पर्स में ना रखें ये 5 चीजें, वरना हो जाओगे कंगाल

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 19 दिसम्बर 2017, 10:35 AM (IST)

पैसों से जुडी समस्याओं को दूर करने के लिए शास्त्रों के अनुसार कई कार्य और नियम बताए गए हैं। इन नियमों का पालन करने पर व्यक्ति के जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं रहती है।
ये 5 चमत्कारी उपाय दिलाएंगे कर्जे से मुक्ति
तो फिर देर किस बात की NEXT स्लाइड्स पर क्लिक कर डालिए एक नजर किन वस्तुओं को तुरंत ही पर्स से बाहर कर देना चाहिए......


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पत्नी को नींद न आए,नींद पूरी न हो तो समझो


1. पर्स में किसी भी प्रकार के बिल या भुगतान से संबंधित कागज नहीं रखने चाहिए।




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2. कुछ लोग पर्स में ही चाबियां भी रखते है, चाबियां रखना भी अशुभ ही माना जाता है। इन्हें भी रुपए-पैसों से अलग ही रखना चाहिए।

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3. पर्स में कभी भी कोई अश्लील चित्र या अन्य अश्लील सामग्री भी नहीं रखना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से पर्स की बरकत खत्म हो जाती है और जीवन में नकारात्मकता बढने लगती है।

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4. पर्स में मृत व्यक्तियों के चित्र रखना भी शुभ नहीं माना जाता है अत: इस प्रकार के चित्रों को भी पर्स में नोटों के साथ नहीं रखें।

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पर्स में कभी भी रुपयों के साथ कोई बिल-रसीद या टिकट ना रखे इससे विवाद बढता है।
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बड़े बुजुग लोग जो कहते है वो सौ आने सही कहते है। कई बार ये कुछ ऐसी चीजों के बारे में बाते है जिन्हे घर में नहीं रखना चाहिए। यदि गलती से इन चीजों को घर ले आते है तो सुख, समृद्धि और घर की शांति समाप्त हो होती है। उनके घर में रहने से इंसान को सकारात्मक ऊर्जा का अहसास नहीं होता है। जाने-अनजाने इन चीजों को घर में रखने से जिंदगी आसान होने की बजाय मुश्किल हो जाती है।
ऐसी कुछ ही चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें घर में रखने में हमेशा बचना चाहिए-

नटराज की मूर्ति-
ये मूर्ति आपको लगभग हर क्लासिकल डांसर के घर में मिल जाएगी। कई डांस की प्रतियोगिताओं में इसे अवॉर्ड के तौर पर भी दिया जाता है, लेकिन गौर से देखने पर आपको इन मूर्तियों में भगवान शिव ‘तांडव’ नृत्य करने हुए नजर आएंगे। ये नृत्य विनाश का संकेत देता है। इसलिए इस मूर्ति को घर में रखना अशुभ माना जाता है।

ताज महल-
मोहब्बत की निशानी ताज महल खुद में कई अहसासों को समेटे हुए हैं। इसे देखते ही सजदा करने को जी चाहता है, लेकिन अक्सर लोग भूल जाते हैं कि ये मुमताज की कब्रगाह भी है। इसलिए कहा जाता है कि ताज महल की तस्वीर, इमारत का कोई स्टैच्यू कभी किसी को गिफ्ट नहीं करना चाहिए और न ही घर में सजाकर रखना चाहिए। इसका सीधा असर जिंदगी पर पड़ता है और हमेशा मौत का खतरा बना रहता है।

डूबती हुई नाव या जहाज-
अगर आपने घर में डूबती हुई नाव का कोई स्टैच्यू या तस्वीर घर में रखी है तो समझ जाइए कि आपने अपने पैरों पर खुद कुल्हाड़ी मार ली है। डूबती हुई नाव या जहाज की तस्वीर या कोई शोपीस आपकी किस्मत को भी डुबा देगा। ऐसी चीजों को टूटते रिश्तों का प्रतीक माना जाता है। इसलिए इन्हें खुद से दूर रखने में ही भलाई है।

महाभारत की तस्वीरें-
महाभारत का युद्ध इतिहास के सबसे भीषण युद्ध में से एक माना जाता है। इसमें हजारों लोग मारे गए थे। कई घर उजड़ गए थे। कहा जाता है कि महाभारत ग्रंथ घर में कभी नहीं रखना चाहिए। इससे आपसी रिश्तों में खटास आती है। घर में क्लेश बढऩे लगता है। साथ ही इस युद्ध के प्रतीकों और तस्वीरों को भी घर में कभी नहीं लगाना चाहिए।

