मुंबई। महाराष्ट्र में विपक्षी पार्टियों ने शुक्रवार को एलफिस्टन रोड
रेलवे फुट ओवर ब्रिज पर मची भगदड़ की न्यायिक जांच कराने की मांग की है। इस
भगदड़ में 22 लोगों के मौत हो गई है। कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष
अशोक चव्हाण घटनास्थल और केईएम अस्पताल गए, जहां उन्होंने मृतकों के
परिजनों एवं घायलों से मुलाकात की और अस्पताल प्रशासन से जानकारी भी ली।
उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत गंभीर त्रासदी है...सरकार को इसमें न्यायिक जांच
का आदेश देना चाहिए और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की
जानी चाहिए। सरकार सभी पीडि़तों को उचित मुआवजा दे और सभी घायलों का पूरा
चिकित्सा खर्च वहन करे।’’
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के
विधायक जितेंद्र अव्हाड ने कहा, ‘‘सरकार कब तक मुंबई में रह रहे लाखों
लोगों की परेशानियों को नजरअंदाज करती रहेगी। एक तरफ वह मुंबई उपनगरीय रेल
नेटवर्क पर 46,000 करोड़ रुपये खर्च करने का वादा करती है, लेकिन लंबे समय
से लंबित ऊंची उपनगरीय रेल गलियारे के बारे में चुप रहती है और उसकी जगह
बुलेट ट्रेन लेकर आगे आती है।’’
अव्हाड ने कहा कि हर रोज कई सारी
घटनाएं हो रही हैं, जिसमें कई यात्री मारे जा रहे हैं, लेकिन सरकार ने
यात्रियों की परेशानी की तरफ से आंखें बंद कर रखी है। मुंबई उपनगरीय रेलवे
स्टेशन पर हुए इस हादसे में 22 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 32 अन्य घायल
हो गए हैं।
दशहरा से एक दिन पहले हुई इस दुर्घटना के कारण सोशल
मीडिया और राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने का मिली हैं।
लोग रेल में सफर करने वाले यात्रियों की सुरक्षा और बुलेट ट्रेन जैसी बड़ी
परियोजनाओं पर सवाल उठा रहे हैं।
मुंबई भगदड़ नरसंहार : शिवसेना
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भाजपा
की गठबंधन सहयोगी शिवसेना ने यहां एक रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को हुई
भगदड़ में 22 लोगों की मौत को ‘नरसंहार’ करार दिया है। शिवसेना सांसद संजय
राउत ने मीडिया से कहा, ‘‘एलफिंस्टन रोड रेलवे स्टेशन के फुट ओवरब्रिज पर
मची भगदड़ भाजपा सरकार द्वारा लोगों का जनसंहार है।’’ उन्होंने रेल मंत्री
पीयूष गोयल व वरिष्ठ रेल अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज करने तथा हत्या का
मुकदमा चलाने की मांग की। राउत ने भाजपा की बुलेट ट्रेन परियोजना की भी
खिल्ली उड़ाई और कहा कि यात्रियों की सुरक्षा व रक्षा को सर्वोच्च
प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
शिवसेना के एक अन्य सांसद राहुल शेवाले
ने कहा कि उन्होंने पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु को पत्र लिखकर अप्रैल
2015 में ओवरब्रिज को यात्रियों की सुरक्षा के लिए चौड़ा करने की मांग की
थी, जहां आज भगदड़ की घटना हुई है। हालांकि, सुरेश प्रभु ने राहुल शेवाले
की मांग को धन की कमी व परिचालन बाधाओं को आधार बनाकर इसे खारिज कर दिया
था। शिवसेना के अन्य नेताओं ने रेल मंत्री पीयूष गोयल के इस्तीफे की मांग
की। गोयल ने इसी महीने सुरेश प्रभु से पदभार ग्रहण किया है। शिवसेना नेताओं
ने बुलेट ट्रेन परियोजना को रद्द करने की मांग की।
कांग्रेस व
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने भी मुंबई के लाखों यात्रियों की सुरक्षा के
प्रति लापरवाही को लेकर भाजपा पर निशाना साधा और मामले की न्यायिक जांच की
मांग की। सैकड़ों की संख्या में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने पीयूष गोयल व
महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े के खिलाफ केईएम अस्पताल के पास
नारेबाजी की। दोनों नेता घायलों को देखने केईएम अस्पताल पहुंचे थे।
पीयूष
गोयल शुक्रवार दोपहर दशहरा की पूर्व संध्या पर कई नई उपनगरीय रेल सेवाओं
का उद्घाटन करने के लिए पहुंचे थे, लेकिन हादसे के बाद उन्होंने अपने सभी
कार्यक्रम रद्द कर दिए। गोयल ने केईएम अस्पताल में मृतकों के परिजनों व
घायलों से मुलाकात की और वरिष्ठ रेल अधिकारियों के साथ चर्चा की। मुंबई
उपनगरीय नेटवर्क के अब तक के सबसे भयावह हादसे में एलफिंस्टन रोड व परेल
रेलवे स्टेशन को जोडऩे वाले सकरे फुट ओवरब्रिज पर मची भगदड़ में 22
यात्रियों की मौत हो गई और 32 अन्य घायल हो गए हैं।
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