकिया लहजे में कहा, ऐसा लगता है कि सभी अच्छे कामों का कार्यान्वयन मेरी किस्मत है। मोदी ने कहा, नए बदलाव घिसे-पिटे रवैये से नहीं बल्कि नई सोच से आते हैं। हमने सोचने के तरीके को बदल दिया है। उन्होंने कहा कि इस सेवा से 360 किलोमीटर की दूरी 31 किलोमीटर या सात घंटे की यात्रा एक घंटे में सीमित हो जाएगी।
जानियें रो-रो फेरी सेवा की 10 बड़ी बातें
1. रो-रो फेरी सेवा यानी किसी सामान को लादना और फिर उसे उतारना। इसमें जहाजों को इस तरह से तैयार किया जाता है, जिनमें कारों, ट्रकों, सेमी-ट्रेलर ट्रकों, ट्रेलर्स और अन्य चीजों को लादा जा सकता है। इसके अलावा लोग भी इसमें सफर कर सकते हैं।
2. 615 करोड़ रुपये की यह योजना गुजरात के लिए पीएम मोदी की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है।
3. यह सेवा घोघा और दाहेज के लोगों के लिए बड़ी राहत है, क्योंकि दोनों शहर समुद्र के दो अलग किनारों पर बसे हैं।
4. इस योजना के जरिए भावनगर से भरूच की दूरी 310 किलोमीटर से घटकर सिर्फ 31 किलोमीटर रह जाएगी। पहले 10 घंटे का समय लगता था, लेकिन अब मात्र आधे घंटे में ही सफर पूरा हो जाएगा।
5. पीएम मोदी ने अभी इसके पहले चरण का उद्घाटन किया है। दूसरा फेज जनवरी 2018 में शुरू होगा।
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6. इसके पहले चरण में केवल यात्रियों को इस पार से उस पार जाने का
मौका मिलेगा लेकिन दूसरे चरण में इस फेरी सर्विस के माध्यम से बड़े वाहन भी
ले जाए जा सकेंगे।
7. रो-रो फेरी सर्विस में जो बोट रहेगी,
उसमें 100 बड़े वाहनों की ढुलाई और करीब 500 लोगों की यात्रा एक साथ होगी,
लेकिन फिलहाल इस प्रोजेक्ट का एक ही फेज पूरा हुआ है। जिसमें केवल
पैसेंजर्स के लिए सुविधा शुरू होगी। इसमें प्रति व्यक्ति किराया सिर्फ 600
रुपये रखा गया है। फेरी के किराए की यह दर बस सुविधा से सस्ती होगी।
8.
इस प्रोजेक्ट का दूसरा फेज जनवरी 2018 में शुरू होगा जिसके तहत बड़े वाहन
के साथ-साथ 500 से ज्यादा यात्री एक ही फेरी में आ जाया करेंगे। फिलहाल
फेज-1 की फेरी में 250 पैसेंजर ही आ सकेंगे।
9. इस फेरी
सर्विस पर 614 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। घोघा और दाहेज बंदरगाहों को इसके
लिहाज से तैयार करने के लिए केंद्र सरकार से 117 करोड़ रुपये सागरमाला
परियोजना के तहत आवंटित किए गए थे।
10. गुजरात सरकार के मरीन एवं पोर्ट अफेयर्स के पास इसकी जिम्मेदारी है, जिसने 2011 में इसके टेंडर निकाले थे।
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