जंगली जानवरों के शो पीस-
किसी जंगली जानवर की तस्वीर या शो पीस घर पर रखना शुभ नहीं माना जाता। इससे घर में रहने वालों के स्वभाव में तल्खी आती है और क्रोध भी काफी बढ़ जाता है। परिवार में लोग छोटी-छोटी बातों पर ही आपस में लड़ बैठते हैं। इसलिए बच्चों के जिद करने पर भी इन चीजों को घर में लाने से बचना चाहिए।
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शनिदेव को सभी ग्रहों में सबसे खतरनाक ग्रह माना जाता है। अगर कोई इन्सान एक अच्छी आयु जीता है तो उसको जीवन में तीन बार शनि की दशा से गुजरना पड़ता है। पहली बार वो इन्सान के साथ खेलता है, दूसरी बार उसकी जिन्दगी में भूचाल ले आता है और तीसरी बार उसके सारे धन-दौलत को नष्ट कर देता है। इसी कारण सभी शनि को शांत रखने का प्रयास करते है। ज्योतिष में शनि को कर्मफल का प्रदाता कहते हैं। शनि ही व्यक्ति को उसके अच्छे-बुरे कर्मों का फल प्रदान कर व्यक्ति के जीवन को सफल या दुश्वर बनाते हैं। भारतीय ज्योतिष में संसार की हर वस्तु को उसके गुणधर्म के आधार पर नवग्रहों के अनुरूप के वर्गीकृत किया गया है।
गिफ्ट्स व्यक्ति के सामाजिक जीवन को समृद्ध बनाते हैं। वैसे तो किसी भी वस्तु को खरीद कर उसे भेंट करने का समय उसकी जरूरत पर निर्भर करता है। परंतु ज्योतिष शास्त्र में भी इसके कुछ नियम बताए गए हैं। ऐसा माना जाता है कि शनिवार को कुछ चीज़ें भेंट करने अथवा किसी को गिफ्ट करने से कुंडली में शनि का बल कमजोर पड़ जाता है या कुंडली में शनि की अशुभता बढ़ती है।
आज आपको यह बताने जा रहे है कि शनिवार को यह 10 चीजें गिफ्ट के रूप में किसी को ना दे अन्यथा शनिदेव आप से नाराज हो जाते है-

1. चांदी के आभूषण- शनिवार के दिन चांदी के आभूषण खरीदकर गिफ्ट करने पर शनिदेव व्यक्ति के कर्ज में वृद्धि करते हैं।

2. मोती- शनिवार के दिन मोती खरीदकर गिफ्ट करने पर शनिदेव यंत्रों से होने वाली दुर्घटना से भी बढ़त करते हैं।

3. तांबे के बर्तन- यह दान करने से शनिदेव की कोप दृष्टि में बढ़ोतरी होती है और मुनाफे में चल रहा व्यापार घाटा देने लगता है।

4. चॉकलेट- शनिवार को चॉकलेट गिफ्ट करने पर व्यक्ति की मानसिक क्षमता में कमी आती है।

5. कैंची-शनिवार के दिन चांदी लोहे अथवा स्टील से बनी कैंची खरीदकर गिफ्ट करने से शनिदेव रिश्तों में तनाव लाते हैं।

6. लाल रंग के कपड़े- शनिवार को लाल रंग के कपड़े खरीद कर गिफ्ट करने पर व्यक्ति की सामाजिक छवि खराब होती है।

7. सफेद रंग के कपड़े- शनिवार को सफ़ेद रंग के कपड़े खरीद कर गिफ्ट करने पर व्यक्ति को पारिवारिक कलह का सामना करना पड़ता है।

8. चमेली का इत्र- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिवार को चमेली का इत्र खरीद कर गिफ्ट करने पर व्यक्ति रोगकारी होता है।

9. नारंगी रंग की मिठाइयां- शनिवार को नारंगी रंग की मिठाइयां जैसे इमरती या जलेबी गिफ्ट करने पर व्यक्ति के दुर्घटनाओं के योग बनते हैं।

10. लाल स्याही वाला पेन- शनिवार के दिन लाल स्याही वाला पेन खरीदकर गिफ्ट करने से शनिदेव अपयश का भागी बनाते है।
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हिन्दू धर्म में मूर्ति पूजा का विधान है और 33 करोड़ देवी-देवताओं वाले इस धर्म में सभी इष्ट देवों को एक विशिष्ट स्थान प्रदान किया गया है। पूजा-पाठ करने और भगवान को प्रसन्न करने के कुछ नियम-कायदे होते है जिनका पालन करने से घर में संपन्नता बनी रहती है। पूजा में जप करते समय पूरे विधि-विधान का ध्यान रखना जरूरी होता है। पूरी क्रिया और श्रद्धा के साथ किया गया जप शुभ फल देना वाला होता है। पुराणों में जप से संबंधित कई बातें बताई गई हैं, जिनका ध्यान हर किसी को रखना ही चाहिए।
पुराणों में 5 ऐसे कामों के बारे में बताया गया जो जप करते समय भूलकर भी नहीं करने चाहिए। आइए जानते है कौन-कौनस के है ये काम-

1. छींकना--
देवी-देवताओं का जप करते समय मनुष्य को अपनी छींक या खांसी पर नियंत्रण रखना चाहिए। भगवान का ध्यान करते समय छींकने से मुंह अपवित्र हो जाता है और अपवित्र मुंह से भगवान का नाम लेना वर्जित माना जाता है। अगर भगवान का जप करते समय छींक या खांसी आ जाए तो तुरंत हाथ-मुंह धोकर, पवित्र हो जाना चाहिए और उसके बाद ही जप दोबारा शुरू करना चाहिए।

