राज्यपाल को लोकायुक्त ने सौंपा 790 पेज का 31वां वार्षिक प्रतिवेदन

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 14 सितम्बर 2017, 4:20 PM (IST)

जयपुर। राज्यपाल कल्याण सिंह को गुरूवार को राजभवन में लोकायुक्त न्यायमूर्ति एस.एस. कोठारी ने राजस्थान लोकायुक्त तथा उप-लोकायुक्त अधिनियम की धारा 12(4) के अन्तर्गत 31 वें वार्षिक प्रतिवेदन की प्रति सौंपी। यह वार्षिक प्रतिवेदन दिनांक 01.04.2016 से 31.03.2017 तक की अवधि के सम्बन्ध में है, जो 790 पृष्ठ का है।

राज्यपाल सिंह को लोकायुक्त श्री कोठारी ने बताया कि 1 अप्रेल, 2016 को लोकायुक्त सचिवालय में 4901 परिवाद लम्बित थे तथा दिनांक 31 मार्च, 2017 तक 5384 नवीन परिवाद प्राप्त हुए। कुल 10285 परिवादों में से 5973 परिवादों का निस्तारण किया गया जो कि लोकायुक्त संस्था के इतिहास में सर्वाधिक है। वर्तमान लोकायुक्त के कार्यकाल में ही वर्ष 2015-16 में 4990, वर्ष 2014-15 में 3756 व 2013-14 में 3928 परिवादों का निस्तारण किया गया, जो उस वर्ष में सर्वाधिक थे। परिवादों के निस्तारण की संख्या में प्रतिवर्ष वृद्धि हो रही है, जो लोकायुक्त संस्था की प्रभावी कार्यप्रणाली को दर्शाती है।

लोकायुक्त ने बताया कि पूर्व वर्षों से भिन्न इस कालावधि में सर्वाधिक 972 शिकायतें राजस्व विभाग के विरूद्ध, इसके अलावा 920 शिकायतें पुलिस के विरूद्ध, 838 शिकायतें ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के विरूद्ध एवं 835 शिकायतें नगरीय विकास एवं आवासन/स्वायत्त शासन विभाग के विरूद्ध प्राप्त हुईं। इस कालावधि में समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर आदि के आधार पर जनहित के 19 प्रकरणों में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर कार्यवाही प्रारम्भ की गयी। लोकायुक्त सचिवालय स्तर पर की गयी कार्यवाही के परिणामस्वरूप 727 प्रकरणाें में परिवादीगण को वांछित अनुतोष दिलाया गया। इनमें माथुर आयोग से अन्तरित 67 प्रकरण भी शामिल हैं। अनुतोष प्रकरणों की यह संख्या भी संस्था के इतिहास में सर्वाधिक है। इन प्रकरणों में राजस्व विभाग के 163, नगरीय विकास एवं आवासन/स्वायत्त शासन विभाग के 126, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के 94 तथा पुलिस के 47 प्रकरणों में परिवादीगण को अनुतोष दिलाया गया। इस कालावधि में राज्य के आम-जन के दिन-प्रतिदिन के कार्यों से सम्बन्धित के महत्त्वपूर्ण कार्यालयों, समस्त पंचायत घर व अटल सेवा केन्द्रों पर लोकसेवकों के भ्रष्टाचार के विरूद्ध लोकायुक्त सचिवालय में शिकायत करने के लिए जागरूक करने हेतु सूचना बोर्ड लगवाने का कार्य पूर्ण किया गया।

कोठारी ने बताया कि खान आवंटन जांच से सम्बन्धित कार्य भी प्रगति पर है, जिसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। खान घोटालों की जांच में प्रारम्भिक जांच पूर्ण कर लगभग चालीस वरिष्ठ अधिकारियों को अन्वेषण के नोटिस जारी कर दिये हैं। उन्होंने बताया कि माथुर आयोग से सम्बन्धित कुछ महत्त्वपूर्ण प्रकरणों में राज्य सरकार ने कतिपय विश्वविद्यालयों, अस्पतालों और क्लबों आदि को रियायती दरों पर जमीन का आवंटन किया था। लोकायुक्त सचिवालय की जाँच के उपरान्त आवंटन शर्तों की पालना नहीं किए जाने के कारण कतिपय आवंटन निरस्त किये गये तथा करीब बारह करोड़ के राजस्व की वसूली की गई।

लोकायुक्त सचिवालय द्वारा जाँच में पाया गया कि माथुर आयोग से सम्बन्धित कुछ प्रकरणों में धारा 90-बी के आदेशों में बार-बार परिवर्तन करने की पत्रावलियाँ जयपुर विकास प्राधिकरण, नगरीय विकास विभाग में गायब हो गई थी। इस कारण राज्य सरकार को यह निर्देश दिया गया कि भविष्य में सभी महत्त्वपूर्ण पत्रावलियों की एक प्रति विभागाध्यक्ष ई-फाॅर्मेट में अपने आधिपत्य में रखें।

लोकायुक्त सचिवालय द्वारा माथुर आयोग से सम्बन्धित कतिपय पत्रावलियों की जांच कर राज्य सरकार को यह निर्देश दिया गया कि राजस्थान आवासन मण्डल सम्पत्ति निस्तारण अधिनियम, 1970 के नियम 8(1) के तहत विवेकाधीन कोटे में आवास आवंटन बाबत पारदर्शी नीति बनाई जावे व ‘‘उत्कृष्ट समाज सेवा’’ की श्रेणी में आने वाले आवेदकों के बाबत स्पष्ट मापदण्ड निर्धारित किये जावें।

लोकायुक्त सचिवालय द्वारा जयपुर शहर में अवैध भवनों का सर्वे जयपुर विकास प्राधिकरण व नगर निगम के माध्यम से करवाया जा रहा है। इनमें चार मंजिला भवनों में पाँचवीं मंजिल पर किये गये अनधिकृत निर्माण तथा 15 मीटर से ऊॅंचे सभी भवन सम्मिलित हंै। अब तक के सर्वे में लगभग एक हजार भवन चिह्नित हो चुके हैं, छह सौ भवन मालिकों के विरूद्ध इस्तगासे प्रस्तुत हो चुके हैं तथा न्यायालय द्वारा पच्चीस भवन मालिकों को पचास-पचास हजार रूपये के जुर्माने से दण्डित किया जा चुका है। इनके द्वारा अवैध निर्माण को प्रथम निर्णय के बाद भी नहीं हटाए जाने के कारण दुबारा इस्तगासे प्रस्तुत हो चुके हैं। इन मामलों में प्रथम निर्णय के दिन से अवैध निर्माण नहीं हटाने तक दस हजार रूपया दैनिक जुर्माना होने का भी प्रावधान है।

इस अवसर पर लाेकायुक्त सचिवालय के प्रमुख सचिव डाॅ. पदम कुमार जैन, राज्यपाल के सचिव देबाशीष पृष्टि व लोकायुक्त सचिवालय के सचिव उमाशंकर शर्मा उपस्थित थे।


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