जयपुर। प्रदेश में भ्रूण लिंग जांच प्रतिषेध अधिनियम (पीसीपीएनडीटी) की प्रभावी क्रियान्विति एवं अधिनियम के तहत की जा रही त्वरित डिकाय कार्यवाही एवं जन-जागरुकता के लिये संचालित डाटर्स आर प्रीसियस कैम्पेन का अध्ययन करने के लिए झारखंड का 4 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल राजस्थान के तीन दिवसीय दौरे पर आया हुआ है।
राजस्थान के पीसीपीएनडीटी माॅडल को अपनाकर झारखंड में भी अपनाया जायेगा। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व उत्तरप्रदेश के प्रतिनिधिमंडल पीसीपीएनडीटी क्रियान्वयन की जानकारी लेने राज्य का दौरा किया है एवं वहां राजस्थान के आदर्श बन चुके पीसीपीएनडीटी माडल को लागू भी किया गया है।
मिशन निदेशक एनएचएम नवीन जैन ने गुरुवार को स्वास्थ्य भवन झारखंड़ के अधिकारियों के साथ हुयी बैठक में प्रदेश में पीसीपीएनडीटी ब्यूरो आफ इन्वेस्टीगेशन, डिकाय कार्यवाही, मुखबिर योजना, टोल फ्री सूचना हैल्पलाईन 104/108, एक्टिव ट्रेकर, इम्पैक्ट साफ्टवेयर एवं जन-जागरूकता के लिये संचालित डाटर्स आर प्रीसियस अभियान आदि गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 89 सफल डिकाय कार्यवाही की जा चुकी हैं एवं मुखबिर योजना के तहत भ्रूण लिंग परीक्षण के संबंध में सत्य सूचना पर ढाई लाख रुपये की इनाम राशि दी जाती है।
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जैन ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में अजमेर में हुये डिकाय आपरेशन
के दल में शामिल होकर कार्यवाही की बारीकियों की जानकारी प्राप्त की है।
उन्होंने बताया कि बेहतर समन्वय के लिये आवश्यकतानुसार सीमावर्ती राज्यों
गुजरात, हरियाणा, मध्यप्रदेश, पंजाब एवं उत्तरप्रदेश के साथ इन्टरस्टेट
कार्यशाला आयोजित की जाती हैं। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को इंटरस्टेट डिकाय
कार्यवाही एवं उनसे जुड़े अनुभवों को भी साझा किया।
प्रतिनिधिमंडल
में झारखंड के पीसीपीएनडीटी के स्टेट नोडल आफिसर डा. राजेन्द्र पासवान,
राज्य समन्वयक रफत फरजाना, जिला समन्वयक श्री संजय कुमार एवं प्लान इंडिया
के अरशद हुसैन शामिल थे।
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