2. थूकना--
थूक के द्वारा मनुष्य अपने शरीर की गदंगी को बाहर करता है। देवी-देवताओं का ध्यान या जप करते समय ऐसी कोई भी क्रिया करना वर्जित माना गया है। मनुष्य को अपने मन के साथ-साथ शरीर को भी पूरी तरह से शुद्ध करने के बाद ही भगवान की पूजा-अर्चना करना चाहिए। यदि पूजा या ध्यान के बीच में शरीर संबंधी कोई भी क्रिया करनी पड़े तो फिर से नहाने के बाद ही देव-पूजा करनी चाहिए।

3. जंभाई (उबासी) लेना--
उबासी लेना आलस्य की निशानी होती है। जो मनुष्य सुबह उठने के बाद भी उबासी लेता रहता है या नींद की अवस्था में रहता है, उसे भगवान की पूजा-अर्चना करने की मनाही है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, सुबह जल्दी उठ कर, स्नान आदि काम पूरे करके, आलस-नींद जैसे भावों को मन से दूर करके ही भगवान का ध्यान या जप करना चाहिए।

4. क्रोध--
क्रोध यानी गुस्सा करना। बेवजह या बात-बात पर गुस्सा करना सबसे बड़े अवगुणों में से एक माना जाता है। जो क्रोध का भाव अपने मन में रखता है, वह किसी भी काम में अपना मन नहीं लगा सकता। देव पूजा और साधना के लिए मन का शांत और एकाग्र होना बहुत ही जरूरी होता है। अशांत मन से किया गया जप कभी फल नहीं देता। इसलिए, हर मनुष्य को मंदिर जाने से पहले या घर पर ही भगवान की पूजा या जप करने से पहले क्रोध, हिंसा, लालच जैसे भावों को मन से निकान देना चाहिए।

5. मद (नशा)—
जो मनुष्य नशा करता है, उसे पुराणों में राक्षस के समान माना गया है। भगवान की पूजा-अर्चना करने से पहले मनुष्य को अपने मन और अपने तन दोनों की शुद्धि करना बहुत जरूरी होता है। जो मनुष्य शराब पीता या नशा करता है, उसके सभी पुण्य कर्म नष्ट हो जाते हैं और उसे नर्क की प्राप्ति होती है। भगवान का ध्यान या जप करते समय नशे के बारे में सोचना भी महापाप माना गया है। Most Read: सही स्थान/दिशा में रखे ये 5 चीजें, दूर होंगे सारे कष्ट देखने के लिए NEXT स्लाइड पर क्लिक करें।

भारतीय शास्त्रों में से एक शास्त्र ‘वास्तु शास्त्र’ है, जिसकी जड़ें प्राचीन काल से ही भारत में मौजूद हैं। लेकिन पिछले कुछ समय में ही जैसे-जैसे मनुष्य ज्ञान बटोर रहा है, उसे वास्तु शास्त्र के बारे में पता लग रहा है। केवल वास्तु शास्त्र ही नहीं, पड़ोसी देश चीन के जाने-माने ‘फेंग शुई’ विज्ञान को भी बड़े स्तर पर भारतीयों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है। फेंगशुई के अनुसार बहुत सारी ऐसी चीजें हैं जिन्हें घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। ऐसी ही पांच चीजें हैं यदि उन्हें सही स्थान और दिशा में रखा जाए तो सकारात्मक ऊर्जा के साथ-साथ सुख-समृद्धि का भी आगमन होता है।

1. ताजे फूलों को घर में रखने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। यदि ये फूल मुरझाने लगें तो इन्हें घर में न रखें। मुरझाए और सूखे फूलों को घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा और रोगों का आगमन होता है।

2. फेंगशुई वास्तु अनुसार घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में पौधे रखना अशुभ होता है। यह दिशा रिश्तों और विवाह संबंधी इच्छा से जुड़ी होती है इसलिए यहां पौधे रखने से विवाह में रुकावट और दांपत्य जीवन में कलह रहता है।

3. घर की दक्षिण दिशा में नीले रंग और पानी की तस्वीर न लगाएं। यह पारिवारिक सदस्यों के सम्मान और उन्नति में नुकसान पहुंचाने वाली होती है।

4. घर की पूर्व दिशा में धातु से निर्मित चीजें न रखें। इस दिशा में रखने से व्यक्ति नकारात्मक ऊर्जा और चिंताओं से घिर सकता है।

5. नारंगी और नींबू के पौधे सौभाग्य और समृद्धि के सूचक होने के कारण इन्हें घर के गार्डन की दक्षिण-पूर्व दिशा में लगाने से धन-संपति की प्राप्ति होती है।
Most Read: ये 5 काम करने से होती हैं मां लक्ष्मी नाराज NEXT स्लाइड पर क्लिक करें।

जिन लोगों पर मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है, उनके पास धन की कमी कभी नहीं रहती लेकिन कुछ लोग ऐसे काम कर बैठते हैं कि मां लक्ष्मी नाराज हो जाती है। भूलकर भी कभी ये काम नहीं करें-










