दुनिया में प्रेम की भाषा ही सबसे अच्छी भाषा : निरंकारी संत धमनदास

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 10 अक्टूबर 2017, 4:00 PM (IST)

टोंक। संत निरंकारी सत्संग भवन टोंक में आयोजित आध्यात्मिक सत्संग में अजमेर के जोनल इंचार्ज संत धमनदास ने कहा कि किसी को गिराने में नहीं बल्कि गिरते हुए को उठाने में मानवता है। यदि हम किसी का अच्छा नहीं कर पा रहे हैं, तो बुरा तो बिलकुल भी न करें।

उन्होंने कहा कि दुनिया में प्रेम की भाषा ही सबसे अच्छी भाषा है, प्रेम और संतोष से भरे लोगों से ज्यादा समृद्ध और सुखी कोई नहीं होते। निरंकारी संत धमनदास ने कहा कि विनम्रता और मानवता यही ही इंसान की पहचान होती है। प्रेम व मानवता का दायरा असीमित हो, जिसमें समाज व राष्ट्र के साथ विश्व बंधुत्व की भावना भी हो। भक्ति के लिए भक्त के जीवन में प्रेम और संतोष हमेशा बना रहे तो वह सद्मार्ग से कभी डांवाडोल नही होता। भक्त और भगवान के बीच प्रेम का अटूट रिश्ता होता है। सत्संग सदगुरु की पाठशाला होती है, जहां सुंदर जीवन का निर्माण होता है। दिलों में नफरत लेकर हम दूसरों के दिलों को नहीं जीत सकते, सिर्फ एक प्यार की भाषा ही होती है, जिससे हम दूसरों को भी अपना बना लेते हैं। मीडिया सहायक सीताराम निरंकारी ने बताया कि सत्संग का संचालन संदीप कुमार ने किया। सत्संग में टोंक से संतोष कुमार, कोटा से राजकुमार सिंधी, जयपुर से रमेश शर्मा, अजमेर से राजकुमार एवं मेघा, पूजा, सोना, भूमिका आदि महात्माओं ने सत्संग में भजन व विचार व्यक्त किए।



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