नई दिल्ली। एक ओर चीन अपनी चालाकी से बाज नहीं आ रहा है, ऐसे में भारत ने नये सिरे से तैयारियां शुरू कर दी है। डोकलाम विवाद के बाद भारत सीमा पर और ज्यादा सतर्क हो गया है। भारत ने इसके लिए जबर्दस्त तैयारी भी शुरू कर दी है और सीमा की रक्षा के लिए बड़े पैमाने पर इसके नजदीक निर्माण कार्य शुरू करने वाला है। भारतीय सेना 2020 तक उत्तराखंड में चार पहाड़ी दर्रो को सडक़ से जोड़ेगी। जनरल स्टाफ ड्यूटी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विजय सिंह ने कहा कि शीर्ष सेना अधिकारियों ने यहां चल रहे सेना कमांडरों के सम्मेलन में भारत-चीन सीमा पर बुनियादी ढांचे पर चर्चा की और निर्णय लिया कि सडक़ निर्माण की गतिविधियों के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
विजय सिंह ने कहा, इसके लिए नीति, लिपु लीख, थांग ला 1 और संगचोकोला को 2020 तक प्राथमिक रूप से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि सडक़ों और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सीमा सडक़ संगठन को अतिरिक्त धन आवंटित करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि क्षमता बढ़ाने के लिए कुछ सेना संरचनाओं में संगठनात्मक परिवर्तन पर भी चर्चा की गई।
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28 अगस्त को डोकलाम सेक्टर में भारत और चीन के बीच 75 दिनों तक चले गतिरोध
की समाप्ति के बाद 9 से 15 अक्टूबर तक सेना के कमांडरों का सम्मेलन आयोजित
किया गया है। सम्मेलन में गतिरोध और भारत की सीमाओं पर हालात चर्चा के लिए
महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सम्मेलन में अपने
उद्घाटन संबोधन में हथियार, गोला-बारूद और उपकरणों को प्राथमिकता पर जोर
दिया।
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