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धार्मिक ग्रंथों और शास्त्रों के अनुसार सम्पन्न्ता और खुशहाली अपने कर्मों और भाग्य् से मिलती है। ग्रंथों में यह भी कहा गया है कि अगर कुछ खास उपाय किए जाएं तो प्रतिकूलता भी अनुकूलता में बदलने लगती है। आइए वास्तु के अनुसार देखें कुछ खास उपाय-











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अच्छा स्वास्थ्‍य मनुष्य़ की सबसे बडी जीत है। व्यायाम और अच्छी डाइट से हालांकि अच्छी सेहत पाई जा सकती है लेकिन ज्योतिष की मानें तो केवल 10 टोटकों से अच्‍छी सेहत और स्वास्थ्‍य पाया जा सकता है।

हमेशा हैल्दी बने रहने के लिए रात्रि को पानी किसी लोटे या गिलास में सुबह उठ कर पीने के लिये रख दें। उसे पीकर बर्तन को उल्टा रख दें तथा दिन में भी पानी पीने के बाद बर्तन को उल्टा रखने से यकृत सम्बन्धी परेशानियां नहीं होती तथा व्यक्ति सदैव स्वस्थ बना रहता है।

हृदय विकार, रक्तचाप के लिए एकमुखी या सोलहमुखी रूद्राक्ष श्रेष्ठ होता है। इनके न मिलने पर ग्यारहमुखी, सातमुखी अथवा पांचमुखी रूद्राक्ष का उपयोग कर सकते हैं। इच्छित रूद्राक्ष को लेकर श्रावण माह में किसी प्रदोष व्रत के दिन, अथवा सोमवार के दिन, गंगाजल से स्नान करा कर शिवजी पर चढाएं, फिर सम्भव हो तो रूद्राभिषेक करें या शिवजी पर “ॐ नम: शिवाय´´ बोलते हुए दूध से अभिषेक कराएं।

इस प्रकार अभिमंत्रित रूद्राक्ष को काले डोरे में डाल कर गले में पहनें। जिन लोगों को 1-2 बार दिल का दौरा पहले भी पड़ चुका हो वे एक पाचंमुखी रूद्राक्ष, एक लाल रंग का हकीक, 7 साबुत (डंठल सहित) लाल मिर्च को, आधा गज लाल कपड़े में रख कर व्यक्ति के ऊपर से 21 बार उसार कर इसे किसी नदी या बहते पानी में प्रवाहित कर दें।

घर में नित्य घी का दीपक जलाना चाहिए। दीपक जलाते समय लौ पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर हो या दीपक के मध्य में (फूलदार बाती) बाती लगाना शुभ फल देने वाला है।

रात्रि के समय शयन कक्ष में कपूर जलाने से बीमारियां, दु:स्वपन नहीं आते, पितृ दोष का नाश होता है एवं घर में शांति बनी रहती है।

पूर्णिमा के दिन चांदनी में खीर बनाएं। ठंडी होने पर चन्द्रमा और अपने पितरों को भोग लगाएं। कुछ खीर काले कुत्तों को दे दें। वर्ष भर पूर्णिमा पर ऐसा करते रहने से गृह क्लेश, बीमारी तथा व्यापार हानि से मुक्ति मिलती है।

रोग
मुक्ति के लिए प्रतिदिन अपने भोजन का चौथाई हिस्सा गाय को तथा चौथाई हिस्सा कुत्ते को खिलाएं।

पत्नी बीमार हो तो गोदान करें। जिस घर में स्त्रीवर्ग को निरन्तर स्वास्थ्य की पीड़ाएँ रहती हो, उस घर में तुलसी का पौधा लगाकर उसकी श्रद्धापूर्वक देखशल करने से रोग पीड़ाएँ समाप्त होती है। सदैव पूर्व या दक्षिण दिषा की ओर सिर रख कर ही सोना चाहिए।

दक्षिण दिशा की ओर सिर कर के सोने वाले व्यक्ति में चुम्बकीय बल रेखाएं पैर से सिर की ओर जाती हैं, जो अधिक से अधिक रक्त खींच कर सिर की ओर लायेंगी, जिससे व्यक्ति विभिन्न रोंगो से मुक्त रहता है और अच्छी निद्रा प्राप्त करता है।

पीपल के वृक्ष को प्रात: 12 बजे के पहले, जल में थोड़ा दूध मिला कर सींचें और शाम को तेल का दीपक और अगरबत्ती जलाएं। ऐसा किसी भी वार से शुरू करके 7 दिन तक करें। बीमार व्यक्ति को आराम मिलना प्रारम्भ हो जायेगा।

प्रकृति ने कई चीजों को बेहद शुभ और पवित्र माना है। इसी बात को ज्योतिष और भी पुख्ता करता है। ज्योतिष के अनुसार कुछ खास पेड और पौधों की जड और फूल को काम में लिया जाए तो कई समस्या‍ओं का समाधान मिल सकता है।

वास्तु
के अनुसार पुष्य नक्षत्र में शंखपुष्पी का पुष्प लाकर चांदी की डिविया में रखकर तिजोरी में रखें, धन की वृद्धि होगी।

