ब्लू व्हेल गेम: 10 वां चैलेंज पार करने के लिये छत से कूदने ही वाला था छात्र,लेकिन ....

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 14 सितम्बर 2017, 7:15 PM (IST)

अमरीष मनीष शुक्ल, इलाहाबाद। ब्लू व्हेल गेम खेलते हुये एक और बच्चे की जान जाने ही वाली थी। लेकिन समय रहते परिजनों की नजर पड़ गयी और बच्चे को बचा लिया गया। घटना यूपी के इलाहाबाद शहर में हुई है। मामले में साइबर सेल ने बच्चे से लंबी पूछताछ कर मोबाइल फोन व लैपटॉप जांच के लिये ले लिया है । बच्चा बेहद ही डरा हुआ है और उसने बताया टास्क पूरा करने के लिये उसे धमकी दी जा रही थी। छात्र ग्यारहवी में पढता है और उसने 9 चैलेंज पार कर लिया था। सुबह दसवे चैलेंज में उसे छत से कूदना था। जिसके लिये वह बाउंड्रीवाल पर चढ गया था। लेकिन परिजनों की नजर पड़ गई और उसे कूदने से बचा लिया गया ।


इलाहाबाद के हरवारा इलाके में यह घटना एक नगर निगम अधिकारी के बेटे सोनू (नाम परिवर्तित) के साथ हुई है। साइबर सेल के अनुसार पूछताछ में पता चला कि गेम एडमिनिस्ट्रेटर ने खुद लिंक भेजा था। जिसे कौतूहलवश सोनू ने खेलना शुरू किया। सोनू ने अपने हाथ पर ब्लेड से एफ-57 उकेरा था। यह परिजनों ने देखा तो उसे फटकार लगाई थी। लेकिन अगले दिन भोर में 4 बजे ही जब सोनू टीवी में डरावनी फिल्म देख रहा था तो परिजन चौंक गये और उस नजर रखी जाने लगी। पर सोनू पर शक तब गहराया जब उसने अपनी कलाई पर तीन कट मार लिये। अगले तीन दिन सोनू ने क्या किया यह परिजन नहीं समझ पाये लेकिन सातवें दिन उसने अपनी बाइक को खंभे से भिड़ा दिया। लेकिन सुबह जब सोनू छत पर बाउंड्रीवाल पर चढा तो परिजन पूरी तरह समझ गये कि मामला ब्लू व्हेल गेम का है।


साइबर सेल ढ़ूढ रही क्लू

परिजनों ने जब एसपी क्राइम से संपर्क किया तो तत्काल इसकी जानकारी साइबर सेल को दी गयी। बताया गया कि 15 साल का सोनू ब्लू व्हेल गेम में फंस गया है। तत्काल सोनू के साथ साइबर सेल ने बातचीत कर पूरी बात जानी । फिर लिंक भेजने वाले का क्लू ढूढने लगे। लेकिन उसे ट्रेस नहीं किया जा सका।


साइबर सेल प्रभारी विद्या यादव ने बताया कि छात्र को टास्क पूरा करने के लिए धमकियां मिल रही हैं। जिसके कारण वह बहुत घबराया है और न चाहकर भी उसे टास्क पूरा करना पड़ रहा है। हमने उसे भरोसा दिलाया है। उसे सुरक्षित महसूस कराया है। ताकि वह फिर से गेम न खेल सके।
साइबर सेल प्रभारी विद्या यादव ने संदेश जारी करते हुए कहा कि अगर ऐसी कोई घटना होती है।तो घबराएं नहीं। बच्चे को डांट फटकार न लगाए। तत्काल साइबर सेल की मदद लें। बच्चे की काउंसिलिंग कराए और मोबाइल लैपटाप से उसे कुछ दिन दूर रखें। क्योंकि बच्चे को पहले ही गेम को लेकर इतनी धमकी मिल चुकी होती है कि वह बहुत घबराया होता है। बच्चे पर गंभीरता से ध्यान दें।

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