जेटली का  H1-B/L1वीजा प्रक्रिया में सुधार का आग्रह

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 13 अक्टूबर 2017, 10:28 PM (IST)

वाशिंगटन। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में कुशल भारतीय पेशेवरों के योगदान को रेखांकित करते हुए भारतीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अमेरिकी कोषागार मंत्री और अमेरिकी वाणिज्य मंत्री के साथ यहां द्विपक्षीय वार्ता के दौरान एच1-बी/एल1 वीजा प्रक्रिया में सुधार की जमकर वकालत की है। यहां तक कि उन्होंने यहां जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक में भी घरेलू नीति के कारण वैश्विक गिरावट को समझने की जरूरत पर बल दिया है। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘‘जेटली ने एच1-बी/एल1 वीजा प्रक्रियाओं और सामाजिक सुरक्षा योगदान में सुधार की जोरदार वकालत की, ताकि अमेरिकी हितों के लिए काम कर रहे उच्च क्षमता वाले भारतीय पेशेवरों को मेहनत से कमाए गए उनके पैसों से वंचित नहीं किया जा सके। इसके अलावा उन्होंने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में कुशल भारतीय पेशेवरों के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि अमेरिकी पक्ष द्वारा भी इसकी उचित सराहना की जानी चाहिए।’’

वित्तमंत्री एक हफ्ते के आधिकारिक दौरे पर वाशिंगटन में हैं। वह यहां अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की बैठकों में भाग लेने के अलावा अन्य महत्वपूर्ण बैठकों में शामिल होंगे। उनके साथ भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गर्वनर उर्जित पटेल और आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग भी हैं। विश्व बैंक और आईएमएफ की बैठकों से इतर जेटली ने अमेरिकी कोषागार मंत्री और अमेरिकी वाणिज्य मंत्री के साथ यहां भारत-अमेरिका आर्थिक सहयोग पर द्विपक्षीय बैठक की। बैठक में खासतौर से इस मुद्दे पर चर्चा की गई कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश किस प्रकार से बढ़ाया जा सकता है।

जेटली ने इस बैठक में भारत में किए जा रहे संरचनात्मक सुधारों और जीएसटी लागू करने और छद्म अर्थव्यवस्था पर कार्रवाई करने जैसे साहसी कदमों की चर्चा की। वहीं, जी-20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गर्वनरों को गुरुवार को संबोधित करते हुए जेटली ने घरेलू नीतिगत कार्रवाइयों, खासतौर से व्यापार और वित्तीय नियमन के क्षेत्र में की गई कार्रवाइयों के कारण वैश्विक स्तर पर आई गिरावट को समझने की आवश्यकता पर जोर दिया।

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उन्होंने कहा, ‘‘विशिष्ट सदस्य देशों की घरेलू नीतिगत कार्रवाइयों, खासतौर पर व्यापार और वित्तीय नियमन से जुड़े मामलों के कारण आई वैश्विक गिरावट को समझना महत्वपूर्ण है।’’ जेटली ने यह टिप्पणी पिछले साल अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चुने जाने के बाद उनकी संरक्षणवादी नीतियों तथा यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने के संदर्भ में की, जो सभी विकसित देशों में संरक्षणवादी प्रवृत्तियों को प्रतिबिंबित करते हैं। जेटली ने गुरुवार को ही यहां उद्योग चैंबर फिक्की द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में मंदी का प्रभाव अब दूर होता जा रहा है और देश की विकास दर अब अधिक संतुलित और टिकाऊं होने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

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