अश्विनी नक्षत्र वाले दिन एक रंग वाली गाय के दूध में बेल के पत्ते डालकर वह दूघ निःसंतान स्त्री को पिलाने से उसे संतान की प्राप्ति होती है।

अश्विनी नक्षत्र में अपामार्ग की जड़ लाकर इसे तावीज में रखकर किसी सभा में जाएं, सभा के लोग वशीभूत होंगे।

यदि घर में किसी वस्तु की चोरी हो गई हो, तो भरणी नक्षत्र में नागर बेल का पत्ता लाकर उस पर कत्था लगाकर व सुपारी डालकर चोरी वाले स्थान पर रखें, चोरी की गई वस्तु का पला चला जाएगा।

भरणी नक्षत्र में संखाहुली की जड़ लाकर तावीज में पहनें तो विपरीत लिंग वाले प्राणी आपसे प्रभावित होंगे। कोर्ट कचहरी के मामलों में विजय हेतु आर्द्रा नक्षत्र में आक की जड़ लाकर तावीज की तरह गले में बांधें।

सुख की प्राप्ति के लिए पुनर्वसु नक्षत्र में दूधी की जड़ लाकर शरीर में लगाएं।

अश्लेषा नक्षत्र में बरगद का पत्ता लाकर अन्न भंडार में रखें, भंडार भरा रहेगा।

अश्लेषा नक्षत्र में धतूरे की जड़ लाकर घर में रखें, घर में सर्प नहीं आएगा और आएगा भी तो कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा।

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में बेहड़े का पत्ता लाकर घर में रखें, घर ऊपरी हवाओं के प्रभाव से मुक्त रहेगा।

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में नीबू की जड़ लाकर उसे गाय के दूध में मिलाकर निःसंतान स्त्री को पिलाएं, उसे पुत्र की प्राप्ति होगी।

हस्त नक्षत्र में चंपा की जड़ लाकर बच्चे के गले में बांधें, बच्चे की प्रेत बाधा तथा नजर दोष से रक्षा होगी।

अनुराधा नक्षत्र में चमेली की जड़ गले में बांधें, शत्रु भी मित्र हो जाएंगे।

श्रवण नक्षत्र में एरंड की जड़ लाकर निःसंतान स्त्री के गले में बांधें, उसे संतान की प्राप्ति होगी।

पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में तुलसी की जड़ लाकर मस्तिष्क पर रखें, अग्निभय से मुक्ति मिलेगी।


Most Read: घर में पैसा नहीं टिकता तो आजमाएं ये 7 वास्तु टिप्स देखने के लिए NEXT स्लाइड पर क्लिक करें।

हर किसी की इच्छा रहती है कि उसके पास बहुत सारे पैसों हो और जिसकी पूरी जिंदगी ऎश-आराम से गुजरे। इसके लिए वह दिन-रात एक करके कडी मेहतन करता है। लेकिन चाहकर भी बचत नहीं कर पाते। इसका मुख्य कारण घर में वास्तुदोष भी हो सकता है। जब तक आपके कमाए पैसे में बरकत नहीं होगी तब तक आपके धन का संचय नहीं होगा। अमीर बनने के लिए बचत बहुत जरूरी है।

वास्तुशास्त्र के अनुसार इन 7 कारणों से घर में पैसा नहीं टिकता---

1. घर में देवी-देवताओं की प्रतिमाओं पर चढाए गए फूल अथवा हार के सूख जाने पर उन्हें घर में न रखें।

2. घर में तिजोरी का मुंह उत्तर की ओर रखें। उतर की ओर रखने से धन में लाभ होता है और पैसा घर में टिका रहता है। धन रखने की जगह दक्षिण की तरफ नहीं होनी चाहिए।

3. शयन कक्ष की दीवार या कोनों में मेटल यानी धातु की कोई चीज नहीं होनी चाहिए। बेडरूम की दीवारों के कोनों में किसी भी तरह की दरार नहीं होनी चाहिए। इससे आर्थिक नुकसान होता है।

4. घर के अंदर से जो पानी का बाहर निकलता है उसकी ठीक दिशा न होने से भी पैसों की कमी व आर्थिक नुकसान हो सकता है।

5.
जल की निकासी पश्चिम और दक्षिण की तरफ से नहीं होनी चाहिए। यह हमेशा पूर्व व उत्तर दिशा से ही होनी चाहिए। इन दिशाओं से जल निकासी शुभ माना जाता है। जिससे घर में पैसों की कमी नहीं होती है।

6. घर में टूटा-फूटा सामान न रखें विशेषकर छत और सीढी के नीचे कब़ाड जमा करके रखने से भी धन की हानि होती है।

7. उत्तर पूर्व दिशा में घर की ढलान का ऊंचा होना।

Most Read: ये गहने खो जाएं तो समझाे दुर्भाग्‍य आने वाला है...देखने के लिए NEXT स्लाइड पर क्लिक करें।

धार्मिक ग्रंथों और पुराणों के अनुसार किसी भी तरह का आभूषण खोना दुर्भाग्‍य लाता है। इसके एक नहीं कई प्रमाण हैं। आइए जानें किस आभूषण के खोने से क्‍या नुकसान होने की आशंका हो सकती है।

