संयम से ही आत्मा परमात्मा होती है : मुनि विश्रांत सागर

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 31 अगस्त 2017, 6:02 PM (IST)

जयपुर। दुर्गापुरा स्थित श्री चन्द्रप्रभु दिगम्बर जैन मंदिर से सुगन्धदशमी मनाने के लिए मुनि विश्रांत सागर महाराज के सान्निध्य में विशाल शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में शिविरार्थियों सहित सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए। दुर्गापुरा से रवाना होकर महावीर नगर के दिगंबर जैन मंदिर के दर्शन के बाद सुगन्ध दशमी के मौके पर अग्नि में धूप खेई गई। शोभायात्रा महावीर नगर से रवाना होकर जय जवान कॉलोनी के जैन मंदिर पहुंची। वहां जयकारों के साथ श्रद्धालुओं ने अपने अष्ट कर्मों के नाश के लिए धूप अग्नि में खेई। शाम 5 बजे शोभायात्रा वापस दुर्गापुरा मंदिर लौटी। शोभायात्रा में महिलाएं लाल साड़ी तथा शिविरार्थियों ने सफेद धोती-दुपट्टे पहने हुए थे।

इससे पूर्व उत्तम संयम धर्म के मौके पर प्रातः हुई धर्म सभा में मुनि ने कहा कि संयम के अभाव में मनुष्य का जीवन अधूरा है। संयम से ही मानव का कल्याण होता है। जैसे थोडी सी खटाई दूध को फाड़ देती है, उसी प्रकार थोड़ी सी कषाय, वासना सम्पूर्ण संयम को नष्ट कर देती है। संयम से ही आत्मा परमात्मा होती है। अतः अपने जीवन में संयम धर्म का पालन करें। धर्म सभा का मंच संचालन यश कमल अजमेरा ने किया।

वरिष्ठ उपाध्यक्ष अशोक पाटनी काशीपुरा वाले ने बताया कि शुक्रवार को उत्तम तप धर्म मनाया जाएगा। इस मौके पर अभिषेक, शान्तिधारा, पूजा, प्रवचन के बाद दोपहर में भक्तामर स्त्रोत, तत्वार्थसूत्र की कक्षाएं लगेंगी। शाम को दुर्गापुरा मंदिर प्रांगण में महाआरती, सांस्कृतिक आयोजन होंगे।



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