कार्यशाला में भ्रूण लिंग चयन रोकने के लिए बताई सभी की जिम्मेदारी

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 13 अक्टूबर 2017, 5:38 PM (IST)

जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के राज्य पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ की ओर से स्वयंसेवी संस्था गर्ल्स काउंट, एसआरकेपीएस एवं यूएन वीमन के सहयोग से शुक्रवार को स्वास्थ्य भवन सभागार में ‘भ्रूण लिंग चयन को रोकने हेतु संगठित जिम्मेदारी’ विषय पर कार्यशाला हुई। इसमें पैरामेडिकल, रेडियोलॉजी संगठनों के 40 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

अध्यक्ष राज्य समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं मिशन निदेशक नवीन जैन ने कहा कि समाज में बेटा-बेटी में भेदभाव, भ्रूण लिंग चयन की रोकथाम के मुद्दे के प्रति समाज के प्रत्येक वर्ग, प्रोफेशन से जुड़े सभी लोगों की संगठित जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि नर्सिंगकर्मी बेटी बचाओ अभियान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने उनके एसोसिएशन के माध्यम से अपने सदस्यों को इस मुद्दे के प्रति सेंसेटाइज करने के साथ ही मरीजों व अन्य लोगों को आवश्यक सलाह के साथ ही बेटी बचाओ का संदेश भी प्रसारित करने की अपील की।

जैन ने कहा कि प्रदेश में पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन के साथ ‘डॉटर्स आर प्रीसियस’ अभियान के तहत कालेजों एवं स्कूलों में युवा वर्ग को बेटी बचाओ मुहिम से जोड़ने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही समाज के प्रत्येक प्रोफेशन से जुड़े संगठनों के साथ भी निरंतर कार्यशालाएं की जा रही हैं, ताकि पीसीपीएनडीटी एक्ट मुखबिर योजना की जानकारी एवं ‘डॉटर्स आर प्रीसियस’ का संदेश ज्यादा से ज्यादा प्रसारित हो सके।

निदेशक आरसीएच डॉ. एसएम मित्तल ने प्रतिनिधियों के साथ भ्रूण लिंग परीक्षण को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों एवं इनसे संबंधी चुनौतियों के विषय पर विस्तार से चर्चा की। परियोजना निदेशक पीसीपीएनडीटी रघुवीर सिंह ने डिकॉय ऑपरेशन, एक्टिव ट्रेकर के बारे में जानकारी दी। गर्ल्स काउंट के रिजवान परवेज ने कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। एसआरकेपीएस के राजन चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यशाला में राजस्थान राज्य नर्सिंग एसोसिएशन (यूनियन), लैब टैक्निशियन एसोसिएशन, राजस्थान नर्सिंग यूनियन एवं इंडियन रेडियोलॉजी एसोसिएशन के करीब 40 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

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