शास्‍त्रों में कहा गया है कि नाक का आभूषण खो जाने का अर्थ है भविष्य में बदनामी अथवा अपमान होगा।

अगर सिर का कोई गहना खो जाए तो आने वाले समय में टेंशन-परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

कानों में डालने वाला कोई गहना गुम हो जाए तो किसी बुरे और दुखद समाचार प्राप्त होता है। गले का हार गुम हो जाए तो वैभव में कमी आती है।

बाजू बंद के गुमने से आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

कंगन का खोना प्रतिष्ठा में कमी लाता है।

अंगूठी के गुमने से सेहत संबंधित परेशानियां होती हैं।

दाएं पैर की पायल गुमने से सामाज में बदनामी सहनी पड़ती है।

बाएं पैर की पायल गुमना ऐक्सीडेंट अथवा महाविपदा का संकेत है।

बिछुआ गुम हो जाए तो पति की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

सोना
खोने पर गुरु के अशुभ प्रभावों का सामना करना पड़ता है। कहा जाता है कि गुरु के
नाराज हो जाने यानी रुठ जाने पर परिवारिक कलह का सामना करना पड़ता है। साथ ही दांपत्य सुख में भी कमी आती है।

अगर किसी को सोना मिलता है और वह जब तक घर में रखा होता है। तब तक परिवार का कोई न कोई सदस्य बीमार रहता है या घर में हमेशा कलह बना रहता है।

यदि किसी को सोना मिलता है तो उस सोने को बेचकर उसका कुछ भाग दान कर देने से उसका अशुभ प्रभाव खत्म हो जाता है।

अगर घर में किसी महिला या बच्चे से सोना गुम हो जाता है तो इसे अशुभ संकेत माना जाता है कहा जाता है कि सोना गुम होने पर घर में कलह होता है और दांपत्य जीवन में कड़वाहट आने लगती है।

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ज्योतिष शास्त्र में भी ग्रह एवं नक्षत्रों के निमित्त दान करना शुभ माना गया है। जब जन्म कुंडली, वर्ष कुंडली ग्रहगोचर आदि में ग्रह खराब स्थिति में होने के कारण जातक के जीवन में कष्ट, बाधा, रोग, कलह, ऋणग्रस्तता, वाद-विवाद आदि समस्याएँ आ रहीं हों तो अरिष्ट निवारण के लिए ग्रहों से सम्बंधित वस्तुओं का दान किया जाता है।

दान के तीन प्रकार बताये गए हैं। निःस्वार्थ भाव से बिना किसी लोभ-लालच के किया गया दान सात्विक, फल प्राप्ति की आशा से किया गया दान राजस तथा श्रद्धा भाव के बिना कुपात्र को किया गया दान तामस प्रकृति का होता है। तीनों प्रकार के दान में सात्विक दान सर्वश्रेष्ठ होता है। वैसे तो दान कहीं भी और किसी भी समय किया जा सकता है, परंतु धार्मिक एवं तीर्थस्थल, मंदिर, गौशाला, गुरुद्वारा, पूजा या धर्मस्थल आदि पर दान देना विशेष शुभ माना गया है। क्योंकि इन स्थानों पर मन एवं ह्रदय के इष्टदेव में रम जाने से अहंभाव नहीं आता हा जो कि दान की सार्थकता के लिए आवश्यक है।

दान के लिए उचित अवसर की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए। जब भी ह्रदय में दान की भावना जागृत हो, तत्काल उसे पूरा करना चाहिए। परिवार में किसी नए सदस्य का जन्म होने, जन्म दिवस या विवाह समारोह होने, पूर्णिमा, संक्रांति, सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण, त्रयोदशी संस्कार अथवा श्राद्ध कर्म के समय किया गया दान अक्षय फल प्रदान करने वाला होता है।

मृत्यु का आभास होने पर भी किया दान इहलोक के साथ परलोक के लिए भी कल्याणकारी माना गया है। दान हमेशा सुपात्र को ही दिया जाना चाहिए। कुपात्र एवं अयोग्य व्यक्ति को अशुभ फल देने वाला होता है। विद्वान, वेदपाठी, धर्मनिष्ठ, सत्यनिष्ठ और सांसारिक विरक्त व्यक्ति क पूर्ण श्रद्धा के साथ सां करने से दान का प्रभाव और फल कई गुना अधिक सार्थक हो जाता है।

किसी जरूरतमंद, भूख-प्यास से व्याकुल याचक को उसकी ज़रुरत के अनुसार कोई उपयोगी वास्तु, वस्त्र, खाद्यान, भोजन आदि का दान भी शुभ माना गया है। नवग्रहों उस ग्रह से संबंधित वार क करना अधिक शुभ है। दान रविवार क, चंद्र का सोमवार को, मंगल मंगलवार को, बुध का बुधवार को, गुरु का ,शुक्र का शुक्रवार को तथा शनि ग्रह शनिवार को ही करना चाहिए। नवग्रहों के अशुभ प्रभाव को शुभ करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में अशुभ ग्रहों से संबंधित वस्तुओं का दान किया जा सकता है।

