बच्चों की सुरक्षा को लेकर CBSE की गाइडलाइन्स, स्कूलों में सीसीटीवी और...

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 14 सितम्बर 2017, 5:49 PM (IST)

नई दिल्ली। स्कूल के टॉयलेट में सात साल के बच्चे की हत्या के बाद देशभर में उठी सुरक्षा की मांग के बीच सीबीएसई ने बड़ा कदम उठाया है। सीबीएसई ने स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए गाइडलाइन्स जारी कर दी है। सीबीएसई की ओर जारी गाइडलाइन्स के मुताबिक स्कूलों में सीसीटीवी लगवाए जाएं, स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन हो, स्कूल बिल्डिंग में बाहरियों की एंट्री पर कंट्रोल किया जाए। सीबीएसई के उप सचिव जयप्रकाश चतुर्वेदी ने सभी सीबीएसई स्कूलों को निर्देश दिया है कि संवेदनशील जगहों पर सीसीटीवी लगाएं और सुनिश्चित करें कि वो हमेशा चालू हालत में रहें। स्टाफ का सिक्योरिटी ऑडिट कराया जाए।

उन्होंने सभी सीबीएसई स्कूलों को दो महीने के अंदर स्थानीय पुलिस से स्कूल परिसर और स्कूल स्टाफ का सेफ्टी और सिक्योरिटी ऑडिट कराकर 2 महीने में रिपोर्ट सीबीएसई वेबसाईट पर अपलोड करने का आदेश दिया गया है। स्कूलों को ये भी कहा है कि स्कूल में काम करने वाले गैर-अध्यापन स्टाफ मसलन बस ड्राइवर, कंडक्टर, माली, चपरासी, सपोर्टिंग स्टाफ सबका सिक्योरिटी ऑडिट के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक परिक्षण (साइकोमेट्रिक टेस्ट) भी कराएं। ये साइकोमेट्रिक टेस्ट सावधानीपूर्वक और डीटेल में कराएं।

सपोर्टिंग स्टाफ को अधिकृत एजेंसी से हायर किया जाए और जिसका पूरा रिकॉर्ड हो। अभिभावक और अध्यापकों और छात्रों को मिलाकर एक समिति बने जो सुरक्षा संबंधी जरुरतों पर सुझाव दे। आपको बता दें कि प्रद्युम्न की गुरुग्राम के भोंडसी स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल के शौचालय में 8 सितंबर को गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद लगातार विरोध-प्रदर्शन के बीच स्कूलों में सुरक्षा के लिए कानून बनाने की मांग उठ रही है।


स्कूलों में बढ़ेगी महिला कर्मचारियों की संख्या

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केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि केंद्र सरकार स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए महिला कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की एक नीति पर काम कर रही है। पासवान ने कक्षा दो के छात्र प्रद्युम्न के माता-पिता से मिलने के बाद मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात की। पासवान ने संवाददाताओं से कहा, जावड़ेकर ने मुझसे कहा कि सरकार स्कूलों में महिला कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की एक राष्ट्रीय नीति पर काम कर रही है, इसमें सरकारी व निजी दोनों स्कूल शामिल हैं।

उन्होंने कहा, योजना प्रारंभिक चरण में है और चर्चा जारी है कि 100 फीसदी महिला कर्मचारी रखी जाए या बहुमत में। इस नीति में यह भी देखेंगे कि किन जगहों पर महिला कर्मचारी की तैनाती की जानी चाहिए। स्कूलों में बाल यौन उत्पीडऩ की घटनाओं के बाद शैक्षिक संस्थानों में छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, मानव संसाधन मंत्रालय के साथ एक प्रोटोकाल विकसित करने पर काम कर रहा है।

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