रोहतक। हर
कोई जानता है कि अस्पतालों में इलाज होता है, लेकिन हरियाणा के सबसे बडे
अस्पताल पीजीआई रोहतक में इलाज के अलावा भी बहुत कुछ होता है, जिससे कई बार
प्रदेश शर्मसार हो चुका है। सरकारें आईं, सरकारें गईं, लेकिन यहां के
हालात नहीं बदले। कभी पेपर लीक, कभी आंसर सीट चोरी, गर्भवती महिला की
पिटाई, टॉयलेट में नवजात शिशुओं को फेंकना, पूर्व सीएम हुकुमसिंह के इलाज
में लापरवाही जैसे पता नहीं कितने ही दाग इस अस्पताल पर लगे है, लेकिन इस
बार तो हद ही कर दी गई। अब तो लेबर रूम से नवजात बच्चा चोरी कर लिया गया,
बाकायदा प्लानिंग के साथ। हंगामा हुआ तो आनन-फानन में एक स्टॉफ नर्स को
सस्पेंड कर दिया गया, लेकिन बाकी जिम्मेदार अधिकारियों तक आंच भी नहीं आने
दी। इस घटना के बाद नवजात की मां अपना मानसिक संतुलन खो गई, जबकि बलि का
बकरा बनी स्टॉफ नर्स खुद पर हुए एक्शन से मायूस है, क्योंकि गाज सिर्फ उसी
पर गिराई गई है, जबकि जिम्मेदार डाक्टरों से किसी ने पूछताछ तक नहीं की।
रविवार
का दिन समय दोपहर 3 बजकर 7 मिनट और जगह पीजीआई का लेबर रूम। यहां पर डेयरी
मोहल्ला की रहने वाली रंजू ने डिलीवरी के बाद एक बच्चे को जन्म दिया। उससे
आधे घंटे पहले एक अन्य महिला ने भी बच्चे को जन्म दिया, हालांकि बच्चा
कमजोर था, इसलिए उसे मेडिकल केयर की जरूरत थी। दोनों महिलाओं की डिलीवरी को
स्टॉफ नर्स बलजीत कौर ने असिस्ट कराया और बाद में दोनों बच्चों की नर्सिंग
केयर करने की जिम्मेदारी भी बलजीत कौर पर ही डाल दी गई। बलजीत ने दोनों
बच्चों की केयर की और पास में ही वॉस बेसिन में हाथ धोने लग गई, उसी वक्त
एक बच्चा अचानक से गायब हो गया। बच्चा कहां गया और उसे कौन लेकर गया, इसका
किसी को नहीं पता। लेबर रूम में उस वक्त 50 के करीब सुरक्षा गार्ड, स्टॉफ
नर्स, डॉक्टर, सफाईकर्मी और बेयरर काम कर रहे थे। लेकिन किसी ने उनको नहीं
देखा, सभी सीसीटीवी कैमरे भी बंद कर रखे थे, जिन्हें घटना के बाद दोबारा
चालू किया गया।
दरअसल उसने 5 महीने पहले ही पीजीआई ज्वाईन किया था और
फिलहाल उसका प्रोबेशन पीरियड चल रहा है, कायदे से प्रोबेशन पीरियड में
सीनियर स्टॉफ की देखरेख में ही उनको काम करना होता है, लेकिन उसको ऐसे
संवेदनशील स्थान पर अकेले ही जिम्मेदारी दी गई थी। तीसरा सवाल ये कि जो
दूसरा नवजात शिशु था, उसे मेडिकल केयर की आवश्यकता थी, लेकिन डॉक्टर का कोई
अता-पता नहीं था। चौथा सवाल ये कि इतनी भारी-सुरक्षा के बीच कैसे कोई
अनजान व्यक्ति लेबर रूम में घुसकर बच्चा चोरी कर सकता है और उसके बाद आसानी
से गायब भी हो जाता है।
सबकी
अपनी-अपनी दलीलें हैं, लेकिन जिस मां ने 9 महीने अपने गर्भ में खून से
सींचकर जिस लाल को जन्म दिया, वह उसका ठीक से मुंह भी नहीं देख पाई थी कि
कोख के लुटेरों ने उसे गायब कर दिया। बेहाल मां पिछले 6 दिन से तड़प रही
है, रो रोकर बुरा हाल है, अब तो उसका मानसिक संतुलन भी बिगड़ गया और एक ही
रट लगाए हुए है कि जब तक उसका बच्चा नहीं मिलेगा, वह पीजीआई से नहीं
जाएगी। उसकी सास दर्शना अपने परिवार और रिश्तेदारों के साथ मिलकर लेबर रूम
के बाहर ही धरना देकर बैठ गई है, उनका भी यही कहना है कि पीजीआई से बच्चा
चोरी कर लिया गया और अब छोटे कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाकर अपनी
जिम्मेदारी से पल्ला झाड रहे है, मेडिकल के बड़े अधिकारी इसके लिए
जिम्मेदार है, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और हमारा बच्चा मिलना
चाहिए।
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जिस
बलजीत कौर नाम की नर्स को सस्पेंड किया गया है, वह खुद को निर्दोष बता रही
है, उनका कहना है बच्चा गायब हुआ है, इसके लिए सिर्फ उसी पर ठीकरा फोड़ा
गया है, बल्कि जिम्मेदार तो पूरी व्यवस्था है। जिन डाक्टर्स की ड्यूटी थी,
वे वहां से नदारद थी। दो डिलीवरी अकेले उसी ने कराई, कोई सीनियर मौजूद नहीं
था, बाद में नर्सिंग केयर भी अकेले मैंने ही दी। मेरी गलती सिर्फ इतनी रही
कि मैं हाथ धोने लग गई और उसी दौरान बच्चा गायब हो गया। क्या किसी की
जिम्मेदारी नहीं है कि कोई भी अन्दर आए और बच्चे को उठाकर बाहर ले जाए, कोई
रोकने-टोकने वाला नहीं। कहां गायब था पूरा का पूरा स्टॉफ, न डाक्टर, न
स्टॉफ नर्स, न सिक्योरिटी गार्ड, न बेयरर और न ही सफाईकर्मी। वहीं, इस पूरे
घटनाक्रम पर पीजीआई के मेडीकल सुपरिडेंट डा. अशोक चौहान ने कहा कि
लापरवाही बरती गई है तो स्टॉफ नर्स पर कार्रवाई की गई है, सीसीटीवी कैमरे
चालू नहीं थे तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी। डाक्टर्स को इस मामले में
क्यों क्लीन चिट दी गई, इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है, जांच की जा रही
है और जो भी दोषी मिलेगा, उस पर एक्शन लिया जाएगा।
एक बात साफ हो गई कि यहां के डाक्टर्स
चाहे कितने भी गुनाह करें, उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, क्योंकि ऊंचे पदों
पर उन्हीं के माई-बाप बैठे हैं, जो उनका कुछ नहीं बिगडने देंगे। इस मामले
में भी ऐसा ही हुआ है, स्वास्थ्य मंत्री टंकियों पर चढ़कर पानी तो चेक कर
लेते हैं, लेकिन खुद का महकमा कितना बीमार है, इसकी उन्हें भी सुध नहीं है।
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