वस्तुओं का दान करते समय कुछ धन भी श्रद्धापूर्वक देना चाहिए। सूर्य ग्रह के लिए लाल-पीला वस्त्र, गेहूं, तांबा, माणिक्य, मसूर की दाल, लाल पुष्प या फल, लाल चंदन, स्वर्ण आदि का दान किया जा सकता है। चंद्र के लिए श्वेत वस्त्र, दूध, दही, शंख, मोती, चांदी, चीनी, चावल, मंगल के लिए स्वर्ण, गुड़, सिंदूरी वस्त्र, मूंगा, लाल मिठाई लाल मसूर, लाल गेहूं, तांबा, रक्त चंदन, बुध के लिए स्वर्ण, पन्ना, कांसा, हरा वस्त्र, हरा फल, हरी मूंग, और गुरु ग्रह के लिए पीले वस्त्र, चने की दाल, हल्दी, पुखराज या सुनैला, धान, गौघृत, धार्मिक पुस्तक, स्वर्ण, शहद आदि का दान किया जा सकता है

इसी तरह शुक्र गृह का दोष निवारण करने के लिए चावल, घी, हीरा, कपूर, चीनी, मिश्री, दही, श्वेत चंदन, श्वेत वस्त्र, शनि के लिए काला वस्त्र, साबुत उरद की दाल, लोहा, काले चने, काले फल, नीलम, भैंसा, काले तिल, सरसों का तेल, काला कंबल जूते, राहु के लिए तलवार, गौमेद, लोहा, कंबल, स्वर्ण मिश्रित नाग, तांबे का बर्तन, काली सरसों, राई, शीशा केतु के लिए सात प्रकार के अनाज, काजल, स्वर्ण, चांदी या तांबे का सर्प, लहसुनिया रत्न, मिठाई, कस्तूरी, ऊनी वस्त्र आदि का दान किया जा सकता है। Most Read: ये 20 चमत्‍कारी संकेत बताते हैं कि होने वाली है लक्ष्मी की मेहरबानी देखने के लिए NEXT स्लाइड पर क्लिक करें।

प्रकृति कई बार धनप्राप्ति के संकेत देती है लेकिन हम उनको प्रहचान नहीं पाते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं
1- अगर आपके शरीर के दाहिने भाग में या सीधे हाथ में लगातार खुजली हो, तो समझ लेना चाहिए कि आपको धन लाभ होने वाला है।
2- लेन-देन के समय यदि पैसा आपके हाथ से छूट जाए, तो समझना चाहिए कि धन लाभ होने वाला है।
स्लाइड्स पर क्लिक कर डालिए एक नजर कुछ ऐसे ही संकेतों के बारे में जो लक्ष्मी (धन) आगमन के बारे में हमें पहले से ही सूचित कर देते हैं........

3-यदि कोई सपने में देखे कि उस पर कानूनी मुकदमा चलाया जा रहा है, जिसमें वह निर्दोष छूट गया है, तो उसे अतुल धन संपदा की प्राप्ति होती है।

4- जो व्यक्ति सपने में मोती, मूंगा, हार, मुकुट आदि देखता है, उसके घर में लक्ष्मी स्थाई रूप से निवास करती है।

5- जिसे स्वप्न में कुम्हार घड़ा बनाता हुआ दिखाई देता है, उसे बहुत धन लाभ होता है।

6- दीपावली के दिन यदि कोई किन्नर संज-संवर कर दिखाई दे, तो अवश्य ही धन लाभ होता है। ये धन लाभ अप्रत्याशित रूप से होता है।

7- सोकर उठते ही सुबह-सुबह कोई भिखारी मांगने आ जाए, तो समझना चाहिए कि आपके द्वारा दिया गया पैसा (उधार) बिना मांगे ही मिलने वाला है। इसलिए भिखारी को अपने द्वार से कभी खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए।

8- यदि कोई सपने में स्वयं को कच्छा पहनकर कपड़े में बटन लगाता देखता है, तो उसे धन के साथ मान-सम्मान भी मिलता है।

9- यदि कोई स्वप्न में किसी को चेक लिखकर देता है, तो उसे विरासत में धन मिलता है तथा उसके व्यवसाय में भी वृद्धि होती है।

10- गुरुवार के दिन कुंवारी कन्या पीले वस्त्रों में दिख जाए, तो इसे भी शुभ संकेत मानना चाहिए। ये भी धन लाभ होने के संकेत है।

11- अगर आप धन संबंधित काम के लिए कहीं जाने के लिए कपड़े पहन रह हैं और उसी समय आपकी जेब से पैसे गिरें, तो यह आपके लिए धन प्राप्ति का संकेत है।

12- यदि कोई सपने में दिया सलाई जलाता है, तो उसे अनपेक्षित रूप से धन की प्राप्ति होती है।

13- सपने में अगर किसी को धन उधार देते हैं, तो अत्यधिक धन की प्राप्ति होती है।

14- कहीं जाते समय नेवले द्वारा रास्ता काटना या नेवले का दिखना शुभ संकेत होता है। नेवला दिखना धन लाभ का संकेत होता है। आप सोकर उठे हों और उसी समय नेवला आपको दिख जाए तो गुप्त धन मिलने की संभावना रहती है।

