वेतन में कटौती से नाराज पुलिसकर्मी ने किया आत्महत्या का प्रयास, wtsup पर किया सुसाइड नोट पोस्ट

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 12 अक्टूबर 2017, 7:06 PM (IST)

प्रतापगढ़। प्रदेश में सातवें वेतन आयोग से पहले वेतन कटौती को लेकर सभी पुलिसकर्मी सरकार से खासा नाराज नजर आ रहे हैं। अब तक तो पुलिसकर्मियों की ओर से मैस का बहिष्कार किया जा रहा था।
लेकिन चौकाने वाली खबर ये है कि वेतन कटौती से नाराज एक कांस्टेबल ने सुसाइड का प्रयास किया। इस घटना के बाद पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। मामला राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले का है। घटना के बाद कांस्टेबल को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका उपचार जारी है।

दरअसल, प्रतापगढ़ एसपी ऑफिस में कार्यरत कांस्टेबल सुभाष ने देर रात एक साथ कई नींद की गोलियां खा ली, हालांकि पहले किसी को इस घटना के बारे में जानकारी नहीं थी कि सुभाष ने नींद की गोलियां क्यों खाई है। लेकिन नींद की गोली खाने से पहले सुभाष ने 5 पेज क सुसाइड नोट वाॅटसएप ग्रुप पर पोस्ट कर दिया।

जैसे ही ये पोस्ट एडिश्नल एसपी रतनलाल भार्गव को मिला तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने सुभाष को फोन किया। सुभाष ने कुछ देर तो बात की, मगर उसके बाद फोन पर आवाज आना बंद हो गया। इस पर एडिश्नल एसपी ने फिर फोन किया, लेकिन कोई रेसपाॅन्स नहीं मिला। इस पर पुलिस सुभाष के घर पहुंची तो उन्हें वह बेसुध मिला। इस पर पुलिस ने सुभाष को प्रतापगढ़ अस्पताल में में भर्ती कराया।

जानकारी के मुताकिक सुभाष ने सुसाइड नोट में अपनी पीड़ा जताते हुए लिखा है की सरकार पुलिस विभाग के साथ नाइंसाफी कर रही है, वेतन कटौती कर देने का आदेश कर रही है, क्योंकि पुलिस कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकते, हांलाकि पुलिस कर्मचारियों के सहयोग से ही जनता को राहत, मंत्रियों को सुरक्षा और अपराधों पर अंकुश समेत कई तरह की व्यवस्थाएं करती है। फिर भी सरकार की नजर में पुलिसकर्मी कुछ नहीं हैं। इसलिए वेतन कटौती की जा रही है व विभिन्न प्रकार के भत्तों में कटौती कर रही है।

सुभाष ने सुसाइड नोट में पुलिस की तमाम मजबूरियों के बारे में लिखा है। हालांकि इस घटना के बाद जब हमारी टीम ने एडिश्नल एसपी से बात की तो वह साफ तौर पर कुछ नहीं बोल पाए। हालांकि इस मामले के बाद पूरे पुलिस प्रशासन में हडकंप मचा हुआ है। आपको बता दें कि सातवें वेतन आयोग लागू होने से पहले ही वेतन कटौती को लेकर पूरे प्रदेश में पुलिसकर्मियांें की ओर से मैस का बहिष्कार किया जा रहा है।

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