न्यूयॉर्क। आतंक की शरणस्थली के रूप में पूरी दुनिया में आलोचना का शिकार हो रहे पाकिस्तान ने अखिरकार कबूल किया है कि हाफिज सईद और उसका आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा उनके देश पर बोझ हैं। वॉशिंगटन में एशिया सोसायटी फोरम में बोलते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ये बातें कहीं हैं। आसिफ ने कहा कि हाफिज, लश्कर-ए-तैयबा और हक्कानी नेटवर्क के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराना काफी आसान है। उन्होनें कहा कि पाकिस्तान यह स्वीकार करता है कि ये सभी एक भार हैं, लेकिन इस भार से छुटकारा पाने के लिए हमें समय चाहिए। पाकिस्तान ने कहा है कि उसे हाफिज सईद जैसे आतंकियों के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। पाकिस्तान ने अमेरिका पर आरोप लगाए हैं कि कुछ सालों पहले तक हाफिज जैसे आतंकी उसके डार्लिंग हुआ करते थे।
हाफिज सईद नवंबर 2008 में हुए मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड है और भारत की मोस्ट वॉन्टेंड आतंकियों की सूची में शामिल है। मुंबई हमलों में 166 भारतीय और विदेशियों की मौत हुई थी। भारत लगातार पाकिस्तान पर हाफिज के खिलाफ कार्रवाई का दबाव बनाता रहा है। हालांकि पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि उनका देश अफगानिस्तान में आतंक के खिलाफ कार्रवाई में अमेरिका के साथ काम के लिए तैयार है।
भारत के साथ तनाव का मुख्य स्रोत कश्मीर
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि जम्मू एवं कश्मीर को लेकर विवाद भारत के साथ तनाव का मुख्य स्रोत बना हुआ है। आसिफ ने यहां मंगलवार को एशिया सोसाइटी की एक संगोष्ठी में कहा, जब तक भारत के साथ संबंधों में सुधार नहीं होता तब तक पड़ोस में शांति हासिल करना असंभव है।
आसिफ ने कहा कि इस्लामाबाद संबंधों को सामान्य करने और सभी विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाने के लिए नई दिल्ली की तरफ हाथ बढ़ाया, लेकिन भारत ने उचित जवाब नहीं दिया। उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर सीमा पर लड़ाई करने, राजनीतिक बयानबाजी तेज करने और कश्मीर में नागरिकों पर हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि शांति के लिए ये सब ठीक नहीं है।
अफगानिस्तान में शांति की जिम्मेदारी नहीं ले सकता पाक
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पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि इस्लामाबाद, अफगानिस्तान
में शांति और सुरक्षा की जिम्मेदारी नहीं ले सकता। उन्होंने साथ ही कहा कि
आतंकवादियों की घुसपैठ रोकने के लिए अफगानिस्तान के साथ प्रभावी सीमा
प्रबंधन जरूरी है। आसिफ ने कहा कि अमेरिका युद्ध छेडक़र अफगानिस्तान मसले को
नहीं सुलझा सकता। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में 16 साल से चल रहे युद्ध
से स्पष्ट है कि अफगानिस्तान में शांति बहाली केवल बातचीत के जरिए ही संभव
है।
आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान से ज्यादा कोई अफगानिस्तान में शांति
नहीं चाहता, लेकिन कई अफगान नेता अपने निहित स्वार्थों के लिए इस युद्ध को
जारी रखना चाहते हैं। पाकिस्तान में आतंकवादियों के लिए सुरक्षित
पनाहगाहों के आरोपों को खारिज करते हुए मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान
आतंकवादियों का सुरक्षित पनाहगाह है।
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