हिमाचल में 9 नवंबर को वोटिंग, गुजरात को लेकर कांग्रेस ने आयोग से पूछा सवाल

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 12 अक्टूबर 2017, 6:30 PM (IST)

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने गुरुवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। चुनाव आयोग ने गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए आज तारीखों का ऐलान नहीं किया है। इस पर कांग्रेस ने सवाल खड़े कर दिए है। हिमाचल प्रदेश में 9 नवंबर को वोटिंग होगी और 18 दिसंबर को वोटों की गिनती होगी। देश में हिमाचल ऐसा पहला राज्य होगा जहां सभी पोलिंग बूथों पर वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रायल (वीवीपीएटी) मशीन का इस्तेमाल होगा। चुनाव की घोषणा के साथ ही हिमाचल में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।

मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार ज्योति ने गुरुवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की। उन्होंने बताया कि राज्य में निष्पक्ष चुनाव के लिए बड़ी तैयारी की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में बड़े पैमाने पर अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की जाएगी।
चुनाव आयोग ने हिमाचल चुनाव के लिए राज्य के सभी 7,521 पोलिंग बूथों को ग्राउंड फ्लोर पर रखने का फैसला किया है। सभी पोलिंग स्टेशन पर दिव्यांगों के लिए सुविधा होगी।

वोटिंग, नामांकन और चुनावी सभाओं की विडियोग्राफी की जाएगी। काउंटिंग हॉल की भी विडियोग्राफी की जाएगी। राज्य विधानसभा चुनाव के लिए खर्च की सीमा भी निर्धारित कर दी गई है। हर उम्मीदावर चुनाव के दौरान 28 लाख रुपये खर्च कर सकेंगे। चुनाव परिणाम की घोषणा के 30 दिन के भीतर उम्मीदवारों को खर्च से संबंधित अपना शपथपत्र सौंपना होगा। चुनाव आयोग की इस बार सोशल मीडिया पर पैनी नजर रहेगी।

ये है पूरा शेड्यूल

-16 अक्टूबर से नामांकन फाइल किया जा सकेगा।
-23 अक्टूबर तक नामांकन फाइल किया जाएगा।
-24 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच।
-26 अक्टूबर तक नामांकन वापस लेने की तारीख।
-9 नवंबर को हिमाचल प्रदेश में वोटिंग।
-18 दिसंबर को हिमाचल विधानसभा चुनाव की मतगणना।

कांग्रेस ने पूछा-गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान क्यों नहीं

कांग्रेस ने चुनाव आयोग की ओर से हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम एक साथ घोषित नहीं करने पर गुरुवार को सवाल उठाए और आरोप लगाया कि सरकार ने आयोग पर दबाव बनाया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि गुजरात चुनाव के कार्यक्रम घोषित करने में देरी इसलिए की गई ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 अक्टूबर को अपने गृह राज्य के दौरे के दौरान लोकलुभावन घोषणाएं कर फर्जी सांता क्लॉज के तौर पर पेश आएं और जुमलों का इस्तेमाल करें। पार्टी ने कहा कि यदि गुजरात चुनाव के कार्यक्रम अभी घोषित कर दिए गए होते तो राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई होती ।

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कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्विटर अकाउंट पर डाले एक वीडियो संदेश में आरोप लगाया, ‘अब यह साफ है कि हिमाचल के साथ गुजरात चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा टालने के लिए मोदी सरकार और भाजपा चुनाव आयोग पर दबाव डाल रहे हैं ताकि उनके राजनीतिक हित पूरे हो सकें।’ साथ ही उन्होंने ट्वीट किया, ‘कारण यह है कि प्रधानमंत्री एक फर्जी सांता क्लॉज के तौर पर 16 अक्तूबर को गुजरात जा रहे हैं ताकि ऐसी लोक लुभावन घोषणाएं कर सकें और ऐसे जुमलों का इस्तेमाल कर सकें जो उन्होंने 22 साल से लागू नहीं किए।’

कांग्रेस नेता ने कहा कि गुजरात चुनाव की तारीखें घोषित कर और तत्काल आदर्श आचार संहिता लागू कर सभी को समान अवसर मुहैया कराने की जिम्मेदारी अब चुनाव आयोग पर है। उन्होंने कहा, ‘सवाल यह है कि क्या चुनाव आयोग सरकार के ऐसे दबाव में घुटने टेक सकता है। क्या यह परंपरा सही है और चुनाव आयोग को इस बाबत लोगों को विस्तार से जवाब देना चाहिए।’ सुरजेवाला ने दावा किया कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से भाजपा की पिछली 22 साल की नाकामियों की पोल खोल देने के बाद मोदी को हार का भान हो गया है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा को हार का डर सता रहा है और वह आखिरी समय में वोटरों को ललचाने की कोशिश में जुटी है ।

सुरजेवाला ने कहा, ‘हम मांग करते हैं कि गुजरात और हिमाचल में नवंबर में चुनाव कराए जाएं और आदर्श आचार संहिता तत्काल लागू की जाए। यह दोनों राज्यों के लोगों की मांग भी है और संवैधानिक दायित्व भी है। आप चाहे जो भी करें, लोगों ने अपना मन बना लिया है और वे भाजपा को हराएंगे।’ हिमाचल प्रदेश मामलों की प्रभारी सचिव रंजीत रंजन ने भी चुनाव आयोग पर ऐसे ही सवाल उठाए । उन्होंने दावा किया कि गुजरात में मुख्य विपक्षी कांग्रेस को समर्थन हासिल हो रहा है और इसलिए भाजपा को डर है कि गुजरात उसके हाथों से निकल जाएगा।
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