भारत-जापान संबंध नई ऊंचाइयों पर, मोदी-आबे ने पाक को लिया आड़े हाथ

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 14 सितम्बर 2017, 10:20 PM (IST)

अहमदाबाद। भारत और जापान ने गुरुवार को द्विपक्षीय संबंध को नई ऊंचाई प्रदान करते हुए ऐतिहासिक बुलेट ट्रेन परियोजना की आधारशिला रखी और संप्रभुता और अंतर्राष्ट्रीय कानून का सम्मान करने वाले मुक्त एवं खुले भारत-प्रशांत क्षेत्र का आह्वान किया। प्रधानमंत्री मोदी और आबे के बीच बैठक के बाद 13 पन्नों का संयुक्त बयान जारी किया गया जिसका शीर्षक खुले और समृद्ध भारत-प्रशांत की ओर रखा गया। बयान में दोनों देशों ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए मुंबई और पठानकोट हमले के साजिशकर्ताओं को सजा देने की मांग की। बयान में उत्तर कोरिया के परमाणु और बैलेस्टिक कार्यक्रम और इसके लगातार प्रसार की निंदा की गई।

भारत और जापान के बीच तेजी से बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे द्वारा भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना की आधारशिला रखने से बड़ा प्रोत्साहन मिला है। 1.08 लाख करोड़ रुपये (17 अरब डॉलर) की लागत वाली 508 किलोमीटर अहमदाबाद-मुंबई रेल लाइन भारत, जापान के बीच के ढांचागत विकास परियोजना की सूची में जुड़ गई है। समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना देश के विकास को गति देगी और गरीब तबके के सशक्तीकरण में भी मददगार होगी।

मोदी ने कहा, यह नया भारत है जिसे ऊंची उड़ान भरनी है। बुलेट ट्रेन एक ऐसी परियोजना है जो विकास को गति प्रदान करेगी। नई तकनीक के साथ इसके परिणाम भी तेजी मिलेंगे। वहीं, इस मौके पर जापान के प्रधानमंत्री ने कहा, एक मजबूत भारत, जापान के हित से जुड़ा है और एक मजबूत जापान, भारत के हित से जुड़ा है। आज उज्जवल भविष्य की कल्पना के इस भाग का वास्तविक स्वरूप नजर आ रहा है। बुलेट ट्रेन को भारत के लिए जापान का बहुत बड़ा उपहार बताते हुए उन्होंने कहा, एक तरह से इस परियोजना का निर्माण निशुल्क हो रहा है। और मैं एक बार फिर से भारत को तकनीकी और आर्थिक सहायता देने के लिए जापान को धन्यवाद दूंगा। मोदी ने बुलेट ट्रेन के लिए वडोदरा में हाई स्पीड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना की भी घोषणा की, जिसकी नींव गुरुवार को ही मोदी और आबे ने रखी।

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आबे ने कहा, मेरे अच्छे मित्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दूरदर्शी नेता हैं। उन्होंने दो साल पहले भारत में उच्च गति रेल लाने और नया भारत बनाने का निर्णय लिया था। और फिर हमारे देश ने मोदी के इस दृष्टिकोण का पूरी तरह से समर्थन करने का फैसला किया, जिसके बाद परियोजना में प्रगति हुई। सम्मेलन के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों ने आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है और अलकायदा, इस्लामिक स्टेट, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी समूहों के आतंकवादी खतरे के खिलाफ सहयोग की प्रतिबद्धता जताई।

उन्होंने कहा, दोनों नेता सुरक्षा और रक्षा क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए जिसमें संयुक्त अभ्यास,रक्षा प्रोद्यौगिकी की खरीद और अन्य मुद्दे शामिल हैं। मोदी और आबे ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक-दूसरे की सदस्यता का समर्थन करते हुए बयान में कहा कि दोनों देश ढृढ़ता से इस बात पर सहमत हैं कि सुरक्षा परिषद विस्तार में भारत और जापान स्थायी सदस्य के लिए वैध उम्मीदवार हैं।

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