15- सपने में यदि गर्दन में मोच आ जाए, तो भी धन लाभ होता है। यदि पका हुआ संतरा देंखे तो शीघ्र ही अतुल धन-संपत्ति प्राप्त होती है।

16- शुक्रवार के दिन कपिला गाय (केसरिया रंग की) के दर्शन होना भी बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा हो जाए तो समझना चाहिए कहीं से अचानक धन प्राप्ति के योग बन रहे हैं।

17- जो व्यक्ति सपने में फल-फूलों का भक्षण करता है, उसे धन लाभ होता है। जो स्वप्न में ध्रुमपान करता है, उसे भी धन प्राप्ति होती है।

18- कुत्ता यदि अचानक धरती पर अपना सिर रगड़े और यह क्रिया बार-बार करे तो उस स्थान पर गढ़ा धन होने की संभावना होती है।

19- यदि यात्रा करते समय किसी व्यक्ति को कुत्ता अपने मुख में रोटी, पूड़ी या अन्य कोई खाद्य पदार्थ लाता दिखे, तो उस व्यक्ति को धन लाभ होता है।

20- यदि कोई यात्री घर को लौट रहा हो और गधा उसके बाईं ओर रेंके तो उसे थोड़े समय बाद धन लाभ होता है।

आपने कही बार ब़डे लोगो से सुना होगा की, कुछ चीज़े ऎसी होती हैं जो शुभ और अशुभ का संकेत देती हैं जैसे घर से बाहर निकलते वक़्त यदि बिल्ली रास्ता काट जाए तो काम सफल नही होता हैं, वेसे ही कही सारी बातें ऎसी भी हैं जो शुभ समाचार का संकेत देती हैं तो आइए जानते हैं कुछ शुभ अशुभ बातों के बारे मे।

अंडा :-
घर से बाहर निकलते समय अंडा दिखने कार्य के लिए जाना है , वह सफल होता है। मार्ग में कुछ दूरी पर फुटा अंडा या छिलके मिलें या दिखें तो कार्य न बनना और कार्य में असफलता का संकेत है।
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अग्नि :-
घर से बाहर निकलतक ही अग्नि दिखाई पडे तो कार्य सर्वोत्तम ढंग से सफल होने का शकुन है। लेकिन अंगारे मात्र दिखना अपशकुन है।

अपान वायु :-
घर से बाहर कदम रखते ही अपान वायु का निकलना अच्छा शकुन है , और यह कार्य लाभ का लक्षण है । किसी का हंस पडना या मुस्करा देना इस फल को नष्ट कर देता है । ऎसा कहा गया है ।

कटहल :-
मार्ग में कोई कटहल ले जाता दिखे तो शुभ शकुन माना गया है। पर वह कटहल कटा हुआ नहीं होना चहिए।

चिडिया :-
चिडिया की बीट सिर पर गिरना शुभ पर कबूतर की बीट गिरना अशुभ माना गया है।

नाग :-
नाग मारना अशुभ है। नाग का जोडा देखना शुभ है। उसी समय दूर जाना भी शुभ है। अधिक देर रूकने पर खतरा है। जोडा सांपों को देखते ही तत्काल भाग जाने की बात शकुन शास्त्र में भी कही गई है।

नागशुद्धि :-
फलित ज्योतिष के अनुसार नया घर या मकान बनवाने में नागों की स्थिति पर विचार किया जाता है। कहा जाता है कि भादों, क्वार, कार्तिक इन तीन महीनों में नागों का सिर पूरब की ओर अगहन, पूस तथा माघ में दक्षिण की ओर फाल्गुन चैत्र , बैशाख में पश्चिम की ओर जेठ , आषाढ, सावन में उत्तर की ओर रहता है । आरम्भ में नींव डालते समय यदि नागों के मस्तक पर आघात पडा तो मकान बनवाने वाले की मृत्यु हो जाती है। पेट पर आघात पडना शुभ समझा जाता है।

नाल :-
शनिवार के दिन सडक पर काले घोडे की नाल मिले तो उसकी अंगुठी बनवाकर धारण करने पर शनि का प्रकोप कम हो जाता है। इस प्रकार की नाल को अपने घर के दरवाजे के ऊपर मध्य में लगा देना शुभ माना गया है। शकुन शास्त्रानुसार ऎसे घर में लक्ष्मी सदा विराजती है।

यज्ञोपवीत :-
यदि यज्ञोपवीत धारण कर रखा है तो नियमों का पालन करें। नहीं करते हैं तो उतारकर कुएं में डाल दे। नियम पालन न करते हुए यज्ञोपवीत का धारण करना अशुभ फल देता है।

लंगूर :-
काले मुंहवाला लंगूर सुबह-सुबह दिखना अशुभ कहा गया है। ऎसा बन्दर दिखाई पडे और कोई शुभ कार्य करना हो तो गंगाजल छिडक लें। अशुभ न होगा।
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