जयपुर । राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने प्रदेश सरकार की तरफ से सरकारी कर्मियों पर सोशल मीडिया के उपयोग पर प्रतिबंध लगाये जाने को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने परिपत्र जारी कर आदेश दिया है कि सरकार के विरोध में अफसरों व कर्मचारियों द्वारा यदि कोई टिप्पणी की गई तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मियों व अफसरों पर पहले से ही कोड ऑफ कन्डक्ट लागू है, ऐसे में अलग से परिपत्र जारी करने का सीधा मतलब है कि सरकार चाहती है कि सरकार व प्रशासन में चल रही अनियमितताओं व नाकामियों पर पर्दा डला रहे और किसी भी प्रकार से उनका खुलासा न हो। उन्होंने कहा कि सरकार ने चार वर्षों में जो कार्यप्रणाली अपनाई है उससे कर्मचारियों व आम जनता में आक्रोश व्याप्त है और सोशल मीडिया के माध्यम से भाजपा सरकार द्वारा की जा रही वादाखिलाफी उजागर हो रही है जिससे सरकार बौखला रही है और कर्मचारियों व अधिकारियों के सामान्य अभिव्यक्ति के अधिकार को भी कुचलना चाहती है। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य में भाजपा सरकार का उद्देश्य असहमति को कुचलना व अभिव्यक्ति को दबाना है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस परिपत्र को जारी कर भाजपा की निरंकुश प्रवृत्ति को सार्वजनिक कर दिया है।
उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों से संवाद करे, उन्हें विश्वास में ले और जनहित का काम करने के लिए प्रेरित करे ना कि ऐसे परिपत्र जारी कर अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए कर्मचारियों का मनोबल गिराये।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे