आखिरकार पाक ने माना, हमारी जमीन से चल रहे है आतंकी संगठन लश्कर-जैश

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 06 सितम्बर 2017, 10:52 PM (IST)

इस्लामाबाद। दुनियाभर में हो रही आलोचना के बीच आखिरकार पाकिस्तान ने माना कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन यही से कार्य कर रहे है। ब्रिक्स देशों के घोषणा-पत्र में पाकिस्तानी आतंकी संगठनों का नाम शामिल किए जाने के बाद पाक विदेशी मंत्री ख्वाजा आसिफ का यह बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगाए जाने की जरूरत पर बल दिया है। इन आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगाए जाने की वकालत करते हुए कहा कि इससे दुनिया को संदेश जाएगा कि पाकिस्तान अपनी धरती का इस्तेमाल आतंक को पराश्रय देने के लिए नहीं करता और उसे अपना घर कैसे ठीक रखना है, ये अच्छे से पता है।ख्वाजा आसिफ ने यह बात एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल पर ब्रिक्स डिक्लेयरेशन पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कही।

आसिफ जिओ न्यूज के शो पर सीनियर जर्नलिस्ट शाहजेब खानजादा के साथ बातचीत कर रहे थे। आसिफ के मुताबिक, आतंकी संगठनों पर ब्रिक्स की चिंता को चीन का ऑफिशियल स्टैंड नहीं माना जाना चाहिए, क्योंकि रूस, इंडिया, ब्राजील और साउथ अफ्रीका भी इसके पार्टनर्स हैं। उन्होंने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का नाम डिक्लेरेशन में शामिल किए जाने को लेकर चीन की भूमिका की तारीफ की। आसिफ ने कहा कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान में कई आतंकी हमलों का जिम्मेदार है।ख्वाजा आसिफ ने इससे पहले हुए ब्रिक्स समिट का हवाला दिया, जो भारत में हुई थी। आसिफ ने कहा, उस समिट के दौरान भारत ने डिक्लेरेशन में प्रतिबंधित संगठनों के नामों को शामिल किए जाने के लिए लॉबिंग की थी, लेकिन चीन के विरोध के कारण वो कामयाब नहीं रहा था। लेकिन, दोस्तों को हर बार परखना ठीक नहीं है। खासतौर से बदले हुए माहौल में।

हमें लश्कर और जैश जैसे संगठनों की हरकतों पर कुछ बंदिशें लगानी होंगी, ताकि हम ग्लोबल कम्युनिटी को दिखा सकें कि हम अपने घर को ठीक करने का माद्दा रखते हैं।ख्वाजा आसिफ ने कहा, हमें खुद से सवाल करना चाहिए कि नेशनल एक्शन प्लान (नैप) के मुताबिक हमने दिल से काम किया है? क्या पिछले तीन साल के दौरान जर्ब-ए-अज्ब, रद्दुल फसाद और खैबर 4 के अलावा हमने वो सुधार किए, जो तय किए थे? क्या हमने दुनिया को ये दिखाया कि 2014 में जो इरादा हमने बनाया, उसके मुताबिक काम किया है?

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गौरतलब है कि चीन के शियामेन मे हुए ब्रिक्स सम्मेलन में सदस्य देशों ने एक सुर में इस्लामिक स्टेट और अल-कायदा सहित पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद को क्षेत्रिय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताया था। 9वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के 43 पृष्ठों के घोषणा-पत्र में एलईटी व जेईएम के साथ ही टीटीपी (तहरीक -ए-तालिबान पाकिस्तान) को इस्लामिक स्टेट के समतुल्य बताया गया और उनके कार्यो की निंदा की गई थी। शियामेन घोषणा-पत्र में कहा गया था कि हम क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति पर और तालिबान, इस्लामिक स्टेट (आईएस), अलकायदा और इससे संबद्ध संगठनों ईस्टर्न तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट, इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान, हक्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, टीटीपी और हिज्बुल-तहरीर द्वारा की गई हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हैं।

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