गुवाहाटी। सेना में 30 साल तक सेवा देने के बाद मोहम्मद अजमल हक को आज खुद
को भारत का नागरिक होने के सबूत देने पड रहे है। असम की पुलिस ने मोहम्मद
अजमल हक को बांग्लादेश घुसपैठिया करार देते हुए उन्हें नोटिस जारी कर अपने
भारतीय नागरिक होने के सबूत देने को कहा है। अजमल ने कहा है कि यह नोटिस
उन्हें देर से मिला और इस कारण से पेशी की पहली तारीख 11 सितंबर को
ट्राइब्यूनल के सामने हाजिर नहीं हो सके। उन्होंने बताया है कि अब वह 13
अक्टूबर को पेश होंगे।
इस नोटिस से नाराज हक ने कहा है कि छह महीने
की सैन्य प्रशिक्षण के बाद मैंने सेना की तकनीकी विभाग में जुड़ा। मैं
पंजाब के खेमकरन सेक्टर और कलियागांव में एलओसी पर, भारत-चीन सीमा पर
त्वांग में, लखनऊ में, कोटा में सेवाएं दीं। साथ ही उन्होंने कहा है कि कुछ
वक्त सिकंदराबाद स्थित रक्षा प्रबंधन कॉलेज में भी काम किया।
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रिटायर
हुए मोहम्मद अजमल हक का कहना है कि अगर मैं अवैध प्रवासी हूं तो फिर मैंने
भारतीय सेना में कैसे अपनी सेवा दी। मैं बहुत दुखी हूं। 30 साल देश की
सेवा करने का मुझे ये इनाम मिला है। मेरी पत्नी को भी इसी तरीके से
प्रताडि़त किया गया था।
हक की पत्नी मुमताज बेगम को इसी ट्राइब्यूनल
ने 2012 में तलब कर नागरिकता साबित करने को कहा था। हक के मुताबिक, उस
वक्त वह चंडीगढ़ में तैनात थे। यहां गौर करने वाली बता यह भी है कि जिस
हलफनामे में उन्हें भारतीय नागरिक माना गया है, उसमें हक का नाम उनके पति
के रूप लिखा हुआ है।
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