ऐसे वास्तु दोष जातक को आत्महत्या करने तक कर देते हैं मजबूर

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 12 सितम्बर 2017, 5:05 PM (IST)

वास्तु के अनुसार कुछ ऐसे घातक दोष भी हाते हैं जो जातक के अपनी जिंदगी से हाथ धोने के लिए भी विवश कर देते हैं। आइए जानते हैं ऐसे घातक दोषों और निवारण के बारे में—

जिस घर में आत्महत्या होती है उस घर में दो या दो से अधिक वास्तुदोष अवश्य होते हैं। जिनमें से एक घर के ईशान कोण (उत्तर पूर्व) में होता है और दूसरा दोष नैऋत्य कोण (दक्षिण पश्चिम) में होता है। इन दिशाओं में भूमिगत पानी की टंकी, कुआं, बोरवेल, बेसमेंट या किसी भी प्रकार से इस कोने का फर्श नीचा हो या घर के दक्षिण दिशा का दक्षिणी कोना या दक्षिण पश्चिम का दक्षिणी भाग का बढ़ा हुआ हो तो वास्तु बुरी तरह प्रभावित होता है। इस दोष के साथ यदि घर के पश्चिम नैऋत्य कोण में मुख्य द्वार हो तो घर के पुरूष सदस्य द्वारा और यदि मुख्य द्वार दक्षिण नैऋत्य कोण में हो तो उस घर की स्त्री द्वारा आत्महत्या करने की संभावना रहती है।

दूसरा वास्तुदोष घर के नैऋत्य या पश्चिम-नैऋत्य में कम्पाउंड वॉल व घर का द्वार हो तो उस घर के लोग बदनामी, जेल, एक्सीडेंट या खुदकुशी के शिकार होंगे। हार्ट अटैक, ऑपरेशन, एक्सीडेंट, हत्या, लकवा जैसी असामयिक मृत्यु के शिकार भी हो सकते हैं।

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तीसरा वास्तुदोष घर के ईशान कोण में होता है। घर का यह कोना अंदर दब जाए, कट जाए, गोल हो जाए या किसी कारण दक्षिण पूर्व की दीवार पूर्व की ओर आगे बढ़ जाए तो घर के पुरूष सदस्य द्वारा और यदि उत्तर पश्चिमी दीवार का का उत्तरी भाग आगे बढ़ा हुआ हो तो स्त्री सदस्य आत्महत्या कर सकती है।

चौथा वास्तुदोष घर के जिस घर में पूर्व दिशा में मुख्य द्वार हो और कम्पाउंड वॉल के पूर्व -आग्नेय कोण में द्वार हो अथवा घर का ईशान कोण कट गया हो। ऐसे घर का मालिक आत्महत्या कर सकता है।

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पांचवा वास्तुदोष जिस घर में वायव्य में कुआं और पश्चिम-नैऋत्य में पश्चिम की ओर ढलाऊ बरामदा हो, कम्पाउंड वॉल के पश्चिम-नैऋत्य में भी दरवाजा हो तो उस घर का मालिक आत्महत्या कर लेता है।

यदि किसी घर के दक्षिण नैऋत्य में मार्ग प्रहार हो यानी इस दिशा में कोई रास्ता आकर मिल रहा हो तब स्त्रियां और पश्चिम नैऋत्य में कोई मार्ग आकर घर के द्वार के पास मिल रहा हो तब पुरूष इस प्रकार का कदम उठाते हैं।

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जमीन के पूर्व आग्नेय कोण को किसी भी चीज से ढकना नहीं चाहिए अन्यथा पुरूषों में निराशा और आत्महत्या की भावना बलवती होती है जबकि वायव्य ढका हुआ हो तब स्त्रियां निराश होकर इस तरह के कदम उठाती हैं।

ऐसे घर में जहां पूर्व दिशा में मुख्य द्वार हो, चारदीवारी के पूर्व आग्नेय दिशा में एक और फाटक हो या घर की ईशान दिशा कट गई हो। वहां रहने वाले परिवार के सदस्यों की मृत्यु आत्महत्या से संभावित है।

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जिस घर में वायव्य में कुआं और पश्चिम-नैऋत्य में पश्चिम की ओर ढलाऊ बरामदा हो, पश्चिम में निम्न स्थल या चहारदीवारी की दक्षिण-नैऋत्य में फाटक हो। ऐसे घर में रहने वाले लोग आत्महत्या कर लेते हैं। अगर आपके घर में भी यह वास्तु दोष हैं तो इन्हें तुरंत दूर करें।

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