बूंदी जिले में 3571 करोड़ के विकास कार्य मंजूर : कृपलानी

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 16 सितम्बर 2017, 7:26 PM (IST)

बूंदी। जिले के प्रभारी एवं नगरीय विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने आपका जिला-आपकी सरकार कार्यक्रम के अंतिम दिन शनिवार को बूंदी जिला कलेक्ट्रेट में पत्रकारों को बताया कि राज्य सरकार ने अपने अब तक के कार्यकाल के साढ़े तीन वर्षों में बूंदी जिले में 3571 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्य स्वीकृत किए हैं। सबसे अधिक करीब 926 करोड़ रुपए के सड़क विकास के कार्य पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से करवाए जा रहे हैं।

पत्रकारों से वार्ता के बाद जिला प्रभारी मंत्री ने बताया कि बूंदी जिले में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभागों की ओर से 667.69 करोड़ रुपए, जल संसाधन विभाग की ओर से 550.82 करोड़ रुपए, नगरीय विकास विभाग की ओर से 431.28 करोड़, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर से 338.69 करोड़ तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से 232.65 करोड़ रुपए के कार्य स्वीकृत किए गए हैं। कृपलानी ने बताया कि बूंदी विधानसभा क्षेत्र में 1413 करोड़ रुपए, हिण्डौली विधानसभा क्षेत्र में 968.63 करोड़ एवं केशोराय पाटन विधानसभा क्षेत्र में 1189.83 करोड़ रुपए के काम करवाए जा रहे हैं।

दो जिलों को जोड़ेगा गेंता-माखीदा पुल

उन्होंने बताया कि हमारी सरकार ने इस क्षेत्र की आजादी के बाद से लेकर अब तक चली आ रही गेंता-माखीदा पुल निर्माण की मांग को पूरा किया है। 120 करोड़ रुपए की लागत से यह उच्च स्तरीय पुल बनना शुरू हो गया है। करीब 30 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। यह पुल राजस्थान और मध्य प्रदेश को भी जोड़ेगा। प्रभारी मंत्री ने बताया कि बूंदी-बिजौलिया की 50 किलोमीटर सड़क के निर्माण के लिए 177 करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी की है और आगामी 5 अक्टूबर को निविदा खोली जाएगी। बूंदी जिले में दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर दौसा-लालसोट-कोटा मेगा हाईवे पर आरओबी, तालेड़ा-केशोरायपाटन एमडीआर पर आरओबी निर्माण की स्वीकृति जारी कर दी गई है और शीघ्र ही काम शुरू कर दिया जाएगा। बूंदी में स्टेट हाइवे-29 से राष्ट्रीय राजमार्ग 52 तक 10 किमी बाईपास निर्माण के लिए 40 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। उन्होंने बताया कि सुमेरगंज मण्डी से कमलेश्वर महादेव तक 13.53 किमी लम्बाई में लगभग 20 करोड़ की लागत से सड़क को चौड़ा करने का कार्य प्रगति पर है। बूंदी से मेड़ी तक मेज नदी पर और टोंक से केशोरायपाटन सड़क पर मोतीपुरा के पास हाईलेवल ब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है।

शहरी क्षेत्र में वन भूमि डिनोटिफाई करने से जनता को मिली राहत

कृपलानी ने बताया कि राज्य सरकार के अथक प्रयासों से जनवरी 2017 में बूंदी में 357.32 हैक्टेयर भूमि डिनोटिफाई की गई। अब आबादी क्षेत्र को वन विभाग से अलग करने के लिए करीब साढ़े सात किलोमीटर लम्बी बाउंड्रीवाल बनाई जा रही है। इन फैसलों से बूंदी शहर की 70 प्रतिशत आबादी को राहत मिल रही है, जो अब तक वन विभाग के क्षेत्र में आने के कारण बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित थी।

सिवायचक भूमि पर निर्मित भवनों के पट्टों के लिए विशेष आदेश

उन्होंने बताया कि सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में सिवायचक भूमि पर बन निजी भवनों के पट्टे जारी करने के लिए विशेष आदेश जारी किए हैं। इससे सिवायचक भूमि पर जिन लोगों ने एक जनवरी 2017 से पहले मकान बना रखे हैं, उन्हें लाभ होगा और उन्हें रिहायशी पट्टे ग्राम पंचायत देगी।

बूंदी शहर को मिला पेयजल

कृपलानी ने बताया कि हमारी सरकार ने 74 करोड़ 37 लाख रुपए की लागत से चंबल-बूंदी पेयजल परियोजना पूरी की। इस योजना से बूंदी शहर की पेयजल समस्या का समाधान हुआ है। चंबल बूंदी क्लस्टर पेयजल परियोजना को भी इस वर्ष प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण किया जाएगा। इस पर साढ़े 15 करोड़ रुपए खर्च होंगे और बूंदी जिले की तालेड़ा तथा बूंदी तहसील के 19 गांवों को शुद्ध पेयजल मिलेगा। चाकन बांध-इंद्रगढ़ पेयजल परियोजना पूरा होने पर बूंदी के दो शहर इंद्रगढ़ और सुमेरगंज मंडी तथा 45 गांव व 6 ढाणियों में रहने वाले करीब 70 हजार लोगों को पीने के पानी की सुविधा मिलेगी।
उन्होंने बताया कि बूंदी क्लस्टर डिस्ट्रिब्यूशन परियोजना की स्वीकृति 26 अप्रैल 2017 को हो गई, करीब 81 करोड़ कि लागत की इस परियोजना से बूंदी विधानसभा क्षेत्र के 34 गांव और 25 मजरे लाभान्वित होंगे। इसके अलावा शुद्ध पेयजल के लिए 15.65 करोड़ के 84 आरओ प्लांट स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से 16 पूरे हो गए हैं, बाकी प्लांट लगाए जा रहे हैं।

गरड़दा बांध के लिए 246 करोड़

जिला प्रभारी मंत्री ने बताया कि गरड़दा बांध के क्षतिग्रस्त भाग के पुनर्निर्माण के लिए 246 करोड़ रुपए की स्वीकृति हमारी सरकार ने जारी कर दी है। 16 अगस्त को इसके कार्यादेश भी जारी हो चुके हैं। गेंडोली एवं फौलाई लिफ्ट सिंचाई परियोजना की हमारी सरकार ने 14 दिसम्बर 2016 को स्वीकृति जारी की थी। इस परियोजना के पूरा होने से गेंडोली खुर्द पंचायत के सात गांवों के 856 किसानों की 1988 हैक्टेयर भूमि सिंचित होगी। फौलाई लिफ्ट सिंचाई परियोजना से इस पंचायत के 10 गांवों के 1023 किसानों की 1998 हैक्टेयर भूमि सिंचित होगी। उन्होंने बताया कि बूंदी जिले में 132 केवी के तीन जीएसएस में से केशवरायपाटन और डाबी के नवनिर्मित स्टेशनों से विद्युत आपूर्ति का काम अगले महीने शुरू हो जाएगा। दबलाना में स्टेशन का निर्माण कार्य इसी महीने शुरू किया जाएगा। साथ ही, गत तीन वर्षों में 33 केवी के 11 नए सब स्टेशन भी स्थापित किए गए हैं।

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