गुजरात चुनाव के रिजल्ट तय करेंगे पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत का भविष्य

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 13 अक्टूबर 2017, 09:47 AM (IST)

जयपुर। राजस्थान कांग्रेस के लिए गुजरात चुनाव महत्वपूर्ण है। राजस्थान कांग्रेस से ज्यादा यह चुनाव राजस्थान पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए महत्वपूर्ण है। गुजरात चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भविष्य दाव पर लगा है। गहलोत गुजरात चुनाव प्रभारी हैं और वे वहां पहले से ही डेरा डाले हुए हैं।

प्रदेश कांग्रेस खासतौर पर गहलोत के लिए गुजरात चुनाव इसलिए महत्वपूर्ण है कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य है और इसमें जीत दर्ज कर वे अब तक की हार की सारी कसर निकाल लेना चाहते हैं मानो गुजरात में जीत तो सारे देश में जीत।

इस जीत से गहलोत पार्टी के भीतर मजबूत हो जाएंगे। हां यदि हार मिलती है तो गहलोत की स्थिति कमजोर हो सकती है। गुजरात चुनाव में यदि कांग्रेस ने मोदी के किले को ध्वस्त कर दिया और बराबरी पर लाकर खड़ा कर दिया तो गहलोत अपने आप प्रदेश और पार्टी में और मजबूत होकर उभरेंगे। यदि पहले से स्थिति कमजोर हो गई तो प्रदेश और पार्टी के भीतर उनकी स्थिति और कमजोर होगी। इस चुनावी गणित को ध्यान में रखकर ही गहलोत अपने करीबी नेताओं को गुजरात की जंग में उतार रहे हैं।


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चुनाव की तिथि घोषित होने से पहले ही पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ प्रदेश प्रभारी और गहलोत लगातार चुनाव प्रचार में जुट गए हैं। इस चुनाव प्रचार में राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेताओं को चुनाव प्रचार में बुलाया गया है, जिससे जातिगत समीकरण को साधने में आसानी हो सके। इसमें राजस्थान से 50 से अधिक प्रभावशाली कांग्रेसी नेताओं को गुजरात के चुनाव में उतारने की तैयारी है। उनके नामों की लिस्ट को फाइनल किया जा रहा है।

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कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि राजस्थान के नेताओं को दो तरीके से गुजरात के चुनाव में लगाया जा रहा है। एक तो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सीधे अपने करीबी नेताओं को गुजरात बुला रहे हैं। दूसरा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से राज्य के नेताओं के नाम फाइनल किए जा रहे हैं। इसको लेकर दिल्ली में मीटिंग भी हो रही है। राज्य के नेता पार्टी के चुनाव मानिटरिंग करने से लेकर बूथ प्रबंधन तक की व्यवस्था करेंगे, जिससे हर हाल में पार्टी को सत्ता तक पहुंचाया जा सके।

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