नोटबंदी-जीएसटी पर उठ रहे सवालों का जेटली ने दिया जवाब, सिन्हा पर कसा तंज

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 28 सितम्बर 2017, 10:17 PM (IST)

नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था को लेकर लगातार आलोचना झेल रहे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को नोटबंदी और जीएसटी पर उठ रहे सवालों का जवाब दिया। आलोचकों पर हमला करते हुए जेटली ने कहा कि सरकार ने भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई प्रयास किए हैं। जेटली ने पिछली यूपीए सरकारों पर पॉलिसी पैरालिसिस का आरोप लगाया। वित्त मंत्री अरुण जेटली नई दिल्ली में India@70 किताब की लॉन्चिंग पर बोल रहे थे। जेटली ने सिन्हा पर तंज कसते हुए कहा कि अभी मेरी ऐसी स्थिति नहीं है कि मैं पूर्व वित्त मंत्री की हैसियत में लेख लिखूं, स्तंभकार बन जाऊं। जेटली ने कहा कि शुरुआत में उनकी आलोचना इसलिए की गई क्योंकि उन्होंने बदलाव जल्दी किए।

उन्होंने कहा, जीएसटी के बाद सबसे बड़ी आलोचना यह हुई कि मैंने नोटबंदी के तुरंत बाद जल्दबाजी में जीएसटी लागू क्यों किया। महंगाई पर अपनी सरकार की तारीफ करते हुए जेटली ने कहा, हमें विरासत में महंगाई दर 9 से 10 प्रतिशत के पास मिली थी जो अब 3.6 प्रतिशत तक आ चुकी है। जेटली ने आगे कहा, हमारी सरकार ने निर्णायक कदम उठाए हैं और हमने नोटबंदी कर ब्लैक मनी पर हमला किया है। जीएसटी के सभी फैसले आम सहमति के साथ लिए गए हैं। जेटली ने कहा कि डायरेक्ट टैक्स पिछले साल की तुलना में 15.7 प्रतिशत ज्यादा आया है। राजनीतिक चंदे को पारदर्शी बनाने पर जेटली ने कहा, इस पर हम काम कर रहे हैं और यह आखिरी चरणों में है।

इससे पहले अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर लगातार अपनी ही पार्टी को घेरे में लेते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) की समस्या को सुलझाने में विफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की गड़बड़ी के लिए विपक्षी कांग्रेस को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। सिन्हा ने एक समाचार चैनल से कहा, सरकार को पहला गंभीर कार्य एनपीए मुद्दे को सुलझाने का करना चाहिए जिसने बैंकिंग सेक्टर को संकट में डालकर अर्थव्यवस्था की गति को रोक दिया है। सरकार बने 40 महीने गुजर चुके हैं और खराब ऋण संकट के खत्म होने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं।

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उन्होंने कहा कि सरकार नोटबंदी के प्रभाव का अनुमान लगाने में असफल रही। इसलिए अर्थव्यवस्था काफी समय से बुरे दौर में है। और, इसके फौरन बाद जीएसटी के रूप में एक बड़ा झटका दिया गया। इन दोनों (नोटबंदी व जीएसटी) ने अर्थव्यवस्था को पीछे धकेलने में बड़ी भूमिका निभाई है। सिन्हा ने कहा, मैं सिर्फ एक तिमाही के आधार पर अर्थव्यवस्था को नहीं आंक रहा हूं। अर्थव्यवस्था पिछले छह तिमाही से गिर रही है। मुझे आशा है कि सरकार अब जागेगी और अर्थव्यवस्था नई रफ्तार पकड़ेगी।

उन्होंने कहा कि सरकार नोटबंदी और जीएसटी के प्रभावों का विस्तृत आंकलन करने में विफल रही है। सिन्हा ने कहा कि सरकार को नोटबंदी और जीएसटी का पूरे अर्थव्यवस्था पर पडऩे वाले प्रभाव का आकलन करना चाहिए था। अर्थव्यवस्था नोटबंदी के दौर से उबरी ही नहीं थी कि उसके बाद जीएसटी के अतिरिक्त बोझ को लाद दिया गया। नकदीरहित अर्थव्यवस्था के विचार को सही ठहराते हुए सिन्हा ने कहा कि लेकिन इसे हासिल करने के लिए अचानक नोटबंदी को थोपा जाना गलत था।

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