मुंबई। केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गठबंधन सहयोगी
शिवसेना ने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा है कि वह देश की अर्थव्यवस्था की
हालत पर यशवंत सिन्हा की टिप्पणियों को गलत साबित करके दिखाए। यशवंत सिन्हा
ने बुधवार को देश की अर्थव्यवस्था को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ आवाज
उठाई थी, जिसके बाद देश की सियासत में भूचाल आ गया है।
शिवसेना ने
अपने मुखपत्र ‘सामना’ और ‘दोपहर का सामना’ में प्रकाशित संपादकीय में कहा
कि जब पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम
जैसे अर्थशास्त्री कह रहे थे कि तो उन्हें पागल कहा गया और जब शिवसेना और
अन्य ने सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए तो उन्हें देशद्रोही कहा गया। सामना
के संपादकीय के मुताबिक, ‘‘भाजपा के पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने
इन झूठे विचारों की बखिया उधेड़ी है। उन्होंने कई बयान दिए हैं और अब आप
साक्ष्य देकर उन्हें गलत साबित करो।’’
संपादकीय में हवाला दिया गया
कि रूस के तानाशाह जोसेफ स्टालिन के शासन में उनकी सरकार के खिलाफ आवाज
उठाने वालों को रातों रात गायब कर दिया गया या उन्हें यातनागृह शिविरों में
भेज दिया गया। शिवसेना ने कहा, ‘‘सिन्हा ने सच बोला है। उन्होंने
कई मुद्दों पर रोशनी डाली है, जिन्होंने तबाही मचाई है। इसमें नोटबंदी और
देश की अर्थव्यवस्था की मौजूदा हालत भी शामिल है। हमने यह देखना है कि
उन्हें क्या सजा मिलेगी।’’
देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी
वाजपेयी ने यशवंत सिन्हा को देश का वित्त मंत्री बनाया था और उनके विचारों
को सोशल मीडिया नेटवर्कों पर प्रचारकों द्वारा आसानी से खारिज नहीं किया जा
सकता। इन दिनों भाजपा सरकार की कई महत्वाकांक्षी योजनाएं अधर में
लटकी हुई हैं। मेक इन इंडिया जैसी योजनाएं बेहतहाशा खर्च के बावजूद फ्लॉप
रही हैं लेकिन इन्हें विज्ञापनों के जरिए सफल बताया जा रहा है।
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शिवसेना
ने कहा, ‘‘गुजरात में कहा जा रहा है कि ‘विकास गड़बड़झाला हो गया है’।
सिन्हा ने सरकार के उन खोखले दावों को बेनकाब कर दिया है, जिसमें कहा गया
था कि आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, देश की जीडीपी दर 5.7 फीसदी है लेकिन
असल में यह 3.7 फीसदी है। जब कांग्रेस के मनमोहन सिंह और चिदंबरम ने भी यही
बातें कही थी तो उन्हें भाजपा ने पागल की संज्ञा दी थी।’’संपादकीय
में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के उन बयानों पर भी प्रकाश डाला गया,
जिसमें कहा गया था कि किस तरह कुछ लोग विकास का बखान करते हैं लेकिन कुछ
लोग अभी भी इस भ्रम है कि यदि वे ईवीएम में छेड़छाड़ कर चुनाव जीत गए तो यह
विकास है।
शिवसेना ने लेख में अर्थव्यस्था को लेकर सरकार के कई
बड़े-बड़े दावों पर सवाल उठाते यशवंत सिन्हा के बयानों का जिक्र किया है कि
किस तरह नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट आई, उत्पादन गिरा,
महंगाई के बढऩे, गैस, डीजल और पेट्रोल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि,
नौकरियों में कटौती, निवेश में तेज गिरावट, बैकिंग क्षेत्र की स्थिति
बिगड़ी है। संपादकीय के मुताबिक, ‘‘हमने यह बातें एक साल पहले कही
थी और भाजपा ने हमें देशद्रोही करार दे दिया था। अब यशवंत सिन्हा की बारी
है।’’
--आईएएनएस
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