घग्गर नदी में जल्द ही साफ पानी बहेगा - मुख्यमंत्री मनोहर लाल

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 29 सितम्बर 2017, 5:19 PM (IST)

चंडीगढ़ । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य से गुजरने वाली घग्गर नदी में शीघ्र ही साफ पानी बहेगा, क्योंकि आगामी वर्ष तक नदी के साथ लगते प्रमुख टाउनशिपस में स्थापित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) के पूरी तरह से कार्यान्वित होने की उम्मीद है।
मनोहर लाल शुक्रवार को यहां टैगोर थियेटर में आयोजित एक कार्यक्रम ‘रैली फॉर रिवर्स’ में बोल रहे थे।
उन्होंने ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव द्वारा शुरू किए गए अभियान ‘रैली फॉर रिवर्स’ की सराहना की और नदियों और पानी के संरक्षण की दिशा में उनके प्रयासों में राज्य के लोगों के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यद्यपि हरियाणा में ऐसी कोई नदी नहीं है जो विशेष रूप से हरियाणा से बहती हो, फिर भी राज्य से गुजरने वाली नदियों में साफ पानी का प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि मौसमी घग्गर नदी, जो हरियाणा और पंजाब के माध्यम से गुजरती हैं, की सफाई के लिए दोनों राज्यों की सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से नदी के किनारे एसटीपी स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन एसटीपी के पूरी तरह कार्यात्मक होते ही नदी में साफ पानी बहने लगेगा। इसी तरह, यमुना नदी की सफाई के लिए और नदी में गंदे पानी के प्रवेश को रोकने के लिए भी एसटीपी स्थापित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या और बड़े पैमाने पर हो रहे विकास से केवल जलवायु परिवर्तन ही नहीं हो रहा बल्कि हमारे प्राकृतिक संसाधनों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘नमामी गांगे कार्यक्रम’ के माध्यम से देश के लोगों को गंगा नदी के संरक्षण और पुनरुत्थान के लिए अपील की है। उन्होंने यह भी स्मरण करवाया कि पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देश की सभी नदियों को जोडऩे का एक कार्यक्रम भी शुरू किया था।
सरस्वती नदी का जिक्र करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हरियाणा के लिए गर्व की बात है कि हरियाणा केे आदिबद्री की पहचान इस पौराणिक नदी के उत्पत्ति स्थल के रूप में हुई है। नदी पर व्यापक शोध करने के लिए, राज्य में ‘सरस्वती नदी शोध संस्थान’ की स्थापना की गई है। इसके अलावा, नदी के पुनरुत्थान के लिए ‘सरस्वती धरोहर बोर्ड’ का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा यह सुनिश्चित करने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं कि बांधों के माध्यम से पानी के चैनलों से नदी में जल बहे। उन्होंने देश में पर्यावरण और नदी के संरक्षण हेतु अभियान शुरू करने के लिए सद्गुरु की सराहना की और इस संबंध में राज्य के लोगों के सभी समर्थन और सहयोग का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर बोलते हुए हरियाणा के राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी ने नदियों के घटते जल स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ नदियों में पानी 44 प्रतिशत तक कम हो गया है। उन्होंने सद्गुरु जग्गी वासुदेव की नदियों के संरक्षण के लिए लोगों जागरूकता पैदा करने करने के लिए शुरू की गई इस पहल की सरहाना की और लोगों से इस अभियान को देश के लाभ के लिए जन आंदोलन बनाने की अपील की। सद्गुरु का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही संतों और गुरुओं को समाज के कल्याण के लिए उन द्वारा किए गए अच्छे कर्मों के लिए पहचाना जाता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने भी नदियों के संरक्षण और पुनरुत्थान के लिए विभिन्न पहल शुरू की हैं। गंगा नदी के पुनरुत्थान के लिए एक अलग विभाग बनाया गया है और नमामी गंगे परियोजना शुरू की गई है। इसके अलावा, देश की अन्य नदियों के पुनरुत्थान के लिए जल सुरक्षा योजना लागू की गई है।
ईशा फाउंडेशन के संस्थापक, सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने कहा कि 3 सितंबर, 2017 को तमिलनाडु में कोयंबटूर से शुरू हुआ ‘रैली फॉर रिवर्स’ अभियान लगभग 9500 किलो मीटर की दूरी को कवर करके 2 अक्टूबर को दिल्ली में समाप्त होगा। उन्होंने कहा कि सभी राजनेता अपनी पार्टी की विचारधारा पर विचार न करते हुए ‘रैली फॉर रिवर्स’ अभियान की एकजुट होकर जोरदार पैरवी कर रहे है। उन्होंने लोगों से मोबाइल नंबर 80009-80009 पर मिस कॉल देने और सरकार को नदी और पानी के संरक्षण के लिए एक दीर्घकालिक नीति तैयार करने के लिए सशक्त महसूस कराने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि पिछले 25 सालों में नदियों का पानी लगातार घट रहा है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी समस्या है जिसे एक महीने में हल नहीं किया जा सकता है, इसलिए हम एक नीति पर काम कर रहे हैं ताकि जल संरक्षण के लिए राष्ट्र लगातार प्रयास करता रहें। उन्होंने कहा कि निस्संदेह देश में विकास हो रहा है, लेकिन हमें स्थिरता के बारे में भी सोचना होगा अन्यथा हमारा विकास और स्थिरता दोनों ही खतरे में आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि पेड़ और नदियां राष्टï्रीय खजाना है, जिसे हमें हमारी आने वाली पीढिय़ों के लिए बचाकर रखना होगा।
पंजाब के राज्यपाल और संघ शासित प्रदेश, चंडीगढ़ के प्रशासक श्री वी.पी. बदनौर और सांसद श्रीमती किरण खेर ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री परनीत कौर, हरियाणा के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर हरियाणा और पंजाब सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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