घर का डॉक्टर आंवला

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 13 सितम्बर 2017, 3:21 PM (IST)

आयुर्वेद में आंवले को जो सम्मान हासिल है वह किसी और दूसरे फल, जडी-बूटी को नहीं मिला। आवंला कुदरत का दिया हुआ एक ऐसा तोहफा है जिससे हमारे शरीर में पनप रही कई सारी बीमारियों का नाश हो सकता है। आवंला आपको अच्छी सेहत का मालिक बनता है। आंवला कसैला, मुधर, शीतल, नित्रेषनाशक होता है। यह अम्लरस के कारण वात को, मधुर व शीतवीर्य के कारण पित्त को और रूक्ष तथा कषाय होने के कारण कफ को खत्म करता है। इसलिए यह त्रिदोषनाशक है। इसके नियमित सेवन से आंखों की रोशनी बढती है।

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पायरिया आंवले को आग पर भूनकर उसमें सेंधा नमक मिलाकर बारीक पीस लें। साथ ही इसमें दो-तीन बूंदें सरसों के तेल की मिला दें। इससे नियमित मंजन करने से पायरिया रोग का नाश होता है।

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नकसीर यदि नकसरीर किसी प्रकार बंद न हो, तो ताजे आंवले का रस नाक में टपकाएं, नकसीर बंद हो जाएगी। जिन्हें अक्सर नकसीर की शिकायत रहती है, उन्हें हर रोज आंवले का सेवन या सिर पर आंवले का लेप करना चाहिए।

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खुजली आंवले के चूर्ण को तेल में मिलाकर मालिश करने से खुजली खत्म होती है। फोडे-फुंसियों को ठीक करने के लिए आंवले को घिसकर लगाना चाहिए, जलने पर भी इसका प्रयोग किया जा सकता है।

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पथरी आंवले का चूर्ण मूली के साथ खाने से यूरिन की पथरी में लाभ होता है।

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