सुल्तानपुर। 10 वर्ष पूर्व एससी-एसटी समेत कई धाराओं दर्ज हुए मामले में गुरुवार को आप
के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। जहां
कोर्ट ने उन्हें दो दिन के एन्ट्रिम बेल पर रिहा किया है।
तत्कालीन विधायक के थे पीआरओ
जानकारी
के अनुसार 5 जून 2007 को सदर तहसील में तैनात रहे दलित उपनिबंधक लिपिक
रामसागर ने कोतवाली नगर में आम आदमी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह के
खिलाफ केस दर्ज कराया था। संजय सिंह पर आरोप था कि मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने
को लेकर उन्होंने गाली गलौज करते हुए सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाई है।
आपको बता दें कि केस दर्ज होने के समय संजय सिंह तात्कालीन सदर विधायक अनूप
संडा के पीआरओ थे।
एससी-एसटी कोर्ट ने दिया बेल
इस
मामले में गुरुवार को संजय सिंह ने सीजीएम कोर्ट में आत्मसमर्पण किया।
जहां पेश हुई जमानत अर्जी को प्रभारी सीजेएम प्रभानाथ त्रिपाठी ने की खारिज
कर दिया। तदुपरांत संजय सिंह ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से स्पेशल जज
एससी-एसटी एक्ट की अदालत में सुनवाई के लिए अर्जी दिया।दिन में करीब दो बजे
स्पेशल जज उत्कर्ष चतुर्वेदी की अदालत में अर्जी पर सुनवाई शुरु हुई और
फिर संजय सिंह को एन्ट्रिम ज़मानत पर रिहा किया।
लिपिक पर एंटी क्रप्शन कोर्ट में दर्ज हुआ था केस
सनद
रहे कि रजिस्ट्री आफिस में तैनात लिपिक राम सागर पर भी घूसखोरी के आरोप लग
चुके हैं, और उक्त केस लिपिक राम सागर को पकड़वाने के चक्कर में दर्ज हुआ
था। लिपिक राम सागर पर भी एन्टी करेप्शन कोर्ट गोरखपुर ने मुकदमा दर्ज
कराया गया था और फिर बाद लिपिक पर विभागीय कार्रवाई भी हुई थी।
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