कोटा। दशहरा मैदान में श्रीराम रंगमंच पर चल रही रामलीला में बुधवार रात अत्रि मिलन, सीताहरण, शबरी मिलन लीला का मंचन किया गया।
रामलीला
में भगवान राम महामुनि अगस्त के बताए अनुसार पंचवटी में निवास करने लगे।
एक दिन वहां रावण की चरित्रहीन बहन सूपनखा आई, जो श्रीराम पर मोहित हो गई
और विवाह का प्रस्ताव रखने लगी। लखनलालजी ने उसके नाक-कान काट दिये। यह बात
जब रावण के मौसेरे भाई खरदूषण त्रिसरा को पता लगी तो वे 60 हजार सैनिकों
को लेकर लड़ने गए, जिन्हें श्रीराम ने पलभर में ही खत्म कर दिया।
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यह
समाचार सुन रावण ने सीता हरण की योजना बनाई। मारीच सोने का मृग बनकर सीता
को रिझाने पहुंचा। रामजी शिकार के लिए मृग के पीछे गए तो उधर अवसर का फायदा
उठा रावण ने जानकी का हरण कर लिया। उन्हें खोजते हुए राम-लक्ष्मण शबरी के
आश्रम गए, जहां नवधा भक्ति का ज्ञान दिया।
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श्री राघवेंद्र कला
संस्थान के कलाकारों ने रामलीला का जीवंत मंचन किया, जिसे देख दर्शक अभिभूत
हो गए। रामलीला कार्यक्रम के संयोजक पार्षद महेश गौतम लल्ली ने बताया कि
अतिथि कांग्रेस नेता पंकज मेहता, डॉ. विजय सरदाना, ललित चित्तोडा, मेला
अध्यक्ष राममोहन मित्रा बाबला, अतिरिक्त मेला अधिकारी प्रेमशंकर शर्मा ने
आरती की। गुरूवार को राम हनुमान मिलन, बाली वध, सुंदरकांड संवाद होगा।
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मेल प्रचार प्रसार समिति सदस्य कृश्ण मुरारी सामरिया ने बताया कि नगर निगम के सहयोग से स्टेशन, दसलाना, केशवपुरा में भी रामलीला हुई। पार्षद ध्रुव राठौर ने बताया कि आरकेपुरम में भी देर रात तक रामलीला का मंचन हुआ। सीता हरण प्रसंग के दौरान कलाकारों ने बेहतर अभिनय की प्रस्तुति दी। देर रात तक रामलीला में बडी़ संख्या में दर्शक मौजूद रहे।
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